प्यासी चूत और भूखे लंड की कहानी-2
ऑटो रिक्शा में मिली एक प्यासी औरत को मैं कैसे पटा कर अपने दोस्त के कमरे ले गया और वहां उसे कैसे गर्म करके सता सता कर चोदा. पढ़ें इस नंगी कहानी में!
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ऑटो रिक्शा में मिली एक प्यासी औरत को मैं कैसे पटा कर अपने दोस्त के कमरे ले गया और वहां उसे कैसे गर्म करके सता सता कर चोदा. पढ़ें इस नंगी कहानी में!
यह कहानी गर्म जिस्मों के खेल की है, कामवासना की है. सेक्स पाने के लिए बस एक अच्छा इंसान होना ही काफी नहीं है, उसका चालाक, घाघ वाकपटु होना भी जरूरी है.
फेसबुक से मेरा एक दोस्त बना, उसके अपनी चुदक्कड़ माँ के बारे में बताया और अपनी माँ की चुदाई का जुगाड़ बनाया. मैंने उसकी माँ को चोदा ट्रेन में उसके सामने!
मेरा दोस्त छुट्टी के बाद अपनी नई नवेली बीवी के साथ आया। उसकी वाइफ एक कमसिन कली है। वो मुझे ऐसे देखती मानो जन्म से प्यासी! भाभी की चूत चुदाई कैसे हुई?
हिना को मैं असली सेक्स की दुनिया दिखा रहा था.. वो अपना सर इधर उधर घुमा रही थी, उसकी बर्दाश्त से बाहर हो रहा था सब.. उसका भाई पास से देख रहा था।
मेरी सेक्स कहानी पढ़ कर एक लड़के ने मुझसे दोस्ती की, बताया कि उसकी बहन भी अन्तर्वासना की फ़ैन है, वे दोनों भाई बहन चुदाई करते हैं, वो अपनी बहन मुझसे चुदवाना चाहता है।
मेरे पड़ोसी दोस्त की नजर मेरी मां पर थी, वो मुझसे मां की चुदाई की बात करता था। मेरी मां भी यही चाहती थी। और एक दिन मैंने उन दोनों को चुदाई करते देखा।
सच सोनू.. एक बार अपनी माँ की चूत दिलवा दे, उसकी चूत क्या मस्त पॉव रोटी जैसे होगी.. रस से भरी.. जब वो मेरे लंड के आगे चुदने के लिए कुतिया बनेगी तो…
मेरे साथ वाले घर का लड़का मेरे साथ सेक्स मूवी देखता था। उसकी मम्मी को मैं देखता था, उनकी चूची घूरता था तो वो बुरा नहीं मानती थी। उसे मैंने कैसे चोदा?
रोहित पुणे वाले दोस्तो, मैं फिर से आ गया हूँ अपनी कहानी ‘मेरी दीदी के कारनामे’ का अगला हिस्सा लेकर ! इस भाग ‘चाची का
अब मैं यह समझ चुका था कि भाभी सब कुछ चाहती हैं, लेकिन शर्म के मारे मुँह से बोल नहीं सकती। अब मैंने खुद से
रोहित पुणे वाले सत्येन्द्र जी ने मुझसे कहा- तुम लखनऊ आ जाओ, यहाँ किसी अच्छे होटल में रुक जाओ। हम वहीं आकर तुमसे मिल लेंगे।
रोहित पुणे वाले बात अभी कुछ ही दिनों पहले की है, मैंने एक वयस्कों की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन किया था और वहाँ सभी के
इशरत की गोरी गोरी मुलायम टाँगें, मांसल जाँघें और गोल गोल चूतड़ का क्या नज़ारा दिख रहा था.. और पीछे से उस आदमी का लंड
दोस्तो, यह कहानी मेरे एक दोस्त की जुबानी सुनाई जाएगी, इस कहानी से तीन किरदार हैं मैं रोहित, मेरा दोस्त शमीम और उसकी बीवी इशरत
क्या मस्त चूतड़ थे दीदी के ! दिल तो कर रहा था कि पूरी जिंदगी दीदी की गाण्ड ही चाटता रहूँ.. मैं वहीं बैठा दीदी
मेरी नज़र उसके पाजामे पर पड़ी, दीदी का हाथ उसके पाजामे के अंदर था और उसके लंड की सहला रही थी… क्यूँकि दीदी को एहसास नहीं था मेरे होने का ! उन्होंने उसके लंड की पकड़ कर पाजामे से बाहर निकाल लिया।
कैसे हो दोस्तो ! मैं हाज़िर हूँ अपनी कहानी ‘मेरी दीदी के कारनामे’ का अगला हिस्सा लेकर ! उस दिन दीदी को उस दर्ज़ी से
मेरा नाम विकी है, और मेरी उमर 23 साल। मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ जहाँ से शहर का रास्ता
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