वासनावश सेक्सी भाभी ने मवाली से चुत चुदवा ली- 2
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होम अलोन सेक्स कहानी में पढ़ें कि घर में अकेली रहने के कारण मैं पड़ोस के एक लफंगे की ओर आकर्षित हो गयी. उस लड़के ने मुझे मेरे ही बेडरूम में कैसे चोदा?
फ्रेंड्स, मैं जीनी भोपाल से एक बार फिर से आपके सामने अपनी चुत चुदाई की कहानी को आगे बढ़ा रही हूँ.
कहानी के पिछले भाग
मवाली लड़के की गंदी हरकतों पर मर मिटी
में अब तक आपने पढ़ा था कि कॉलोनी के एक मवाली युवक मुकेश मेरे घर में आ गया था और मैं खुद उससे चुदवाने को मरी जा रही थी.
अब आगे होम अलोन सेक्स कहानी:
मुकेश ने मुझे पकड़ा, फिर भी मैंने अपना हाथ उसकी पकड़ से छुड़ाना चाहा.
लेकिन मुकेश के हाथों की पकड़ इतनी ज्यादा सख्त थी कि मैं अपने आपको उसकी पकड़ से नहीं छुड़ा पा रही थी.
अब मुकेश ने मुझे हॉल में ही धक्का देकर दीवार से सटा दिया.
मेरे सामने आकर मेरे होंठों पर उसने अपने होंठ रख दिए और मेरे होंठों को चूसने लगा.
उसके चूसने का तरीका इतना ज्यादा मादक था कि मैं पानी पानी हो रही थी.
फिर भी मैं दिखाने के लिए उससे बोले जा रही थी- छोड़ो मुकेश छोड़ो …
मैं अपने मुँह को इधर उधर करने लगी. मैंने मुकेश से कहा- मुझे इस तरह बर्बाद ना करो.
लेकिन वह मानने को तैयार ना था.
कुछ ही पलों में उसने मेरे होंठों को काटना आरम्भ कर दिया. यहां तक कि उसके मुँह से आ रही शराब की महक भी मुझे अब अच्छी लगने लगी थी.
मैं अपने हाथों से उसकी छाती को धक्का देकर दूर करना चाह रही थी.
उसने अपने दोनों हाथ से मेरे हाथों को पकड़ कर मुझे दीवार से सटा दिया.
मैं कुछ नहीं कर पा रही थी. उसने मेरे होंठों को चूसना चालू कर दिया था.
5 मिनट बाद मेरी आंखों से आंसू तक निकलने लगे लेकिन उसकी मर्दानगी की मैं कायल हो गई थी.
फिर उसने अपने एक हाथ से मेरे साड़ी के पल्लू को नीचे कर दिया और फिर से मेरा हाथ पकड़ कर मेरे गले, मेरे चेहरे को चूमने लगा.
उसकी चूमाचाटी मुझे काफी उत्तेजित कर रही थी लेकिन मैंने विरोध का नाटक अभी भी जारी रखा था.
मैं उससे बार बार बोल रही थी- छोड़ो मुझे यह तुम ठीक नहीं कर रहे हो, मैं सबसे बता दूंगी.
लेकिन वो कुछ मानने को तैयार ना था.
फिर उसने एक हाथ से मेरे ब्लाउज को पकड़कर खींचा, जिससे मेरे ब्लाउज के सारे बटन खुल गए.
मेरे ब्लाउज के बटन खुलने के कारण मैं सिर्फ ब्रा में उसके सामने आ गई.
मुझे काफी शर्म आ रही थी और उसे रोकने की कोशिश कर रही थी.
वह अपने काम में लगा रहा और उसने मेरे गले पर, सीने में, किस करना शुरू कर दिया.
दो मिनट किस करने के बाद वह मुझसे दूर हो गया और मैं उसकी आंखों में देखने लगी.
उसने अपनी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिया.
मैं चुपचाप उसे देख रही थी.
मुकेश ने अन्दर बनियान नहीं पहनी थी.
जल्दी ही उसने अपनी शर्ट निकाल फेंकी.
मैं उसके मर्दानगी भरे सीने को देखकर उस पर निहाल हो गई.
मैं उसकी आंखों में देख रही थी. वो भी मेरी आंखों में एकटक देख रहा था.
कुछ समय बाद वह मेरे करीब आया और मुझे अपने सीने से चिपका लिया.
मैंने विरोध करना बंद कर दिया और शांति से खड़ी हो गई.
वो मेरी गर्दन पर फिर से किस लेने लगा.
इस बार उसने अपना हाथ मेरी पीठ पर रख दिया और मेरी कमर को सहलाता हुआ मेरी बढ़ती धड़कनों को सुनने लगा.
धीरे धीरे वो अपना एक हाथ मेरे बालों के जूड़े तक ले आया और उसे भी खोल दिया.
मेरे बाल खुल कर बिखर चुके थे और वो मेरे बालों से खेलने लगा था.
फिर वो पीछे अपने हाथ ले गया और मेरी दोनों आस्तीनों से मेरे ब्लाउज को निकाल कर अलग कर दिया.
अब मैं उसके सामने केवल ब्रा में थी.
मैंने उसे धक्का देकर दूर किया और अपने हाथों से अपने स्तन छुपाते हुए बेडरूम की ओर जाने लगी.
मेरी साड़ी का पल्लू नीचे जमीन पर रेंगते हुए मेरा पीछा कर रहा था.
मैं बेडरूम के पास जाकर रुक गई और पलट कर मुकेश की तरफ देखा; उसे आंखों ही आंखों में बेडरूम में आने का न्यौता सा दे दिया.
फिर से मैं आगे बढ़ने लगी.
मैं बेड के पास जाकर खड़ी हो गई.
मुकेश मेरे पीछे पीछे आ गया और वह मेरे पीछे से हाथ डालते हुए मेरे पेट को सहलाने लगा.
दूसरे हाथ को मेरे सीने पर हाथ रखते हुए मेरे मम्मों को हल्का हल्का दबाने लगा.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. बेड के दूसरे तरफ लगे आईने में मैं देख रही थी.
मुकेश ने आगे से मेरी साड़ी को साये के अन्दर हाथ डाल कर खींचा और मेरी साड़ी एक ही क्षण में जमीन पर गिर गई.
मैंने उसकी तरफ घूम कर देखा.
उसकी आंखों में हवस का नशा था.
मुझे लग रहा था कि वो जल्दी से मुझे बेड पर लेटा दे और अपना काम चालू कर दे.
उसने मुझे अपने दोनों हाथों से उठा लिया.
उसका एक हाथ मेरे घुटनों के थोड़ा ऊपर था और दूसरा हाथ मेरी पीठ पर था.
अगले ही पल उसने मुझे उठा लिया था.
मेरा साया मेरे घुटनों तक आ चुका था.
उसने दो कदम चल कर मुझे बेड पर लेटा दिया और अपनी पैंट की चैन खोलकर अपनी पैंट को अपने शरीर से अलग कर दिया.
अब वह मेरे सामने सिर्फ अंडरवियर में था और मैं ब्रा और साये में बेड पर लेटी थी.
मेरा पेटीकोट मेरी चुत को बस जरा सा ढके हुए था.
मेरी चमकती जांघें साफ दिख रही थीं.
वह सीधा मेरे ऊपर गिरते हुए फिर से मेरे होंठों को चूसने लगा; काफी वहशी तरीके से चूस रहा था.
मेरे लिए खुद को कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था.
अब धीरे-धीरे मैं भी उसका साथ देने लगी.
हम दोनों बिस्तर पर थे लेकिन अब तक वह मेरे ऊपर से मेरे सारे शरीर को जोर जोर से मसलने लगा.
कुछ देर बाद उसने मेरे ब्रा की स्ट्रिप पीछे हाथ डालकर खोल दी और नीचे से मेरे पेटीकोट के नाड़े को भी खोल दिया.
तब उसने मेरी ब्रा और पेटीकोट को मेरे शरीर से अलग कर दिया. अब मैं पूर्ण तरह निर्वस्त्र उसके सामने थी.
उसने अपनी अंडरवियर को भी कुछ ही देर में उतार दिया.
वो बैठकर मेरे पूरे शरीर को देख रहा था. मेरे मम्मों पर, कमर पर, चेहरे पर हाथ फेरते हुए उसने मुझे मदहोश कर दिया था.
मेरी चूत तो पहले से ही गीली हो चुकी थी और फिर मुझे पता ही ना चला कब हम दोनों आपास में दो जिस्म एक जान हो गए.
वो मेरे जिस्म को चूमे जा रहा था.
वह मेरे मम्मों पर भी आ चुका था और मेरे मम्मों को जोर जोर से चूसने लगा.
मैं उसके सिर पर हाथ रखकर अपने मम्मों पर उसे दबाने लगी थी.
मैं उसका साथ देती हुई बोल रही थी- मुकेश बहुत हुआ अब छोड़ दो मुझे.
मुकेश यह बात जानता था कि मैं बस दिखावे के लिए ये बोल रही हूँ इसलिए वो मेरे मम्मों को दांतों से दबाने काटने भी लगा था.
मुझे मीठा दर्द होने लगा था लेकिन मैं उसका साथ पूरी तरह से दे रही थी.
वो मेरे पेट को भी चूम रहा था और मुझे मछली जैसे तड़पा रहा था.
कुछ देर बाद मुकेश ने उठकर मेरे चेहरे पर हाथ रखा और जल्द ही मेरा हाथ पकड़कर मुझे घुमा दिया.
मेरे बालों को उसने एक साथ करके पकड़ा और खींचते हुए बोला- मेरी जान, मैंने कब से इस समय के लिए इंतजार किया है.
उसका लंड सात इंच से भी ज्यादा लंबा हो चुका था.
उसने मुझे घोड़ी बनाकर अपना लंड मेरी गांड पर रखा और मेरी गांड पर एक जोरदार चपेट मारते हुए कहा- ले जीनी, कब से तेरी गांड मारने के लिए जी बेकरार था. आज अपने आशिक का लंड ले ले.
उसने मेरी गांड पर लंड सैट करते हुए एक जोरदार झटका दे मारा.
उसका लंड मेरी गांड में आधे से ज्यादा जा चुका था और उसके पहले ही झटके में मेरी आंखों से आंसू तक निकल आए थे.
हालांकि मैं अपने पति से गांड मरवा चुकी थी, तो मेरे लिए गांड मराना कोई नई बात नहीं थी.
तब भी मुकेश का लंड बहुत मोटा था और गांड मराने में दर्द होता ही है, ये गांड में लंड लेने वाले और वाली, सब जानते होंगे.
मैं जानती थी कि इन झटकों के बाद मुझे जो सुख मिलने वाला था.
इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा.
वह मुझसे अंड बंड बोले जा रहा था, गलियां भी बक रहा था.
मगर सेक्स में गालियों के साथ चुदाई का मजा ही अलग है.
उसने कुछ सेकड रुकने के बाद एक और झटका मारा जिससे उसका सारा लंड मेरी गांड में चला गया.
अब मेरी आंखों से आंसू बहने लगे थे.
मैंने उससे कहा- रुको यार … क्या मैं इंसान नहीं हूं.
पर वह कहां मानने वाला था.
मैं उससे बोले जा रही थी- देखो तुम गलत कर रहे हो और यह बात मैं सबसे बता दूंगी.
लेकिन वह कहां मानने वाला था. उसने अपनी चुदाई का कार्यक्रम मेरी गांड मारने से शुरू कर दिया, पूरा लंड मेरी गांड में अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.
करीब दस मिनट तक उसने मेरी गांड में लंड पेला.
बीच बीच में रुक कर वो मेरी गांड पर जोरदार चमाट मार देता जिससे मुझे हल्का दर्द भी हो रहा था.
लेकिन जो सुख मिल रहा था, उसके सामने वह दर्द कोई मायने नहीं रखता था.
वह मेरे बालों को पकड़ कर बीच-बीच में खींच देता और मुझे इसकी यह अदा काफी अच्छी लग रही थी.
मेरी पीठ पर अपने हाथ से चलाते हुए मेरी गांड मारे जा रहा था.
वो मेरी गांड की तारीफ भी कर रहा था.
अब हर शॉट में फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं और हमारा बेड भी साथ ही साथ हिल रहा था.
हमारी चुदाई के खेलने की ताकत में बता सकती थी कि उसकी चुदाई बहुत जोरदार थी.
करीब दस मिनट बाद उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और लंड निकलते ही मैं गिर पड़ी.
उसने मुझे सीधा किया और अपना लंड मेरी चुत पर सैट करते हुए बोला- ले जीनी, आज और चुदाई का मजा ले ले.
उसने अपना लंड मेरी चुत में सैट करते हुए अन्दर पेल डाला.
मैंने उसका लंड एक बार में पूरी तरह अन्दर ले लिया क्योंकि मेरी चुत काफी गीली हो चुकी थी और पानी भी काफी निकल चुका था.
अब वह चुदाई करते करते मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
वह मेरे होंठों को चूस रहा था, मेरे मम्मों को दबा रहा था और बालों को पकड़कर खींचते हुए मेरे गले पर चुम्बनों की बौछार कर रहा था.
इसके साथ नीचे उसने अपनी चुदाई का कार्यक्रम बिल्कुल नहीं रोका था.
करीबन बीस मिनट तक उसने मुझे सामने से चोदा.
इसके बाद मुकेश बोला- मुझे अपनी बूंदें गिराना है, बोल कहां गिराऊं.
मैंने कहा- जब मेरी एक नहीं सुनी तो यह किस लिए पूछ रहे हो?
उसने 20-25 जोरदार झटके मारे और अपना सारा वीर्य मेरी चुत में ही छोड़ दिया.
वो मेरे ऊपर गिर गया.
मैं भी उसकी पीठ के ऊपर हाथ रख कर लंबी लंबी सांसें लेने लगी.
वह भी लंबी लंबी सांसें ले रहा था.
करीब 5-10 मिनट बाद वह मेरे होंठों के ऊपर होंठ रखते हुए और मेरे गालों पर किस करने लगा.
वो मेरे बालों को सहलाने लगा.
फिर वह उठा और मेरे बगल में बैठ गया.
मैं भी उठ कर उसके सीने पर सर रखते हुए बैठ गई.
वह मुझे प्यार करते हुए मेरे चेहरे पर किस करने लगा.
मेरे बालों को सहलाते हुए मेरी कमर पर सब जगह हाथ घुमा रहा था.
मैंने कहा उससे- तुमने मुझे बर्बाद कर दिया, अगर यह बात मेरे पति को पता चल गई तो वह मुझे छोड़ देंगे. मेरी जो बदनामी होगी वह अलग!
उसने कहा- तुम चिंता मत करो, तुम्हारे पति या किसी को भी यह बात नहीं पता चलेगी.
फिर उसके बाद हमने करीबन आधा घंटे बातचीत की और हम लोग लेट गए.
लेटते लेटते वह फिर मेरे ऊपर आ गया और उसने फिर से एक बार मेरी जोरदार चुदाई की.
इस बार वो मुझे गालियां नहीं दे रहा था बल्कि मुझे प्यार से भरी चुदाई कर रहा था.
उसका स्टैमिना इतना था, जिसके सामने मैं टिक नहीं पा रही थी.
करीबन 20 मिनट तक वो मुझे आगे से चोदता रहा था.
इस दूसरे राउंड के बाद वह मेरे बगल में ही लेट कर सो गया.
सुबह 8:00 बजे जब मेरी नींद खुली, तो उसने मेरे मम्मों के ऊपर हाथ रखा हुआ था. उसका चेहरा मेरी गर्दन के पास था.
मैंने उसी पोजीशन में उसके सर के ऊपर हाथ रखा और सर को सहलाया.
उसी दौरान वो फिर से जग गया और मुझे प्यार करते हुए बोला- कैसी कटी रात?
मैंने कहा- सारा शरीर दुख रहा है.
उसने बोला- कोई बात नहीं.
फिर मैं उठी और चाय बना कर लाई.
मैं वैसे ही बिना कपड़ों के चाय बनाने गई थी. हमने साथ बैठकर बेड पर ही चाय पी.
उसके बाद वह मुझे उठाकर वॉशरूम ले गया, जहां उसने वाशरूम में भी एक बार और मेरी जोरदार जोरदार चुदाई की.
इस तरह उसकी चुदाई के कारण मुझसे चलने में परेशानी हो रही थी. तीसरा राउंड करने के बाद हम लोग एक साथ मिलकर नहाए और बाहर आकर उसने अपने कपड़े पहन लिए.
उसने कहा कि शाम को कहीं बाहर मिलो.
जिस पर मैंने कहा- नहीं, अगर मिलना होगा तो हम घर पर ही मिलेंगे.
वह निकल गया.
दोस्तो कैसी लगी मेरी मुकेश के साथ की होम अलोन सेक्स कहानी. आप जरूर बताना.
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