मेरी बेस्ट टीचर ने मुझे चोदना सिखाया -8
(Meri Best Teacher Ne Mujhe Chodna Sikhaya- Part 8)
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अब तक आपने पढ़ा..
मैडम- यह बात किसी से मत करना.. समझे.. और तुम्हारी चुदाई का एक चैप्टर तो अभी बाकी है.. वो मैं तुम्हें कल बताऊँगी।
अवि- मैं किसी की नहीं बताऊँगा। वैसे टाइम क्या हुआ मैडम?
मैडम- शाम के 6 बजे होंगे।
अब आगे..
अगले दिन..
मैं स्कूल में चुदाई के बारे में ही सोच रहा था और आज मैडम जो चुदाई का अगला चैप्टर पढ़ाएंगी.. उसी के बारे में सोच कर मैं पागल हुआ जा रहा था।
जैसे-तैसे स्कूल की छुट्टी हो गई और मैं घर आ गया।
जब मैं मैडम के घर जाने के लिए निकल रहा था.. तब छोटी चाची ने कहा- वो आज शाम को मैडम से मिलने आ रही हैं।
फिर मैं उदास सा मैडम के घर की ओर चल दिया।
मैडम- क्या बात है.. कुछ परेशान लग रहे हो।
अवि- नहीं.. कोई बात नहीं है।
मैडम- कल जो हुआ उसकी वजह से परेशान हो?
अवि- नहीं..वो बात नहीं है।
मैडम- फिर क्या बात है?
अवि- वो कल बड़ी चाची ने मुझसे पूछा था कि इतनी देर क्यों हो गई।
मैडम- तो क्या तुमने चाची को बता दिया??
अवि- नहीं.. मैंने कुछ नहीं बताया। मैंने तो कहा कि मैं नया चैप्टर पढ़ रहा था इसी लिए देर हो गई।
मैडम- तो परेशान क्यों हो।
अवि- मुझे लगता है कि बड़ी चाची को शक हो गया है.. इसी लिए आज छोटी चाची आप से मिलने आने वाली हैं।
मैडम- तुम परेशान मत हो.. मैं सब सम्भाल लूँगी।
मैंने थोड़ा नॉर्मल हुआ।
मैडम- अब यह बताओ.. कल मजा आया था या नहीं?
अवि- हाँ.. बहुत मजा आया।
मैडम- फिर करना चाहोगे?
अवि- हाँ..
मैडम- ठीक है.. अरे हाँ.. तुम्हारा आखिरी चैप्टर भी तो बाकी है।
साफ़ दिख रहा था कि वो अपने मन में सोच रही थीं कि उन्हें तो अपनी गाण्ड मरवाने में बड़ा मजा आता है.. पर शायद उनका पति कभी भी गाण्ड नहीं मारता.. आज उनकी यह तमन्ना भी पूरी हो जाएगी।
अवि- हाँ बता दीजिये.. आखिरी चैप्टर क्या है?
मैडम- पहले तुम वो करो.. जो मैंने कल सिखाया था। फिर मैं तुम्हें आखिरी चैप्टर भी बता दूंगी।
मैंने मैडम के कहते ही.. मैडम को पकड़ कर पागलों की तरह चूमने लगा। मेरे चुम्बन करने से मैडम भी जोश में आ गईं.. मैंने चूमते-चूमते मैडम की नाईटी निकाल दी।
मैडम तो नाइटी के अन्दर कुछ नहीं पहनती हैं। सो मैडम.. एक ही झटके में नंगी हो गईं।
मैडम ने मेरे भी कपड़े निकाल दिए।
फिर मैंने मैडम की चूची को चूसना शुरू किया और साथ ही चूत में उंगली डाल कर आगे-पीछे करने लगा। फिर मैं धीरे-धीरे मैडम की छाती से चूत की ओर जाने लगा।
मैडम की चूत गीली हो गई, मैं मैडम की जीभ से चुदाई करने लग गया।
मैडम को पूरा मज़ा आ रहा था, वो आह… उह… करके परम आनन्द पर आ गई और मैडम ने अपनी चूत का सारा रस मेरे मुँह में बहा दिया, मैंने भी मैडम की योनि का सारा रस चाट लिया।
मैडम- अब रुको.. जब तुम मेरी चूत में लण्ड डाल कर चुदाई करोगे.. तब अपनी एक उंगली में तेल लगाकर मेरी गाण्ड के छेद के साथ खेलना। फिर खेलते-खेलते उंगली को गाण्ड के छेद में डाल देना.. और आगे-पीछे करना..
पर ध्यान रखना कि उंगली धीरे धीरे आगे-पीछे करना क्योंकि मेरे पति ने कभी भी मेरी गाण्ड नहीं मारी.. तो मुझे थोड़ा दर्द होगा।
जब मुझे मजा आने लगे तो दो उंगली डाल कर आगे-पीछे करना।
जब मेरी चूत से पानी निकल जाए.. तब लण्ड को बाहर निकाल लेना और लण्ड पर तेल लगा कर मेरी गाण्ड के छेद से रगड़ना।
जैसे कल तुमने मेरी चूत मारी.. ठीक उसी तरह धीरे-धीरे मेरी गाण्ड मारना।
अगर मैं कहूँ कि बाहर निकालो.. तब तुम मेरी कोई बात मत सुनना.. जब तक तुम्हारा पानी ना निकले.. तब तक मेरी गाण्ड मारते रहना।
अब मेरे पास आ जाओ.. मैं तुम्हारे लण्ड को गीला कर देती हूँ।
मैं मैडम के पास चला गया, मैडम मेरे लण्ड को अपनी जीभ से चाटने लगीं, फिर लण्ड को मुँह के अन्दर लेकर चूसने लगीं, मेरा आधा लण्ड मैडम के मुँह में था।
दो मिनट तक चूसने के बाद मैडम ने लण्ड बाहर निकाल दिया।
अब मेरी बारी थी मैडम को खुश करने की, मैंने लण्ड को एक झटके में आधे से ज्यादा मैडम की चूत में डाल दिया। मैडम की चीख निकल गई.. पर मुझे कुछ नहीं कहा।
फिर दूसरे झटके के साथ ही मैं मैडम की चूत मारने लगा।
जब मैं मैडम की चूत मार रहा था.. तब मैंने अपनी उंगली पर तेल डाल ली और मैडम की गाण्ड के छेद के साथ खेलने लगा। फिर उंगली पर थोड़ा जोर देने से मेरी उंगली अन्दर चली गई।
मैडम के मुँह से ‘आह्ह्ह्ह..’ जैसे शब्द निकल गए.. फिर थोड़ी देर बाद में दो उंगली से मैडम की गाण्ड मारने लगा। मेरी दो उंगली अन्दर जाते ही मैडम ने कुछ मिनट में ही पानी छोड़ दिया और नॉर्मल हो गईं।
फिर मैंने लण्ड को उनकी चूत से बाहर निकाला। मैडम ने मेरे लण्ड पर तेल डाल कर चिकना किया और अपनी गाण्ड पर भी तेल डाल दिया।
अब मैडम ने गाण्ड मारने को कहा।
मैंने लण्ड को मैडम की गाण्ड पर रख कर दवाब दिया ही था कि मेरा लण्ड का लाल भाग मैडम की गाण्ड में चला गया।
मैडम चीख पड़ीं..
पर मैंने उस चीख की परवाह किए बिना ही अपना लंड अन्दर को धकेला, अब मेरा लण्ड 6 इंच तक अन्दर चला गया।
मैडम चिल्लाने लगीं.. पर मैडम की चीख टीवी की आवाज से साथ दब गई।
मैडम मुर्गी की तरह तड़पने लगीं। मैडम की आँखों से पानी आ रहा था। मैडम मुझे लण्ड को बाहर निकालने को कह रही थीं।
मुझे मैडम की बात याद आ गई कि चुदाई करते समय मेरी बात मत सुनना।
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फिर क्या था.. मैंने आखिरी झटका मारा और मेरा पूरा लण्ड मैडम की गाण्ड में चला गया।
मैडम एक चीख के साथ बेहोश हो गईं।
मुझे लगा कि मैंने कुछ गलत कर दिया। फिर मैंने टेबल पर रखे हुए पानी को मैडम के चहरे पर मारा.. जिससे मैडम होश में आ गईं और मुझे गालियाँ देने लगीं।
मैडम- मैंने कहा था कि रुक जाओ.. पर तुम रुके क्यों नहीं।
अवि- मैडम आपने ही तो कहा था कि चुदाई के वक्त आपकी बात ना मानूँ।
मैडम- पर थोड़ा धीरे तो कर सकते थे न..
अवि- मुझे लगा कि लण्ड को जल्दी से अन्दर डाल दूँ.. फिर लण्ड को धीरे-धीरे आगे-पीछे करूँ।
मैडम- वाह मेरे राजा.. क्या सोचते हो.. अब ये क्या.. अब तक लण्ड को मेरी गाण्ड में ही रखा है.. चल निकाल इसे बाहर..
अवि- मैडम अब पूरा अन्दर चला गया है.. अब तो आगे-पीछे ही तो करना है.. करने दो न मैडम।
मैडम- ठीक है.. चूचियाँ दबा और लण्ड को धीरे-धीरे चलाना।
फिर मैं धीरे-धीरे मैडम की गाण्ड मारने लगा।
थोड़ी देर बाद मैडम को भी मजा आने लगा, मैंने गति बढ़ा दी। दस मिनट तक गाण्ड मारने के बाद मेरा वीर्य मैडम की गाण्ड में निकल गया और मैं मैडम के ऊपर गिर गया।
थोड़ी देर बाद मैं मैडम के ऊपर से सरक गया, लण्ड को मैडम की गाण्ड से बाहर निकाला।
मेरे लण्ड पर खून लगा था।
जब मैडम ने मेरे लण्ड को देखा- देखा तुमने मेरी गाण्ड से खून निकाला।
अवि- सॉरी मैडम।
मैडम- अरे सॉरी क्यों बोल रहे हो मुझे तो मजा आया।
अवि- पर आपका खून निकलने पर भी आपको मजा आया।
मैडम- पहली बार तो खून निकलता ही है.. उसमें नया क्या है।
अवि- हाँ.. अब समझा कि चूत से भी खून निकलता है।
मैडम- अरे तुम तो समझदार निकले। मैं बाथरूम होकर आती हूँ।
मैंने देखा कि मैडम मुझसे गाण्ड मराने के बाथरूम की ओर जा रही थीं। मैडम थोड़ा लड़खड़ा कर चल रही थीं।
मुझे भी लण्ड पर थोड़ा दर्द हो रहा था, शायद जल्दी डालने के चक्कर में दर्द हो रहा था।
मैडम के बाथरूम से आने के बाद में बाथरूम में चला गया।
कल की तरह मैडम ने मेरे बाथरूम जाते ही कॉफी बनाने में लग गईं।
फिर हम दोनों ने कॉफ़ी पी ली।
मैडम- तुमने तो आज मेरी जान निकाल दी थी.. लेकिन अच्छा किया जो तुमने मेरी बात नहीं मानी। अगर तुम मेरी बात मान जाते तो मैं दुबारा कभी गाण्ड नहीं मरवाती.. थैंक्स अवि।
बाय मित्रो, मिलते हैं अगले भाग में.. मुझे ईमेल करें।
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