सेक्स है कुदरत का वरदान- 5
(New Wife Ass Fuck Story)
न्यू वाइफ ऐस फक स्टोरी में पहली रात में दुल्हन की दो बार चुदाई के बाद सुबह जब पति जागा तो वह एक बार फिर सेक्स करना कहता था. पर सेक्सी बीवी ने मना कर दिया.
कहानी के पिछले भाग
दुल्हन कुंवारी होने का नाटक करके चुदी
में आपने पढ़ा कि पम्मी का विवाह हर्ष के साथ होता है और पम्मी हर्ष के सामने अपनी चूत के सील पैक होने का दावा करती है। हर्ष पम्मी के साथ सुहागरात मनाता है और चुदाई के बाद अपना लंड, चूत से बाहर निकाल के उसको निहारता है।
अब आगे न्यू वाइफ ऐस फक स्टोरी:
उसने देखा कि उसका सुपारा पम्मी की चूत की सील टूटने के कारण निकले रक्त, चूत रस और वीर्य के मिश्रण के कारण से बहुत सुंदर लाल सुर्ख अजीब सी चमक वाला दिखाई दे रहा था।
लंड के बाहर निकलते ही पम्मी की चूत से, पहली चुदाई में हर्ष के वीर्य का जखीरा, चूत रस और रक्त की कुछ बूंदों का मिश्रण, चूत से बाहर आने लगा।
पम्मी ने जानबूझ के एक सफेद नैपकिन रखा था जिस से उसके कुंआरी होने का प्रमाण, स्पष्ट रूप से उभर के आ सके।
चूत पोंछने के बाद पहले तो पम्मी ने देखा कि नैपकिन रक्त मिश्रित द्रव के कारण लाल हो गया था, उस ने वह नैपकिन हर्ष को दिखाया- देख मेरे चोदू राजा, लूट लिया तूने मेरी पवित्रता का खज़ाना!
हर्ष ने हामी भरी और कहा- मेरी रानी, मुझे गर्व है कि यह अनमोल अवसर मुझे प्राप्त हुआ। एक पति के लिए अपनी पत्नी के अक्षत कौमार्य से बड़ी कोई नेमत हो नहीं सकती।
दोनों नंगे जिस्म एक बार फिर लिपट गए।
कुछ देर बाद पम्मी ने हर्ष के सीने पर चुंबन देते हुए पूछा- कैसा लगा मेरी अनछुई चूत का उद्घाटन कर के हर्ष?
हर्ष ने जवाब दिया- आज की रात मुझे सारी जिंदगी याद रहेगी क्योंकि तुमने मुझे आज एक अनमोल उपहार दिया है। जिसे पा कर कोई भी मर्द अपने आप को सौभाग्यशाली समझेगा।
पम्मी ने पूछा- यदि मेरी चूत सील पैक नहीं मिलती तो तू मेरे बारे में क्या सोचता? ईमानदारी से बताना।
हर्ष ने जवाब दिया- पम्मी, मैं क्या सोचता, उससे पहले मैं यह बता दूं कि मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि तेरे जैसी खूबसूरत परी मुझे सील पैक मिलेगी। क्योंकि आज कल 90 परसेंट लड़कियां शादी से पहले न केवल चुद चुकी होती हैं बल्कि उन में भी अधिकांश तो अपनी चूत में कई कई लंड ले चुकी होती हैं। इसलिए अगर तेरी चूत सील पैक नहीं होती तब भी मैं तो उसके लिए मानसिक रूप से तैयार था पर मुझे सील पैक मिली इस बात का गर्व जरूर है। वैसे इसी के साथ एक बात मैं कह दूं, हम मर्द लोग बहुत बड़े कमीने होते हैं। खुद ने भले ही सौ सौ लड़कियां, भाभियां, चाचियां चोद रखी हों लेकिन कहीं ना कहीं दबी हुई हसरत यही रहती है कि उसे अनछुआ, कोरा कागज़ जैसा बदन मिले।
हर्ष ने तब पूछा- चल अब तू यह बता कि तुझे मेरा लंड और मेरी चुदाई कैसी लगी?
पम्मी ने जवाब दिया- हर्ष, चूंकि मेरा तो यह लंड भी पहला था और चुदाई भी। इसलिये मुझे तो यह भी नहीं मालूम कि अच्छी चुदाई कैसी होती है तथा बुरी चुदाई कैसी?
हर्ष ने कहा- अरे अच्छी चुदाई वो जिसमें औरत को चुदवाने में बहुत अधिक मजा आए, वह झड़ जाए। तथा बुरी चुदाई वो जिस में मर्द केवल औरत की चूत में केवल अपना पानी निकाले और उसे बिना चरमसुख दिए उतर जाए।
इस पर पम्मी बोली- तूने तो भीषण तरीके से मेरी चूत को रगड़ा है, तेरे लौड़े के कारण अद्भुत आनंद मेरी चूत को मिला है। जितनी ज़ोर से यह झड़ी है, मेरे लिए तो ये सब कल्पना के बाहर था। मैंने आज पोर्न वीडियो देखे थे लेकिन चुदने और झड़ने की अनुभूति तो तभी होती है कि जब मर्द का लंड अपनी चूत में हो। मुझे जो अनुभव तूने दो बार झड़ा के दिया है, मैं इससे अधिक की कामना भी नहीं कर सकती थी यार। मेरा पोर पोर तो तूने निचोड़ दिया साले!
कह के पुनः हर्ष पर चढ़ गई और लाड़ लड़ाने लगी।
हर्ष बोला- दिल खुश कर दिया तूने मेरी रानी। तेरी हरकतों से लग रहा है कि तुझे अभी भी पूरी तृप्ति नहीं मिली, तुझे एक और बार चोदना पड़ेगा।
पम्मी ने कहा- और क्या, इतने सालों के इंतजार के बाद सुहागरात आई, मेरे कुंआरे बदन पर कोई मर्द पहली बार चढ़ा है, केवल एक बार चुद के मान जाऊंगी क्या?
हर्ष ने कहा- बिल्कुल चोदूंगा साली, लंड तैयार करने के लिए थोड़ा समय तो दे। मुझे तो चुदाई के सुख के साथ-साथ एक और बात की खुशी भी है।
पम्मी ने पूछा- कौन सी बात की?
हर्ष ने जवाब दिया- यही कि जिंदगी का खुलकर आनंद लेने के लिए, नए-नए लौड़ों से चुदने के लिए तू मेरी बात मान गई है।
पम्मी ने चौंकने का अभिनय किया, बोली- अरे मैं कब मान गई?
हर्ष ने पूछा- जब तू झड़ने वाली थी तब तूने क्या कहा था? तुझे याद नहीं?
पम्मी के मना करने पर हर्ष ने याद दिलाया, तूने कहा था- “चुदाई में इतना मजा आता है, मुझे नहीं पता था, नहीं तो मैंने पता नहीं कितने लंड इस निगोड़ी चूत में ले लिए होते!
तब पम्मी ने कहा- यार, हो सकता है उत्तेजना की अवस्था में, बेख्याली में, मेरे मुंह से निकल गया होगा।
हर्ष ने कहा- लेकिन बेख्याली में अक्सर दिल की बात जुबां पर आती है।
इस पर पम्मी ने सफाई देते हुए कहा- पर हर्ष, जब मुझे तेरे लंड से इतना अधिक आनंद मिल रहा है तो फिर मुझे दूसरे लंड से चुदने की जरूरत क्या है?
पम्मी की पूरी कोशिश थी कि हर्ष के दिमाग में यह बात गहरी बैठ जाए कि वह बहुत ही भोली भाली लड़की है जो सिर्फ उसके कहने से, उसकी काम संतुष्टि बढ़ाने के लिए, नए-नए लंड से चुदने को तैयार हो रही है।
हर्ष के ऊपर चढ़ी पम्मी ने हर्ष के लंड को अपने चूतड़ों के नीचे सेट कर लिया और उसे उठाने के लिए कमर हिला हिला के उसके नरम लंड की मालिश करने लगी।
हर्ष पम्मी के स्तनों से खेल कर लंड को अगली चुदाई के लिए तैयार होने का संकेत दे रहा था।
जल्दी ही पम्मी को अनुभव हुआ कि हर्ष का लंड न सिर्फ आकार में बढ़ गया है बल्कि कुछ कड़क भी हो गया है।
वह हर्ष के ऊपर से उतरी और उस के अर्ध कड़क हो चुके लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी जिससे हर्ष का चुदाई का मूड एकदम बन जाए।
हर्ष ने भी जैसे ही यह महसूस किया कि अब लंड पूरी तरह तन्ना गया है और उसे चूत में घुसेड़ देना चाहिए, वैसे ही वह उठा और पम्मी को चित लिटा दिया।
पम्मी की चूत में अपना लंड घुसाने के पहले हर्ष ने एक बार फिर पम्मी की चूत को प्राकृतिक रूप से चिकनी करने के लिए उसमें अपना मुंह दे दिया, अपनी मुख लार से पूरी चूत को जुबान से तर करने लगा।
जब चूत अच्छे से गीली हो गई तो फिर उस ने पम्मी को घोड़ी बनाया।
फिर उस की चूत में अपना कड़क लंड एक झटके में प्रवेश करा दिया।
चूंकि पम्मी की चूत की सील अब तो जाहिर तौर पर यानि हर्ष के सामने भी टूट चुकी थी इसलिए अब पम्मी को किसी अभिनय की आवश्यकता नहीं थी।
पहले ही धक्के से वह झूले की तरह आगे पीछे हो के जवाब देने लगी.
हर्ष भी इतनी जल्दी स्खलित होने वाला नहीं था क्योंकि कुछ देर पहले ही उस ने डिस्चार्ज किया था।
तो उस ने भी इस बार पम्मी की चूत में कस कस के रगड़े लगाना शुरू कर दिया।
पम्मी भी रगड़ों के मजे को दोगुना करने के लिए लगातार चूतड़ों को पीछे की ओर ला ला के चुदवा रही थी।
इस बार उसकी सिसकारियां और मुंह से उत्तेजना में निकलने वाले अश्लील शब्दों की बौछार बढ़ गई थी- चोद न कमीने, तेरे लोड़े में दम नहीं बचा है क्या भोसड़ी के? कस के, दम लगा के चोद न साले!
इस तरह के कामुक और उत्तेजक शब्द बोल बोल के वह हर्ष को दोगुना आनंद दे रही थी।
हर्ष भी पम्मी द्वारा बोली जाने वाली गालियों के कारण जोश में भर गया और पूरा दम लगा के पम्मी की चुदाई करने लगा।
पम्मी में आ रहे बदलाव ने हर्ष में नई ऊर्जा भर दी थी जिसके चलते उस ने पम्मी के चूतड़ों को थप्पड़ लगा लगा कर लाल कर दिया।
हर्ष को भोली भाली पम्मी इस पीड़ा का आनंद लेती हुई अभी एक गर्म कुतिया की तरह लग रही थी।
वह यह महसूस कर रहा था कि जैसे वह खुद एक कुत्ते की तरह उस की चुदाई कर रहा है।
जब चरम नजदीक था तो हर्ष ने पम्मी की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला और उसे पलंग के किनारे चित लिटा दिया।
उसके बाद उसने फिर अपना मूसल लंड उसकी चूत में घुसेड़ा और करारे झटके लगाना शुरू कर दिये।
पम्मी की चूत में उत्तेजना अपने उफान पर थी कुछ ही झटकों में उसका झड़ना निश्चित था।
वह आवेश में चिल्लाई- अब जरा कस के रगड़ दे मेरे हरषु … क..स.. के.. चो..द, क..स.. के.. चो..द.., मैं झ..ड़..ने वा..ली हूं, मैं झ..ड़..ने वा..ली हूं।
हर्ष ने झटकों में तेज़ी और ताकत भरी और पम्मी की चूत को रगड़ने लगा, अचानक पम्मी का पूरा बदन थिरका।
पम्मी ने पैर उठा के हर्ष की कमर पे बांध लिए और अपनी ओर भींचा।
हर्ष के लंड ने अब वासना के ज्वार को पम्मी की चूत के जिम्मे कर दिया था, जिस ने दोनों के शरीर को, सांसों एवं धड़कनों को सामान्य होने तक बांधे रखा।
उसके बाद पम्मी ने हर्ष के सहयोग से बिस्तर पर पलटी मारी।
हर्ष का लंड भी नरम पड़ चुका था।
वीर्य रस के टपकने के पूर्व पम्मी ने उसे एक मुलायम नैपकिन में समेट लिया।
कुछ ही देर में दोनों तनाव रहित गहरी नींद में सो चुके थे।
सुबह पम्मी की नींद खुली तब हर्ष बिस्तर पर नहीं था, वॉशरूम से फ्लश चलने की आवाज आई।
उसके बाद जब हर्ष बाहर आया तो उसने देखा कि पम्मी जाग रही है।
हर्ष ने उसे अपना लंड दिखाते हुए बोला- यार पम्मी, यह चैन नहीं लेने दे रहा।
पम्मी ने कहा- रात में दो दो बार इतना रगड़ने के बाद भी इसको चैन नहीं है तो मैं क्या करूं?
हर्ष बोला- यार, एक बार और चुदवा ले न, क्विक शो करेंगे अधिक देर नहीं रगड़ूंगा।
पम्मी ने कहा- बेवकूफ समझा है क्या कमीने? दो-दो बार मेरी चूत में अपने वीर्य का जखीरा खाली किया है, तीसरी बार में तो और भी अधिक समय लगेगा। फिर सुबह-सुबह प्रेशर केवल तुम्हारे ही नहीं बनता है मुझे भी तो फ्रेश होना है।
हर्ष ने कहा- अच्छा जा फ्रेश होकर आ … फिर देखते हैं।
पम्मी उस को जुबान निकाल कर, आंख मारते, अंगूठा दिखाती हुई फ्रेश होने चली गई।
हर्ष सोचने लगा कि ऊपर वाले ने उसके शरीर में न केवल भरपूर वासना भरी है पर एक सुदर्शन और शक्तिशाली लंड भी दिया है जिसने कई लड़कियों, भाभियों, चाचियों की चीखें निकलवा दी हैं। मुझे तो लग रहा था कि सुहागरात पर अधिक से अधिक एक बार रात में और एक बार सुबह ही चोद पाऊंगा। लेकिन वाकई में किसी लड़की के बीवी बनने के बाद उसके साथ जो भावनात्मक लगाव होता है, इससे भी शरीर और दिमाग को अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है। तभी यह साला लौड़ा, हथौड़ा बना चैन से नहीं बैठ रहा।
पम्मी फ्रेश हो कर आई तो हर्ष फिर गिड़गिड़ाने लगा- यार पम्मी एक बार चुदवा ले न!
पम्मी ने बोला- यार, तेरा लंड है कि आफत? दो दो बार इतना जम के रगड़ा कि मेरी तो चूत सूज गई है, मैं हरगिज हाथ नहीं लगाने दूंगी। तुम जा के नहाओ, मैं नाश्ता बनाती हूं।
हर्ष ने कहा- आज शादी के बाद हमारा पहला दिन है आज तो मैं अकेले नहाने वाला नहीं हूं। दोनों साथ में नहाएंगे।
पम्मी बोली- केवल नहायेंगे, तू कोई उधम मस्ती नहीं करेगा?
हर्ष ने कहा- यार, नई दुल्हन के साथ पहली बार नहाने का मौका है, थोड़ी बहुत मस्ती तो करेंगे।
उसके मन में न्यू वाइफ ऐस फक करने के ख्याल आ रहे थे.
थोड़े से नखरे दिखाने के बाद पम्मी हर्ष के साथ नहाने के लिए तैयार हो गई।
हर्ष और पम्मी दोनों बाथरूम में गए शॉवर से ठंडा पानी बदन पे पड़ते ही हर्ष का लंड थोड़ा नरम पड़ा।
उसने पम्मी को टॉयलेट सीट पर बिठा दिया और उसे लंड चूसने के लिए कहा जिससे वह फिर से तन सके।
ताजा-ताजा धुला हुआ, नरम मुलायम लंड चूसना हर औरत को अच्छा लगता है।
वह हर्ष का लंड चूसने लगी।
कुछ ही देर में वह फिर से कड़क हो गया, जिसके कारण पम्मी का मुंह दुखने लग गया।
उसने चूसना बंद कर दिया।
हर्ष ने पम्मी को खड़ा किया और दोनों के बदन पर शॉवर जेल मलना शुरू कर दिया।
हर्ष ने जेल मलते मलते पम्मी की गांड में बीच वाली उंगली घुसेड़ दी।
पम्मी बिदक गई, बोली- भोसड़ी के, ये क्या कर रहा है?
हर्ष ने कहा- यार साबुन के कारण तेरी गांड और मेरी उंगली दोनों चिकने हो रहे थे तो गलती से घुस गई।
उस के बाद हर्ष पम्मी के चूतड़ों में लंड लगा के पम्मी की गांड की मालिश करने लगा।
पम्मी बोली- हर्ष, तेरा लंड इतना मोटा है कि यदि तूने उसे गांड में घुसेड़ा तो मेरी गांड फट जाएगी।
हर्ष ने कहा- तू निश्चिंत रह यार, लंड से केवल मालिश करूंगा।
फिर वह पम्मी के कोमल, चिकने बदन से स्पर्श सुख लेने लगा।
हर्ष कभी स्तनों और कभी चूतड़ों को दबाने के मजे भी ले रहा था।
पम्मी ने भी हर्ष के चौड़े चकले सीने पर अपनी उंगलियां फिराई।
उसकी निप्पलों को छेड़ा निप्पल को छेड़ने से करंट सीधा लंड तक पहुंच रहा था।
हर्ष पम्मी के चूतड़ों के बीच अपना लंड टिका कर दोनों बोबों को मसलते हुए लंड के तनाव का आनंद लेने लगा।
हर्ष ने फिर पम्मी को थोड़ा नीचे झुकाया और अपने लंड को चूतड़ों के बीच में ऊपर नीचे करके उसकी चूत से गांड तक मालिश करने लगा।
पम्मी को हर्ष का इस तरह लंड से चूतड़ों के बीच सहलाना बहुत अच्छा लग रहा था.
तभी अचानक हर्ष ने अपना कड़क लंड पम्मी की गांड के छेद पर टिकाया और जोर से दम लगाया।
लंड का सुपारा मुश्किल से ही सही पर गांड में प्रवेश कर गया था, पम्मी जोर से चीखी- मादरचोद, कुत्ते! तुझे गांड में डालने को मना किया था न?
हर्ष ने हंसते हुए कहा- मैं तो जोर लगा के लंड के तनाव का आनंद ले रहा था पर गांड ने मेरा लंड अंदर खींच लिया।
पम्मी ने कमर हिलाते हुए कोशिश करी कि हर्ष का लंड उस की गांड से बाहर निकल जाये लेकिन हर्ष ने पम्मी की कमर को मजबूती से पकड़ रखा था, पम्मी की सारी कोशिशें निष्फल साबित हुईं।
हर्ष ने पम्मी की छटपटाहट का मज़ा लेते हुए जवाब दिया- वैसे भी तूने तो चूत में डालने को मना किया था न साली, गांड में डालने के लिए न तूने कुछ कहा था, न मैंने! अब तो मेरा लंड जब तेरी गांड में घुस ही गया है तो चाहे जो हो जाए, मैं तो अब तेरी गांड मार के रहूंगा। तू भी बस अब शांति से गांड मराने का मज़ा ले।
पम्मी के लिए गांड मरवाना कोई पीड़ादायक काम तो था नहीं क्योंकि अभी 2 दिन पहले ही तो बंटू ने सुहागरात पूर्व की रासलीला में उसकी अच्छी तरह से बजाई थी।
पर हर्ष के सामने तो उसे यही दर्शाना था कि जैसे उसका मोटा लंड उसकी गांड में बहुत दर्द दे रहा है।
प्रिय पाठको, आनंद आ रहा है न?
आगामी अंक में पढ़ें कि पम्मी के सौंदर्य तथा कामुकता का जादू किस तरह हर्ष पर अपना प्रभाव डालता है।
न्यू वाइफ ऐस फक स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया भेजते रहें।
माधुरी सिंह मदहोश
एवं मनोज सिंह प्रेमी
[email protected]
न्यू वाइफ ऐस फक स्टोरी का अगला भाग: सेक्स है कुदरत का वरदान- 6
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