पति के सामने उसकी पत्नी को चोदा

(Gand Sex Anal Fuck Kahani)

गांड सेक्स एनल फक स्टोरी में एक कपल से मेरी दोस्ती हुई. उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया. उनकी पत्नी मेरे लंड से अपनी गांड मरवाना चाहती थी. मैं उनके घर गया.

हाय दोस्तो,
मेरा नाम राहुल राज है और मैं ग्रेटर नोएडा का रहने वाला हूँ.

मेरी पिछली सेक्स कहानी
फेसबुक से आंटी को पटाकर सेक्स किया
को पढ़कर आप लोगों ने जो प्यार दिया, उसके लिए आप सभी को धन्यवाद.

यह गांड सेक्स एनल फक स्टोरी दिसंबर महीने की है.
मेरी पिछली कहानी को पढ़ कर मेरे पास एक मेल आया कि हम आपसे मिलना चाहते हैं.

दरअसल वे दोनों एक कपल थे और मेरे साथ थ्रीसम सेक्स करना चाहते थे.
मैं राजी हो गया.

उस कपल ने मुझको नोएडा से कोटा राजस्थान बुलाया था.

जब मैं वहां पहुंचा तो वे दोनों मुझको लेने के लिए स्टेशन आए थे.

इधर मैं आपको उनके बारे में बता देता हूँ.
लड़के का नाम नितिन और उसकी पत्नी का नाम दिव्या था.
वे देखने में दोनों बहुत स्मार्ट और पैसे वाले लग रहे थे.

जब वे मुझको स्टेशन पर लेने के लिए आए, तब मेरी नज़र दिव्या पर पड़ी.
मैं उसको देखता ही रह गया यार … क्या मस्त माल थी … एकदम सेक्सी और बोल्ड लग रही थी.
उसके उठे हुए चूचे और निकली हुई गांड गजब ढा रही थी.
उसका साइज 34-30-36 का था.
सब कुछ बड़ा गदराया हुआ था.

उसको देख कर ऐसा मन कर रहा था कि इसको यहीं पटक कर चोद दूँ.
खैर … हम तीनों गाड़ी में बैठ कर उनके घर पहुंच गए.

घर पर वह दोनों ही रहते थे और बहुत ही अच्छा घर था.

नितिन बोलने लगा- तो कैसा लगा आपको हमारा घर!
मैंने कहा- घर तो बहुत अच्छा है.

इस पर दिव्या बोली- और घर में रहने वाले भी बहुत अच्छे हैं.
उसकी बात पर हम तीनों हंसने लगे.

दिव्या- राहुल तुम फ्रेश हो जाओ, तब तक मैं तुम्हारे लिए कुछ नाश्ता बना देती हूँ.
इस पर नितिन बोला- ये इतनी दूर तुम्हारे खाने के लिए नहीं आया है. ये तुमको खाने के लिए आया है!

दिव्या बोलने लगी- मैं क्या कहीं भागी जा रही हूँ. मुझको तो आराम से खा लेंगे … क्यों राहुल … पहले मुझको खाओगे या नाश्ता बना दूँ?

मैंने कहा- भाभी पहले आप नाश्ता बना दो, उसके बाद खाना पीना तो लगा ही रहेगा.
नितिन- ये बात सही बोली भाई तुमने … चलो तुम फ्रेश हो जाओ. तब तक मैं हमारे लिए मार्केट से कुछ ले आता हूँ.

दिव्या- हां नितिन जाओ और जल्दी वापिस आना!
नितिन आंख मारते हुए बोला- ओके बेबी … तुमको बहुत जल्दी है न … मैं जल्दी ही वापिस आ जाऊंगा!

दिव्या इतरा कर बोली- हां अगर जल्दी वापिस नहीं आए न … तो प्रोग्राम शुरू हो जाएगा, फिर तुम आना या ना ही आना, मेरे को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.

इस बात पर वे दोनों वापस हंसने लगे. सच में बड़े ही मस्त स्वभाव वाले थे वे दोनों.
नितिन मुझसे कहा- क्या तुम मेरे बिना ही शुरू कर दोगे?

इस पर मैंने जवाब दिया- वह तो टाइम बताएगा.

नितिन मार्केट चला गया और मैं फ्रेश होने के लिए चला गया.
दिव्या किचन में चली गई.

बीस मिनट बाद मैं नहा कर निकला तो दिव्या किचन में ही थी.

मैंने तेल मांगा तो बोलने लगी- अभी से क्या जरूरत है ऑयल की?
तो मैंने कहा- सर में लगाने के लिए चाहिए … तुम्हें लगाने के लिए नहीं!
इस पर वह हंसने लगी.

दिव्या- एक मिनट रुको, मैं अभी आई!
मैं- ओके.

दिव्या ने कमरे की दराज में से तेल निकाल कर दिया और बोलने लगी- और कुछ चाहिए तो बता दो!
मैंने कहा- चाहिए तो बहुत कुछ है, पहले तुम फ्री हो जाओ … तब ले लूंगा.

इस पर वह हंसने लगी और बोली- हां हां ले लेना यार, जितना मन करे उतना रगड़ लेना … आज पूरे दिन और पूरी रात तुम्हारे साथ ही हूँ मैं!
मैं उसकी तरफ देख कर वासना भर नजरों से देख कर मुस्कान दे दी.

वह भी कामुक नजरों से मुझे देखती हुई बोली- मैं अभी आती हूँ. तुम तब तक यहीं बेड पर बैठ जाओ.

और वह अपनी गांड मटकाती हुई चली गई.

कुछ देर बाद वह पूछने लगी- नाश्ता अभी करोगे या बाद में?
मैंने बोल दिया- बाद में करूंगा पहले नितिन को आ जाने दो.
इस पर दिव्या बोली- ठीक है.

अब वह मेरे पास आ गई.

हम दोनों बेड पर ही थे.
मैं लेटा हुआ था और वह बैठी हुई थी.

मैं सिर्फ तौलिया में ही लेटा था और ऊपर बनियान पहनी हुई थी.

वह मेरे करीब होकर बैठ गई और बोलने लगी- आने में कोई प्राब्लम तो नहीं हुई?
मैंने कहा- नहीं, बस थोड़ा सा थक गया हूं.

दिव्या बोली- जब तक नितिन आते हैं, मैं तुम्हारी थकावट उतार देती हूँ.

फिर दिव्या ने मेरा तौलिया अलग कर दिया और मेरे लंड को देख कर बोली- ये तो बहुत छोटा है, इससे क्या होगा?
मैंने कहा- अभी सो रहा है, इसको जगाओ … तभी तो तुमको इसका साइज पता लगेगा!

इस पर दिव्या मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर हिलाने लगी.
मेरा लंड खड़ा होने लगा.

दिव्या बोली- हां बड़ा हो रहा है.
तभी दिव्या ने एकदम से मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी.

जब वह लंड चूस रही थी तो आआहह क्या मजा आ रहा था … साली पूरे लंड को अन्दर तक लेकर चूस रही थी और मैं अपनी आंखें बंद करके लौड़े की मुख मालिश का मजा ले रहा था.

वह पूरे जोर से मेरे लंड का मजा ले रही थी.थोड़ी ही देर में मेरा लंड अपने फुल साइज में आ गया.

मेरे कड़क लंड को देख कर दिव्या बोली- वॉओ राज … तुम्हारा लंड तो बिल्कुल वैसा ही है … जैसा तुमने इसका फोटो भेजा था. मैं तो सोच रही थी कि वह फोटो फेक है लेकिन वह फोटो तो हमारे ही लंड के हैं. मैं उन फोटो को रोज देखती थी और नितिन से बोलती थी कि मुझको इसी लंड से अपनी चूत मरवानी है.

मैं- आज तुमको मिल गया है ये लंड … अब तुम इससे अपनी चूत मरवाओ या इसको अपनी गांड में डाल लो.
दिव्या- हां दोनों में डालूंगी. पहले नितिन को आ जाने दो. तब तक मैं तुम्हारे लंड से सिर्फ खेलूंगी.
मैं- ओके जब तक तुम्हारा मन करे, तब तक मेरे लंड से खेल लो.

फिर मैं बोला- जब तुम मेरे लंड से खेल ही रही हो, तो तेल लगा कर मेरे लंड की मालिश ही कर दो ताकि यह तुम्हारी गांड में आराम से जा सके.
इस पर दिव्या राजी हो गई और तेल से मेरे लंड की मालिश करने लगी.

थोड़ी देर में नितिन भी आ गया.
दिव्या गेट खोलने जाने लगी.

मैंने पूछा- तौलिया लपेट लूँ?
तो इस पर दिव्या बोली- नहीं अभी ऐसे ही रहने दो, मैं आकर तुम्हारी और मालिश करूंगी.

यह कहती हुई वह चली गई.

नितिन कमरे में आया और मेरे लंड को देख कर बोला- ओह भाई क्या है ये … तेरा तो बहुत बड़ा लंड है. ये तो दिव्या की गांड फाड़ देगा. एक काम करना तू दिव्या की गांड में मत करना!
मैं- ओके नितिन.

इतने में दिव्या बोली- क्या ओके … मैं पागल हूँ जो इतनी देर से लंड की मालिश कर रही हूँ. इसी लिए ही तो मालिश कर रही थी ताकि मैं आराम से इसको अपनी गांड में ले सकूं!
नितिन- नहीं दिव्या, इसका बहुत बड़ा है.
दिव्या- लेना मुझको है या तुमको? मैं अपने आप अपनी गांड में ले लूंगी, तुम टेंशन मत लो … तुम बस ये बताओ कि मार्केट से क्या लाए हो?

नितिन- दो बोतल और कुछ चकने में.
दिव्या- तो पैग बनाओ जल्दी से … और पिलाओ मुझे!

वह मेरे लंड पर तेल डाल कर फिर मालिश करने में लग गई.
नितिन ने पैग बनाए और हम तीनों ने अपना अपना पैग पिया.

मैंने कहा- प्लीज नितिन जल्दी से मेरा एक पैग और बनाओ!
दिव्या बोली- इतनी जल्दी क्या है राज. आराम से पियो न!

मैंने कहा- ठीक है, पर मेरा एक और बना दो.
नितिन ने मेरा पैग बनाया और मैंने झट से उसको पी लिया.

मैंने दिव्या की तरफ देखा, वह अपना पैग धीरे धीरे पी रही थी.
तब मैंने उसके एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.

दिव्या समझ गई और मेरे लंड को हिलाने लगी.
मेरा लंड पहले से ही बहुत बैचेन हो रहा था.

दिव्या मेरा लंड हिलाने लगी और मैं दिव्या की ब्रा में हाथ डाल कर उसके बूब दबाने लगा.
अब दिव्या गर्म होने लगी.

यह देख कर नितिन ने भी अपना पैग खत्म कर डिया और अपने कपड़े उतार दिए.
वह दिव्या के कपड़े उतारने लगा.

दिव्या के कपड़े जैसे ही उतरे, मेरी आंखों में अलग ही चमक आ गई थी और मेरे लंड में एक अलग ही जोश भर गया था.
उसके बूब्स बहुत सेक्सी लग रहे थे और उसके निप्पल गुलाबी थे.

मेरी नजर उसकी चूत पर गई तो उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी.
चिकनी चूत देख कर मेरा मन दिव्या की चूत चाटने के लिए उतावला हो उठा था.

मैंने दिव्या से कहा- मैं तुम्हारी चूत चाटना चाहता हूँ.
इस पर नितिन बोला- नहीं पहले में चाटूंगा, फिर तुमको जो करना है कर लेना!

नितिन लेट गया और दिव्या को अपने मुँह पर बैठा कर उसकी चूत चाटने लगा.

मैंने खड़े होकर दिव्या के मुँह में लंड दे दिया और उसके बाल पकड़ कर झटके मारने लगा.

कुछ देर बाद दिव्या घोड़ी बन कर नितिन का लंड चूसने लगी और उस स्थिति में दिव्या की गांड मेरे सामने थी.

मैंने दिव्या की गांड पर जैसे ही अपना लंड लगाया.
तो दिव्या बोली- रुको पहले अपने लंड पर अच्छे से तेल लगा लो, नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी.

मैंने अपने लंड पर तेल लगा लिया और दिव्या की गांड पर भी तेल लगा दिया.
मैं उसकी गांड में उंगली करने लगा ताकि दिव्या की गांड खुल जाए और मेरा लंड आसानी से अन्दर चला जाए.

कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने दिव्या से पूछा- अब तुम्हारी गांड में अपना लंड डाल दूँ?
दिव्या ने तो हां बोल दिया मगर नितिन बोलने लगा- राज आराम से डालना, तुम्हारा लंड बहुत मोटा है.
मैंने कहा- ओके, तुम दिव्या के बाल पकड़ कर इसको अपना लंड चुसाओ.

नितिन ने दिव्या के बाल पकड़े और अपना पूरा लंड उसके मुँह में अन्दर तक घुसा दिया.

तभी मैंने अपना लंड दिव्या की गांड पर रखा और एक झटका दे मारा.
वह आगे को हो गई और लंड फिसल गया.

मैंने दिव्या को कमर से पकड़ा और इस बार जोर का झटका मारा जिससे मेरा आधा लंड दिव्या की गांड की चीरता हुआ अन्दर चला गया.

दिव्या की चीख निकलने को हुई, पर उसके मुँह में नितिन का लंड होने की वजह से उसकी आवाज बाहर नहीं आई.
वह छटपटाने लगी.

मैंने एक जोर का झटका और दे मारा जिससे मेरा पूरा लंड दिव्या की गांड में चला गया.

अब दिव्या बिलबिलाने लगी.
मैंने उसको पकड़े रखा और हिलने ही न दिया.

कुछ देर ऐसे ही मैं दिव्या को पकड़ कर उसकी गांड में लंड डाल कर रुक गया और हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा.

चूत सहलाने से उसे राहत मिली और थोड़ी ही देर में वह शांत हो गई.

अब उसने अपने हाथों से नितिन का लंड पकड़ कर अपने मुँह से बाहर निकाला और बोली- राज आराम से डालो, मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने कहा- तुम बस नितिन का लंड चूसो, इधर का दर्द भूल जाओ … अभी कुछ देर में तुमको मजा आने लगेगा.

दिव्या ने कहा- नहीं यार … मैं नहीं चूस पाऊंगी. लंड गांड में चलता है तो मेरी आवाज भी नहीं निकल पाती है. उसी वक्त नितिन ने पूरा लंड मेरे मुँह में घुसा दिया था. अब तुम धीरे धीरे झटके मारो, जब मेरा मन होगा … मैं नितिन का लंड चूस लूंगी लेकिन अभी नहीं!

मैंने ‘ठीक है’ कहा और दिव्या की गांड में धीरे धीरे झटके मारने शुरू कर दिए.

इससे दिव्या की कामुक आवाज निकलने लगी और उसको मजा भी आने लगा.

कुछ ही पलों बाद दिव्या बोलने लगी- आआ ह्हह राज … थोड़ा जोर से झटके मारो … मजा आ रहा है अह्ह राज … आआह हआ … मारो मेरी गांड को!

मैंने तेज शॉट का एक नमूना करके दिखाया और उससे पूछा- और तेज झटके मारूं?
दिव्या बोली- नहीं, अभी पहले मेरी गांड खुल जाने दो … उसके बाद जितना मन करे तेज झटके मार लेना. अभी मेरी गांड में आराम से डालो … फिर धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाना.

मैंने झटके मारने शुरू कर दिए.
दिव्या- आआ ह्हह आआह्ह आह राज आह्ह राज मारो.

धीरे धीरे मैंने अपने झटके बढ़ा दिए और अब मैं जोर जोर से दिव्या की गांड में झटके मारने लगा.
इससे दिव्या चीखने लगी- आउ ह्ह राज आआहह मारो और तेज मारो राज फाड़ दो आज मेरी गांड को … आह मारो राज अह अह्ह आह!

मैं जबरदस्त गांड पेल रहा था.
तभी दिव्या ने कहा- रुको राज, अब अपना लंड मेरी चूत में डालो.

मैंने बोला- अब तुम खुद ही मेरे लंड पर आकर बैठ जाओ.
इस पर दिव्या राजी हो गई और मुझको नीचे लिटा कर वह मेरे लंड पर बैठ गई.

मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
वह बस मादक सिसकारियां लेती हुई मेरे पूरे लंड को अपनी चूत में निगल गई और मेरे लंड पर उछलने लगी.

कुछ देर बाद दिव्या बोली- नितिन, तुम भी मेरी गांड में अपना लंड डाल दो, मुझको आज दो दो लंड से चुदवाना है.

नितिन ने भी अपना लंड दिव्या की गांड में डाल दिया.
उसके लंड से दिव्या ज्यादा नहीं चिल्लायी.

पहले हम दोनों धीरे धीरे दिव्या को चोद रहे थे पर कुछ देर बाद दिव्या बोलने लगी- अब मुझको जोर से चोदो.

अब हम दोनों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

मैं दिव्या की चूत में नीचे से झटके मार रहा था और ऊपर से नितिन दिव्या की गांड फाड़ रहा था.

दिव्या मजे ले रही थी और मजे में चिल्ला रही थी- आह्हह नितिन फाड़ो मेरी गांड को … आहा ह्ह बहुत मजा आ रहा है आज … आह दो दो लंड एक साथ लेकर मजा आ गया … अह्ह चोदो राज … मेरे छेदों को आज दोनों मिल कर फाड़ दो … मेरी चूत और गांड का भोसड़ा बना दो तुम दोनों … मुझको अपनी रंडी बना कर चोदो!

गांड सेक्स एनल फक शुरू करने के कुछ देर बाद नितिन ने अपना पानी दिव्या की गांड में ही छोड़ दिया और साइड में लेट गया.
मैंने पूछा- क्या हुआ नितिन?
उसने कहा- मेरा काम हो गया.

इस पर दिव्या बोली- राज तुम चोदो मुझको … इनका तो जल्दी ही हो जाता है.
अब मैंने दिव्या को सीधी करके लेटा दिया और उसके दोनों पैर खोल कर उसकी चूत में लंड घुसा दिया.

वह आह करके लंड को खा गई और मैं दिव्या को रंडी की तरह चोदने लगा.
दिव्या भी मजे ले कर चुदवा रही थी और नितिन को बोल रही थी- देखो ऐसे चोदते है चूत को … तुम जल्दी ही थक जाते हो. चोदो राज … मारो मेरी चूत को … फाड़ दो आज इसको … आह बहुत दिनों से इसने लंड नहीं लिया है … उह्ह राज मारो झटके … और जोर से मारो ओह्ह आआह्ह राज अह्ह ओह्ह राज!

नितिन बोला- बस करो दिव्या … कितना चुदोगी?
दिव्या बोली- तुम चुप रहो नितिन, चुदने दो मुझको … बहुत दिनों बाद ऐसा लंड मिला है … आह चोदो राज चोद दो मुझे आह राज मारो मेरी चूत को फाड़ दो अपने लंड से … मेरी चूत बहुत दिनों बाद किसी ने चोदा है … मुझको आह!

करीब पन्द्रह मिनट के बाद मैंने अपना लंड दिव्या की चूत से निकाल लिया और हिलाने लगा.

दिव्या बोली- क्या हुआ राज?
मैंने कहा- दिव्या, मेरा निकलने वाला है!

दिव्या ने मुझको धक्का दिया.
उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ कर लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया.
वह मेरे लंड पर उछलने लगी.

मैंने उसको हटाने की कोशिश की तो उसने मेरे हाथ पकड़ लिया और अपनी चूत को मेरे लंड पर जोर जोर से पटकने लगी- यस राज निकालो मेरी चूत में अपना पानी … आआह राज आउच्च … निकालो अपना पानी मेरी चूत में … आह!

वह जोर जोर से उछलने लगी.

मैं अपने आपको ज्यादा देर तक नहीं रोक पाया और मैंने अपने लंड का सारा माल दिव्या की चूत में ही निकाल दिया.

अब दिव्या भी शांत हो गई और कुछ देर तक वह मेरे लंड पर ही बैठी रही.

जब वह मेरे लंड से उठी तो उसकी चूत में से मेरा माल निकल रहा था.

उस दिन और रात में मैंने और नितिन ने दिव्या को बहुत बार चोदा.
कभी मैं चोदता तो कभी नितिन.

जब नितिन मुझको स्टेशन छोड़ने आ रहा था तो उसने दिव्या से पूछा- राज को छोड़ने के लिए जाओगी?
इस पर दिव्या ने कहा- नहीं नितिन, तुम ही छोड़ आओ, मेरे से नहीं चला जा रहा है.

नितिन मुझको स्टेशन छोड़ गया और मैं वापिस आ गया.

तो दोस्तो, यह थी मेरी गांड सेक्स एनल फक स्टोरी आप लोगों को कैसी लगी, जरूर बताएं.
मेरी ईमेल आईडी है
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