सन्ता बन्ता के चुटकुले-1
सन्ता नाई के पास बन्ता राम दाढ़ी बनवाने आया. बन्ता राम की मूछें थी जो सन्ता नाई से गलती से कट गई. सन्ता नाई ने
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सन्ता नाई के पास बन्ता राम दाढ़ी बनवाने आया. बन्ता राम की मूछें थी जो सन्ता नाई से गलती से कट गई. सन्ता नाई ने
सन्ता की शादी हो रही थी, फेरों पर बैठने के लिए जब प्रीतो आई तो उसने पंडित से पूछा- पंडित जी, मैं इनकी दाईं तरफ
सन्ता के बेटे पप्पू ने अपनी कामवाली सलमा से पूछा- आंटी आप रोज रोज पापा का नुन्नू अपने मुँह में ले कर क्या करती हो?
अख़बार पढ़ते बन्ते की नज़र एक समाचार पर टिक कर रह गई। इस विशेष और शोधपूर्ण लेख को अपनी श्रीमती से शेयर करने से वह
प्रेषक : मयंक गर्ग मेरी शादी को सवा साल हो चुका था जब मेरी बीवी गुंजन ने मुझे बताया कि उसकी माहवारी नहीं हुई है,
दोस्तो, आज मैं आपको अपने जीवन की पहली चुदाई के बारे में बताता हूँ। सबसे पहले मैं अपने बारे में, मेरा नाम कपिल है, मैं
मेम साहब मेरे ऊपर यानि लंड के ऊपर अपनी चूत रखकर बैठ गई। जैसे ही वो मेरी लंड के ऊपर बैठ कर नीचे हुई, मेरी तो वाट लग गई, मेरे लौड़े की सारी खाल खिंच कर नीचे आ गई और मैं दर्द के मारे चीखने लगा।
स्कूल में एक बच्चा अपने से बड़े लड़कों के मुँह से पुस्सी और बिच शब्द सुनता है उसके मन में बहुत उत्सुकता हो जाती है
प्रस्तुतकर्ता : छुपा रुस्तम अकबर के दरबार में नौ रत्न थे जिनमें राजा बीरबल ही ऐसा था जो न सिर्फ अकबर को प्यारा था वरन
प्रेषक : हरेश जोगनी अन्तर्वासना के सभी पाठकों को हरेश जोगनी का नमस्कार ! आपके लिए फ़िर कुछ छोटी छोटी कहानियाँ लेकर आया हूँ। ये
प्रेषक : हरेश जोगनी अन्तर्वासना के सभी पाठकों को हरेश जोगनी का नमस्कार ! आपके लिए फ़िर कुछ छोटी छोटी कहानियाँ लेकर आया हूँ। ये
“… यार, अठारह से अट्ठाईस साल की लड़कियाँ देखते ही कुछ होने लगता है…!” पतिदेव थे, फ़ोन पर शायद अपने किसी दोस्त से बातें कर
प्रेषक : मनीष अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार, यह मेरी पहली कहानी है, यह कहानी समलैंगिक है या नहीं यह तो पता नहीं पर
प्रेषिका : राबिया पिछले महीने 19 जनवरी की रात जीजी की शादी हुई और इसी के साथ वो शादीशुदा हो गई। अगले दिन उनकी विदाई
दोस्तो, मैं अपनी सच्ची कहानी आपको बता रहा हूँ। मेरा नाम संदीप है, करनाल का रहने वाला, 23 साल का एक कुंवारा लड़का हूँ। वैसे
प्रेषिका : निशा भागवत मैंने उसे अपने बिस्तर पर लेटा लिया और उससे चिपक गई। “अरे भाभी सुनो तो…! यः क्या कर रही हैं आप…?”
प्रेषिका : निशा भागवत जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी तब मैं राहुल से बहुत प्यार करती थी। मेरी एक हमराज सहेली भी थी विभा…
लेखिका : कामिनी सक्सेना दो तीन वर्ष गाँव में अध्यापन कार्य करने के बाद मेरा स्थानान्तरण फिर से शहर में हो गया था। मैं कानपुर
मेरा नाम गौरव है और मेरी गर्लफ्रेंड का नाम जूली है। मैं आज आप लोगों के सामने एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ। बात उन
यह कहानी केवल मनोरंजन के लिए है जिनका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है। मैं मध्यप्रदेश के एक गाँव की रहने वाली हूँ, मेरा
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