मामा मुझे गोद में लेकर जो मन में आता.. वो सब करते थे और मैं सिर्फ़ खामोश रहती थी। जैसे कि कभी-कभी पैन्टी उतार कर उंगली से मेरी चूत को फैलाकर के अन्दर देखते.. या फिर मेरी चूत को चाटते थे
मेरे चाचा जी ने दोनों हाथ से मेरे मम्मों को दबाया और पागलों के जैसे चूसने लगे। फिर एक हाथ से मेरी पैन्टी को उतारा, चूत पर ले जाकर उसमें दो ऊँगलियाँ डाल दीं।
मैंने टी-शर्ट उतारी, ब्रा को सूंघा और चाटने लगी और उस वीर्य से भरी ब्रा को पहन लिया.. जब गीली-गीली ब्रा मेरे सूखे चूचों पर लगी.. तो मेरी सिसकारी निकल गई।
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