आह ! मैं तो मॉम का शरीर देख कर स्तब्ध रह गया। चिकना तराशा हुआ बदन, काम की देवी जैसी मूर्ति ! पर मॉम को जैसे फ़ुर्सत ही कहाँ थी। उन्होंने मुझे पकड़ा और जोर से बिस्तर पर पटक दिया।
काजल ने उनके लण्ड जम कर चूसना चालू कर दिया। कभी जय का लण्ड चूसती और कभी राज का लण्ड। दोनों के चूतड़ हिलने लगे और लग रहा था कि वे काजल का मुख चोद रहे हो।
विनोद ने माधुरी को अपनी ओर खींचा और माधुरी जान करके उसकी गोदी में बैठ गई। विनोद माधुरी की नरम गाण्ड में अपना कड़क लण्ड दबाता हुआ उसे प्यार करने लगा। उसके कड़क लण्ड का अह्सास पा कर उसने अपनी गाण्ड को उसके लण्ड पर ठीक से सेट कर लिया।
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