नौकरानी और प्रेमिका एक साथ
मेरी एक प्रेमिका थी. खुल कर चूत देती थी. एक बार मैंने नयी नौकरानी रखी. नमकीन माल थी, सेट हो गयी. उसी दिन मेरी प्रेमिका आ गयी. दोनों को एक साथ कैसे सम्भाला मैंने?
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मेरी एक प्रेमिका थी. खुल कर चूत देती थी. एक बार मैंने नयी नौकरानी रखी. नमकीन माल थी, सेट हो गयी. उसी दिन मेरी प्रेमिका आ गयी. दोनों को एक साथ कैसे सम्भाला मैंने?
यह कहानी नहीं, एक प्रेम पत्र है एक वासना के पुजारी चोदू का उसकी प्रेमिका के नाम! इसमे चिदू अपनी प्रेमिका की चुदाई की पुरानी यादों को ताजा कर रहा है.
इस कहानी में जो फोन सेक्स चैट गालियाँ, वार्तालाप है, वो हम दोनों पति पत्नी के बीच का है. अक्सर ये सब उस वक्त होता है, जब मैं बाहर गांव जाता हूँ तो उससे करता हूँ.
एकदम अनजान मस्त माल शीला मुझसे मेरे घर आकर जबरदस्त और खुल कर चुदी. कुछ दिन बाद मैंने उसे फोन करके चुदाई के लिए पूछा तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया. कहानी का मजा लें!
वो सेक्स की इतनी भूखी थी कि उसकी चुत में जैसे चुदाने की आग लगी थी. उसकी चूत एकदम गरम थी. अभी तक मैंने जितने भी धक्के लगाए थे, उससे उसकी आग नहीं बुझी थी. अब वह चाहती थी कि मैं उसको अलग अलग आसनों से चोदूँ, जैसे डॉगी स्टाइल में, बैठ के, खड़े होकर…
मैं अपने खेतों के काम से अपने फार्म हाउस में रह रहा था. उस शाम बारिश होने लगी, मैं बाहर निकला तो पेड़ के नीचे एक लड़की खड़ी भीग रही थी, मैंने उसे अंदर चलने को कहा. कहानी पढ़ कर मजा लें!
अब तक आपने पढ़ा.. ‘यार मुझे तो निशा ने बुलाया था उसका साथ देने के लिए.. अब मुझे क्या पता उसके दिल में क्या है..?’
मेरे पति मेरी एक सहेली को चोदना चाहते थे, वो भी मेरे पति से चुदना चाहती थी लेकिन रुकावट मैं थी. एक दिन मैंने उन दोनों को छूट दे ही दी, मैंने सहेली को बुला लिया.
जमील मियाँ चूत चोदने के मामले में काफी तंदुरुस्त थे, एक बार में उसे चोदने के लिए दो-दो औरतें लगती थीं। कभी-कभी निगार और रोशन नंगी सोतीं और सलमा लंड चूसती.. ऐसा बार-बार होता।
फार्म हाउसला आम्ही पोहचलो तेव्हाच दृश्य तुम्हाला वाचून माहित असेलच. सदाने जणू राखीला आपल्या लवड्याच्या झुल्यावर बसवले होते. तिचे दोन्ही थान त्या प्रकारामध्ये गदगद हलत
उसने मुस्कुराते हुए अपने होंठ सिकोड़े और मेरे लंड को पूरा मुँह के अन्दर भर लिया। उसने जो पूरी लम्बाई का मेरा लंड अन्दर लिया.. तो पहली बार उसे खांसी आई। ‘पूरा नहीं जाता..’
‘यह लड़की मुझसे चुदवाएगी’ तब तक मेरे जेहन में ऐसा कोई विचार नहीं था, वो सिर्फ अच्छी लगती थी। मैंने मेरी बीवी को भी इतनी शिद्दत से नहीं चाहा था।
पहली बार अपनी चूत फड़वाना और वो भी जैसे अधेड़ से.. ये थोड़ा अजीब था, ये बेमेल रिश्ता हुआ कैसे? यह मेरी समझ में तब आया.. जब उसने खुल कर बात बताई।
या सर्व पकारात एक गोष्ट मात्र हिच्या लक्षात आली नव्हती. ती म्हणजे या खुलाश्यामुळे माझ तिच्यावरच प्रेम द्विगुणीत झाल होत. कारण मुक्त सेक्स हा माझाच
‘अहो’ ‘काय?’ ऐकल का ? ‘काय म्हणतेस?’ ‘ती कुसुम भेटली होती ‘. ‘कोण ?’ ‘कुसुम’ ‘अच्छा, दिन्याची बायको, तीच काय ?’ ‘ती म्हणे शिरीषभौजिंबरोबर आहे
इतने प्यार से वो लंड चूस रही थी.. जैसे कोई बालक लॉलीपॉप चूसता है। उसका यह चूसना देख कर मेरी चूत में चुनचुनी होने लगी, मेरा बदन आग में तपने लगा, दोनों मम्मों को दवबाए जाने की प्यास बढ़ने लगी।
‘मादरचोद.. रांड.. चूत की लौड़ी.. नंगी चुदक्कड़ माल.. तेरी चूत में लंड.. तेरे चूत को चोदूँ.. तेरी माँ की चूत.. बहनचोद..!’ मेरे शौहर मुझे जब भी चोदते हैं.. तो उनकी ये प्यारी गालियाँ मेरे कानों में गूंजती रहती हैं।
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