इन्तजार एक का था, पर दो मिलीं 30-04-2014 प्रेषक : रवि अन्तर्वासना के पाठकों को प्रणाम। सभी पढ़ने वालों और वाली भाभियों और कुंवारी चूतों को मेरे खड़े लंड का सलाम। मेरा नाम पूरी कहानी पढ़ें »