नीलम रानी का नक़ली देह शोषण-4
‘हाँ हाँ राजे, मैं तेरी लौंडिया हूँ… तेरी दासी हूँ… जो भी तेरे दिल में आये वो कर मेरे साथ… बना दे कोठेवाली रंडी मेरे को… अब दे मुझे अपना लण्ड चूसने को!’
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‘हाँ हाँ राजे, मैं तेरी लौंडिया हूँ… तेरी दासी हूँ… जो भी तेरे दिल में आये वो कर मेरे साथ… बना दे कोठेवाली रंडी मेरे को… अब दे मुझे अपना लण्ड चूसने को!’
चाँदी जैसी चूत है तेरी, उस पे सोने जैसे बाल .. एक तू ही धनवान है रण्डी, बाकी सब कंगाल.. जिस रस्ते से तू गुजरे, सबके लण्ड
नीलम रानी इतरा के बोली- मज़ा तो ख़ूब आया राजा, लेकिन बहन के लौड़े तूने कितना ज़ोरों से कुचला है मेरे मम्मों को… हरामी ने मलीदा बना के रख दिया मेरे बदन का… लेकिन बहनचोद अभी तेरा गेम पूरा नहीं हुआ है..
मैंने नीलम रानी की टांगें चौड़ी कीं और लौड़े का सुपारा उसकी रसरसाती हुई चूत के मुँह पर रखा और धड़ाके से एक ही धक्के में पूरा का पूरा लण्ड नीलम रानी की चूत में पेल दिया।
मस्ता तो मैं भी बहुत गया था, जी करता था कि अभी मचल अचल कर इस कामुक, कामासक्त और कामातुर लड़की को चोद के रख दूँ। फिर हम दोनों एक साथ नहाये भी…
और आखिर भाभी चुद गई चूतेश अन्तर्वासना के सभी पाठकों को चूतेश की नमस्ते। मेरे पास कई पढ़ने वालों के मेल आये जिसमें वे चाहते
दो ही मिनट के अंदर शिखा रानी ने टांगें कस के ‘दन दन दन दन’ मेरे मुँह पर धक्के लगाये और एक लम्बी सी सीत्कार
चूतेश शिखा रानी ने कहा- तूने सलोनी रानी का स्वर्ण रस पिया था उससे मिलते ही। हमें तूने चोद भी दिया लेकिन स्वर्ण रस अभी
चूतेश मैंने अपनी जान को बाहों में लपेट लिया और उसे चूमता हुआ तगड़े तगड़े धक्के मारने लगा। वो झड़ चुकी थी और पसीने में
चूतेश अब तक मैं भी बेतहाशा उत्तेजित हो चुका था। मैंने तुरंत शिखा रानी की टांगें चौड़ी कीं और उनके बीच में घुटनों पर बैठ
चूतेश मैं उठा और उसकी तरफ लपका तो मेरी लिपटी हुई लूंगी खुल कर गिर गई और मैं पूरा नंगा हो गया। मुझे नग्न देखते
चूतेश प्रिय पाठक और पाठिकाओं को चूतेश का नमस्कार। सलोनी रानी की कहानी छपने के बाद मुझे बहुत से मेल मिले प्रशंसा के, कई लड़कियों
सलोनी रानी ने कहा- तू राजे… एकदम सीधा लेट जा… मैं तेरी तरफ अपने चूतड़ रखूंगी… तू चूसे जाना ! इतना कह के सलोनी रानी
चूतेश सभी पाठकों को चूतेश का नमस्कार। अन्तर्वासना के माध्यम से मुझे कुछ ही दिनों में एक गर्लफ्रेंड मिली जिसकी कहानी मैं प्रस्तुत कर रहा
अनु रानी का आगे का सारा शरीर चाट चाट के मज़ा देता हुआ और मज़ा लेता हुआ मैं उसकी छाती तक आ गया, बड़े प्यार से कुछ देर तो मैंने दोनों चूचियों को सहलाया, दबाया व निचोड़ा और निप्प्लों को भींचा मसला।
अनु रानी ने मुझे दुबारा से एक बहुत लम्बा चुम्बन दिया और बोली- राजे… अब जा थोड़ा आराम कर ले या मेरी बहन नीलम के साथ खेल ले… शाम को मेरा पति और तू मुझे एक साथ चोदोगे… अच्छा बता तू पहले चूत मारेगा या गाण्ड?’
अनु रानी ने कहा- सुन राजे… थोड़ी देर तू मेरी झांटों के जंगल की हवा खा… फिर मैं तेरे को अपनी चूत का अमृत नंबर एक पिलाऊँगी… तुझे पता है अमृत नंबर एक क्या है?’
इधर मीटिंग चालू हुई, उधर नीलम रानी ने मेरे मोज़े जूते उतार दिए और फिर बड़ी सफाई से मेरी पैंट की ज़िप खोलकर लण्ड बाहर निकाल लिया।
जैसे ही उसने लण्ड के सुपारे को दोनों हाथों में थाम कर मथनी की तरह हाथ चलाए, लण्ड अकड़ गया।
‘अरे क्या बताउँ राजे… जीजाजी तो रोज़ चार चार बार अनु को चोद रहे ही हैं, अब उन पर एक नया फितूर सवार हो गया है, वो अनु के पीछे पड़े हैं कि वो अनु को किसी और मर्द से चुदाते हुए देखना चाहते है
अनु ऊपर जीजाजी नीचे, अनु जीजाजी की ओर पीठ करके या कभी उनकी ओर मुँह करके, घोड़ी की तरह खड़े होकर, कभी बाज़ू में लेटकर, कभी जीजाजी की गोद में उनकी तरफ पीठ करके, कभी गोद में उनकी तरफ मुँह करके, कभी अनु को डाइनिंग टेबल पर लिटा कर जीजाजी ने खड़े खड़े चोदा
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