घर में मेरी हमउम्र नौकरानी कविता मेरे सामने आती मेरे मन में कविता की चुदाई के ख्याल आने लगे। जब भी वो झाड़ू-पोंछा करती तो मैं उसकी चूचियों को देखता था!
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