वो मदमस्त होकर अपनी आँखें बंद कर चुकी थी और मेरे सहलाने का मज़ा ले रही थी। मैंने उसके बालों से होते हुए उसके चेहरे पर जैसे ही उंगली घुमाई तो उसने मुँह में मेरी उंगली ली और चूसने लगी।
मैं उसको बाथरूम के अन्दर तक लेकर गया। मैंने सकुचाते हुए दूसरी तरफ मुँह फेर लिया.. वो कमोड पर बैठ कर पेशाब करने लगी.. उसकी चूत तो मुझे नहीं दिख रही थी.. पर उसकी पेशाब की ‘सुर्रर्रराहट’ सुनाई पड़ रही थी।
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