बहन का लौड़ा -60
(Bahan Ka Lauda-60)
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अभी तक आपने पढ़ा..
मीरा- क्या बात कर रहे हो.. कल ही तो 5 लाख दिए.. एक ही दिन में थोड़ी वो पैसे माँगने आएगा.. कोई और बात होगी शायद।
राधे- मीरा तुम अभी इतनी बड़ी भी नहीं हुई कि ये सब समझ सको.. जरूर नीरज कोई बड़ा गेम खेल रहा है और इसी लिए उसको वो 5 भी कम पड़ रहे है। देख लेना वो कल पैसे ही माँगेगा..
मीरा- अरे ऐसे-कैसे माँगेगा.. कोई ज़बरदस्ती है क्या.. ऐसा करो कल मैं भी साथ चलूंगी और मेरे सामने उससे बात करना..राधे- हाँ ये ठीक रहेगा.. तुम साथ रहोगी तो उसको कुछ शर्म भी महसूस होगी और शायद वो पैसे ना माँग पाए.. मगर वो कितना भी कहे मुझे अकेले में ले जाकर बात करने को.. तुम मानना मत ओके..
मीरा- ओके मेरे आशिक जी.. ओके.. अब तो मूड ठीक करो अपना..
राधे- अब मूड कैसे ठीक होगा.. ये कोई मेरे बस का नहीं.. बस अब तो कल उससे मिलने के बाद ही ठीक होगा।
मीरा- मैं जानती हूँ.. आपका मूड कैसे ठीक करना है.. बस 2 मिनट रूको मैं अभी आई..
अब आगे..
मीरा उठी और अलमारी के पास जाकर राधे को आँख बन्द करने को कहा।
राधे- अरे यार क्या है.. अब बोल भी दो ना..
मीरा- प्लीज़ मेरे लिए आँख बन्द करो ना.. मेरे प्यारे आशिक हो ना..
राधे ने दूसरी तरफ़ मुँह कर लिया।
मीरा ने जल्दी से अपने कपड़े निकाले और काली पट्टी लेकर राधे के पीछे जा खड़ी हुई और जल्दी से उसकी आँख पर बाँध दी।
राधे- अरे क्या है मीरा.. मैं कोई जानवर थोड़े हूँ.. जो इतनी ज़ोर से तुमने मेरे सर को पकड़ लिया है..
मीरा- जानवर हो नहीं.. बना दूँगी.. बस 5 मिनट रुक जाओ मेरे राधे जी.. उसके बाद सब मूड ठीक हो जाएगा..
राधे समझ गया कि अब चुदाई के अलावा ये क्या करेगी.. तो वो कुछ नहीं बोला.. वैसे उसका मूड बिल्कुल भी नहीं था.. मगर मीरा की ईमानदार कोशिश ने राधे को चुप रहने पर मजबूर कर दिया।
अब राधे बैठा हुआ था और मीरा उसके कपड़े निकालने लगी.. जिसमें राधे ने भी उसका साथ दिया और राधे को ये भी अहसास हो गया था कि मीरा भी एकदम नंगी है।
जब मीरा ने राधे के पूरे कपड़े निकाल दिए.. उसके बाद वो ज़मीन पर घुटनों के बल चलने लगी और ‘मे मे.. मे.. मे.. करने लगी..
राधे की समझ में कुछ नहीं आया कि अचानक ये क्या हो गया।
राधे- अरे क्या हुआ.. ये कैसी आवाज़ निकाल रही हो?
मीरा- आँख खोल कर देख लो..
जब राधे ने आँख खोली तो मीरा कमरे में बकरी की तरह चल रही थी और ‘मे मे.. मे मे..’ की आवाज़ निकाल रही थी.. जिसे देख कर राधे की हँसी निकल गई- हा हा हा.. ये क्या है मीरा.. तुम बकरी की तरह क्यों मिमिया रही हो।
मीरा- अब बकरी के सामने इतना प्यारा बकरा बैठा हो.. तो वो उसको ‘मे मे..’ करके ही बुलाएगी ना..
राधे- ओह्ह.. तो तुम आज बकरी बनकर चुदना चाहती हो.. मगर मेरी जान मेरे लौड़े को तो देखो.. ये किसी बकरे का नहीं.. घोड़े का लौड़ा लगता है..
मीरा- अच्छा ये बात है.. तो लो मैं घोड़ी बन जाती हूँ.. ‘हिन्न्न हिंन्णणन्..’ अब तो आ जाओ मेरे घोड़े..
राधे भी अब मूड में आ गया था.. वो भी घोड़े की तरह मीरा के पीछे चलने लगा।
मीरा आगे-आगे चल रही थी और राधे ठीक उसके पीछे चल रहा था.. नाक से उसकी चूत की खुश्बू सूंघ रहा था.. जैसे सच में कोई घोड़ा अपनी घोड़ी के साथ मिलन के वक्त करता है।
मीरा कोने में जाकर रुक गई.. तो राधे वैसे ही घोड़ा बना हुआ उसकी चूत चाटने लगा।
थोड़ी देर तो मीरा चूत चटवाती रही.. मगर बाद में वो मुड़ी और राधे के नीचे लेट कर उसके लौड़े को चूसने लगी.. जो अभी तक पूरा खड़ा हो चुका था।
राधे- अरे ये क्या कर रही हो.. दुनिया में कभी घोड़ी भी भला घोड़े का लंड ऐसे चूसती है क्या..?
मीरा- नहीं चूसती होगी.. मगर ये घोड़ी तो चूसेगी हा हा हा हा..
राधे- हा हा हा तुम भी कमाल करती हो यार.. अभी ऐसा लग रहा है जैसे मैं सच का घोड़ा हूँ और तुम कोई सेक्स की प्यासी लड़की हो.. जो चुदवाने को इतनी बेताब हो गई कि घोड़े का लौड़ा भी चूसने लगी।
मीरा- हाँ ये सही कहा आपने.. मैं प्यासी लड़की और तुम एक जंगली घोड़े.. बोलो क़ुबूल है ना..
राधे- हाँ मेरी जान क़ुबूल है.. मगर जंगली घोड़ा क्यों?
मीरा- शहरी घोड़ा तो गाड़ी को खींच कर थक जाता है.. वो कहाँ लड़की को चोदेगा.. तुम जंगली घोड़े ही हो… जिसमें बहुत पावर होता है.. बेलगाम घोड़ा.. हा हा हा हा..
राधे- ओह.. ये बात है.. बेलगाम घोड़ा.. वाह अब इस जंगली घोड़े की चुदाई भी जंगली ही होगी.. तब ना कहना कि बस करो.. मैं मर जाऊँगी..।
मीरा- क्या कहा था तुमने.. मैं कोई जानवर थोड़े ही हूँ.. अब देखो तुम खुद अपने आप को जानवर बोल रहे हो और मैं तो पहले दिन ही तुम्हारे लौड़े पर मर गई थी। अब ये मेरा क्या बिगाड़ लेगा जंगली घोड़े कहीं के.. हा हा हा हा..
इतना बोलकर मीरा खड़ी हुई और भाग कर बिस्तर पर बैठ गई।
राधे को पूरी बात समझ में आ गई कि मीरा उसका मूड ठीक करना चाहती थी इसी लिए उसने सब किया। वो भी तेज़ी से उठा और बिस्तर पर जाकर उसने मीरा के बाल पकड़ लिए।
राधे- अबे रुक मीरा की बच्ची.. मेरे को जंगली घोड़ा बोलती है.. अभी तेरी चूत को फाड़ता हूँ।
मीरा- आह्ह.. छोड़ो.. जंगली कहीं के.. मैं नहीं चुदवाती किसी घोड़े से.. जाओ कोई घोड़ी ढूंड लो.. हा हा हा..
राधे- ऐसे-कैसे नहीं चुदवाओगी.. आज एक घोड़ा एक लड़की के साथ ज़बरदस्ती चुदाई करेगा.. कल की खबर होगी कि जंगली घोड़े ने एक लड़की का देह शोषण किया.. हा हा हा हा हा..
इतना बोलकर राधे ने मीरा के होंठों पर अपने होंठ रख दिए.. अब दोनों प्यार के दरिया में डूब गए।
कुछ देर तक किस चलता रहा.. उसके बाद राधे ने मीरा के पैर अपने कंधे पर रख लिए और लौड़े को चूत पर रख कर रगड़ने लगा..
मीरा- आह्ह.. उफ़.. क्या करते हो.. आह्ह.. घुसा दो ना.. आह्ह.. मेरे घोड़े.. उफ.. मत तड़पाओ ना.. मेरे आशिक..
राधे- पहले बोल.. घोड़ा बन कर चोदूँ.. या तेरा आशिक बनकर?
मीरा- आह्ह.. मेरे आशिक बनोगे.. तो आराम से चोदोगे.. ईसस्स्स.. क्योंकि मुझे तकलीफ़ देकर मेरा राधे कभी खुश नहीं रह सकता.. आह ह.. आज तो जंगली घोड़ा बन जाओ.. ममता की हालत मैंने देखी है.. आह.. आईईइ.. आज मेरी भी हालत बिगाड़ दो.. आह्ह.. फाड़ दो मेरी चूत को उह.. आह..
राधे ने एक ही झटके में पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया और स्पीड से झटके मारने लगा।
मीरा- आह आईईईई.. उफफफ्फ़.. मज़ा आ गया.. आह.. क्या बात है आह्ह.. सस्स..
राधे में ना जाने कहाँ से इतनी ताक़त आ गई थी.. वो लगातार झटके मारे जा रहा था.. मीरा का पूरा जिस्म ऐसे हिल रहा था.. जैसे कोई ज़ोर का भूकम्प आ रहा हो।
चूत की ठुकाई करते-करते अचानक राधे ने मीरा के पैर नीचे किए.. उसको उल्टा किया और लौड़ा ‘फ़च्छ’ की आवाज़ के साथ गाण्ड में घुसा दिया..
दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।
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