शादी में मिली अनजान लड़की से दोस्ती और सेक्स- 3

(Full Sex With A New Girl)

अजय चौधरी 2025-04-09 Comments

फुल सेक्स विद अ न्यू गर्ल का मजा मैंने एक कुंवारे लड़की की चूत और गांड फाड़ कर लिया. मैं उसे अपने गाँव वाले घर में ले गया. वहां उसके साथ पूरे सेक्स का मजा लिया.

कहानी के दूसरे भाग
कुंवारी लड़की के साथ ओरल सेक्स
में आपने पढ़ा कि एक शादी में एक लड़की को सेट किया. वह तब तो नहीं चुदी पर बाद में मैं उसे चोदने के लिए गाँव वाले घर में ले गया. वहां मैंने उसकी चूत चाटी और उसे लंड चुसवाया.

अब आगे फुल सेक्स विद अ न्यू गर्ल का मजा:

काफी कोशिश करके मैंने अपने लंड को दोबारा खड़ा किया.
जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ, मैं उसे उसकी चूत में डालने लगा.

लेकिन जैसे ही मेरा लंड दिव्या की चूत में घुसने लगा, वैसे ही वह कसमसाने लगी और इधर-उधर खिसक जाती.
जिससे मेरा लंड उसकी चूत में नहीं जा पा रहा था।

फिर मैंने उसको पकड़ा और उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगाया और फिर अपने लंड को उसकी चूत में डालने लगा.
जैसे ही मेरा लंड का टोपा उसकी चूत में घुसा, वैसे ही दिव्या चिल्लाने लगी.

उसकी आखें पूरी तरीके से खुल गयी, बड़ी भी हो गयी और उसने चीखना शुरु कर दिया- अजय प्लीज, अजय इसे बाहर निकालो. मैं मर जाऊंगी. मैं यह दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकती. प्लीज बाहर निकालो. मैं मर गई. हे भगवान प्लीज अजय इसे बाहर निकालो. मुझे कुछ नहीं करना … मुझे जाने दो. अजय तुमको मेरी कसम, तुम बाहर निकालो.
इसी तरीके से दिव्या चीखें जा रही थी।

दिव्या की चीखें बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी आंह … आंह ओह … आंह … आंह … मम्मीईई ईईई ईईई आआह … आंह … आंह … आआह ऊऊईई मम्मीईई ईईई ईईई आआह मर गयी!

मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी चूत में अपने दूसरे धक्के के साथ पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
मेरा लंड उसकी चूत के बच्चेदानी तक पहुंच गया और इधर दिव्या दर्द के मारे चिल्ला रही थी छटपटा रही थी.
उसकी आंखों से मोटे मोटे आंसू निकल रहे थे.

लेकिन मैं पूरे जोश में था और गुस्से में भी … क्योंकि यह बहुत दिनों से मुझे बेवकूफ बना रही थी./
जब भी मैं इसे सेक्स के लिए बोलता कि दिव्या मुझे तुम्हारे साथ चुदाई करनी है तो यह बात को काट देती और मेरी बात को नजरअंदाज करके अपनी दूसरी बात करने लगती.
जिससे मुझे बहुत गुस्सा आता.

लेकिन मैं कर भी क्या सकता था.
आज मुझे मौका मिला था तो मैं कैसे छोड़ने वाला था।

मैं अपनी पूरी ताकत से इसकी चूत का भोसड़ा बनाने में लगा था.
मैं चूत को चोदे जा रहा था और दिव्या दर्द की वजह से रोए जा रही थी, छटपटा रही थी.

लेकिन मुझे उससे घंटा फर्क नहीं पड़ने वाला था क्योंकि मुझे तो सिर्फ दिव्या की चूत मारनी थी.
मैं दिव्या की चूत में अपना लंड बहुत ही तेजी से अंदर बाहर कर रहा था और साथ में उसकी दोनों चूचियों को बारी बारी अपने दांतों से काट रहा था जिससे उसकी चूचियों पर मेरे दांत के निशान पड़ चुके थे, उसकी दोनों चूचियां लाल हो चुकी थी मानो कि अभी इनमें से खून निकल आएगा.

मैंने काफी देर तक दिव्या की चुदाई की.
उसके बाद मैंने उसे पलटा.

जब मैंने उसे पलटा ना … तो क्या ही नज़ारा था.

उसके बड़े बड़े दो चूतड़ वो भी एकदम सफेद!
मेरा तो दिमाग ही खराब हो गया.
मेरा नशा और बढ़ गया.

मैंने पहले उसके चूतड़ पर प्यार से चुम्मा लिया, उसके बाद फिर उसे चाटने लगा.

क्या ही स्वाद था … मुझे मजा आ रहा था.

मैंने फिर उसे अपने दांतों से काटा, कई जगह अपने दांत के निशान बनाए.
जिस पर दिव्या दर्द से चीखने चिल्लाने लगी, बोलने लगी- अजय प्लीज यार, दांत से मत काटो. मुझे दर्द होता है. जो करना है प्यार से करो!

लेकिन मैं था नशे में … और मुझे तो उसकी चीखें और दिव्या का चिल्लाना ही पसंद आ रहा था.
और दिव्या के चीखने चिल्लाने से मुझे जोश भी आ रहा था।

फिर मैंने उसे कुतिया बनने को बोला.
लेकिन वह इतने होश में नहीं थी कि वह कुतिया बन सके.

फिर मैंने उसे बेड के सहारे उल्टा लिटा दिया और उसकी दोनों टांगें नीचे लटका दी.
मैंने उसके दोनों हाथ मोड़कर उसकी पीठ पर रखे और पकड़ लिए.
साथ में उसके बाल भी!

मैंने अपने दोनों पैरों से उसके दोनों पैर खोले और अपना लंड उसकी चूत में डालकर उसे चोदने लगा.

इस बार दिव्य काफी जोर से चिल्ला रही थी लेकिन मुझे घंटा फर्क नहीं पड़ने वाला था.
मैं उसे बस चोदे जा रहा था.

कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने उसे उठाया और गोद में लेकर उसकी चुदाई करने लगा.

मैंने उसी दौरान उसे कई पोजीशन में चोदा.

फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकालकर उसके मुंह में डाल दिया फिर कुछ ही झटकों में मेरा सारा पानी उसके मुंह में निकल गया।

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और बाहर निकल कर देखा तो शाम हो चुकी थी.

मैं सिगरेट जलाकर पीने लगा.
तब तक मेरा नशा उतर गया था.

मैं कमरे में गया वहां देखा दिव्या सो चुकी थी.
मैंने दो पैक पटियाला अपने लिए बनाएं और सिगरेट लुगाई.

फिर मैंने दिव्या को उठाया, बाथरूम में ले जाकर उसे साफ किया अच्छे से … उसकी चूचियों को साफ किया, अच्छे से उसकी चूत को धोया.

उसकी चूत को धोते हुए उसकी गांड को देख पागल हो गया.
मैंने अपने दिमाग में यह खयाल बनाया कि चाहे कुछ भी हो जाए अब इसकी गांड भी मारनी है.

मैं वापस रूम में उसको लेकर आया जहां पूरे रूम में सारा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था और बेड पर दिव्या की चूत का खू/न बिखरा हुआ था.
फर्श पर भी कुछ बूंद पड़ी हुई थी.
मैंने बेडशीट हटा दी और दूसरी बेडशीट बिछाई.

फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसके बगल में मैं भी लेट गया।

करीब 3 घंटे के बाद दिव्या को होश आया.
वह जब नींद से उठी तो काफी दर्द में थी.

उसने मुझे जगाया और कहा- अजय, तुमने मेरे साथ क्या किया है. मुझे काफी जलन हो रही है.
मैंने बोला- कहां पर?
उसने कहा- मेरी चूत में बहुत ज्यादा जलन हो रही है, दर्द भी बहुत हो रहा है. मेरी चूचियों पर भी काफी दर्द हो रहा है.

जब उसने अपनी चूचियों पर नजर घुमाई तब उसकी चूचियों पर मेरे दांत के निशान थे.
उसने कहा- अजय तुम इंसान हो या जानवर? तुमने किस तरीके से मेरे साथ सेक्स किया है. मैंने सोचा था कि तुम जो कुछ करोगे प्यार से करोगे.

मैंने उसे बाहों में लिया और उसे प्यार से समझाते हुए कहा- बेबी, यह हमारे प्यार की पहली निशानी है. क्या तुम इसे याद नहीं रखना चाहोगी? हमारी पहली चुदाई को तुम जिंदगी भर याद रखो इसीलिए तो मैंने यह सब किया है.
मैंने उसको अपनी प्यारी प्यारी बातों में बहला-फुसलाकर मना लिया.
लेकिन वह दर्द से तड़प रही थी इसलिए मैंने बोतल से एक पटियाला पेग बनाया और उसे पीने को बोला.

लेकिन उसने मना कर दिया- तुमने मुझे शराब पिलाकर यह हाल किया है. अब अगर मैंने दोबारा पी तो तुम मेरे साथ क्या करोगे?
मैंने कहा- तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा मेरी जान! तुम परेशान मत हो, तुम पियो. तुमको कल भी मेरे साथ रहना है। तुमको कल मैं दवा ला दूंगा.

जिस पर उसने मेरे हाथ से पैग लिया और पीने लगी.
मैंने उसको दो पैग पटियाला पिलाए.
दिव्या धीरे-धीरे पैग पीती रही.

फिर मैंने अपने एक दोस्त को कॉल किया और बोला- भाई मुझे 2 बोतल वोडका और खाने के लिए खाना चाहिए.
उसने बोला- ठीक है भाई, आधे घंटे में तुम्हें मिल जाएगा.

मैं आधे घंटे तक दिव्या से यूं ही बातें करता रहा, उसे वोडका और सिगरेट पिलाता रहा.

थोड़ी देर बाद मेरा दोस्त आया.
उसने मुझे खाना और वोडका की बोतल दी.
साथ में वह कुछ स्नैक्स लाया था.

मैंने दिव्या को खाना खिलाया.

उसने कहा- मुझे ज्यादा भूख नहीं है. मुझे दर्द बहुत हो रहा है, मैं खाना नहीं खा पाऊंगी.
मैंने कहा- खाना नहीं खाओगी तो दर्द ज्यादा होगा, कमजोरी आ जाएगी.

फिर मैंने उसे खाना खिलाया.
खाना खाने के बाद वह मदहोश होने लगी.

तब मैंने फिर से उसे किस करना शुरू कर दिया.
मैं उसके ऊपर चढ़ गया, उसके मुंह को खोला, उसमें अपना लंड डाल दिया. इस बार दिव्या काफी हद तक अच्छे तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी।

मैं काफी देर तक उसके मुंह में अपना लंड डालकर अंदर बाहर करता रहा.
जब मेरा लंड पूरे तरीके से तन गया, तब मैंने उसे पलटा और उसकी चूत में लंड डाल दिया.
उसकी चूत में इस बार काफी आसानी से लंड चला गया.

मैं काफी देर तक उसकी चुदाई करता रहा.
फिर मैंने मौका देख कर उसकी गांड में थूक लगाया और अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा.

लेकिन जैसे ही मैं कोशिश करता उसकी गांड में लंड डालने की … वह हिल जाती और मना करने लगती- जय तुमने मेरी चूत में लंड डालकर इतना दर्द दिया है जो मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं. अगर तुमने मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया मैं तो मर ही जाऊंगी इसलिए प्लीज मत करो!

मैंने उसकी एक न सुनी, मैंने उसे काफी अच्छे से पकड़ा और थूक लगाकर अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा.

मेरे लंड का टोपा जैसे ही उसकी गांड में घुसा, उसकी चीख़ निकल गई, वह रोने, छटपटाने लगी, कहने लगी- ओह … आंह … ओह … आंह … अजय प्लीज निकाल लो. मैं मर जाऊंगी. मर गयी … मर गयी मैं … मार डाला मुझे तुमने अजय! निकालो बहुत दर्द हो रहा है.

मैंने कहा- साली मादरचोद, तूने तो चूत चुदाई के टाइम भी यही बोला था. मरी तो नहीं बहन की लोड़ी. और इतने दिनों से मुझे बेवकूफ बनाए रखा है उसका क्या मदरचोद? मुझे चुतिया समझती है? इतने दिनों से मैं तुझसे प्यार से बोल रहा था. तब तुझे समझ में नहीं आया. और आज तेरी चूत मार रहा था तब भी तूने कहा निकाल लो नहीं तो मैं मर जाऊंगी. बहन की लौड़ी मरी तो नहीं ना?

मैंने उसकी गांड में पूरा लंड डाल दिया और फिर उसकी चुदाई करता रहा.

उसकी गांड भी फट चुकी थी. उसकी गांड से भी खून निकल रहा था.
लेकिन मुझे घंटा फर्क नहीं पड़ने वाला था.

दिव्या जोर जोर से चिल्लाए जा रही थी, रोए जा रही थी.
उसके मुंह से आवाजें निकल रही थी- आंह … आंह … आआह आह मम्मीईई ईईई मर गयी आआह … आंह … आआह मम्मी ईईई मर गयी!

लेकिन मैं अपनी धुन में मस्त उसकी चुदाई पर ही ध्यान दिए था.
मैंने उसकी गांड से अपना लंड निकाला.
जिसके साथ एक पक्क करके आवाज आई और मैंने दिव्या को उसी बेड पर धकेल दिया.

फिर मैंने वोदका की बोतल निकाली और पैग बनाया एक पेग खुद पिया और दूसरा पैक दिव्या को पीने को बोला.

लेकिन वह पीने से मना करने लगी.
मैंने उसे कहा- साली मदरचोद रंडी की औलाद … अगर नहीं पिएगी तो तेरा दर्द कैसे कम होगा?

और मैंने गिलास रखते सीधा वोदका की बोतल उसके मुंह में लगा दी.
जब तक वह दो-चार घूंट पी नहीं गई, तब तक मैंने उसके मुंह से बोतल नहीं निकाली.

बोतल निकालने के साथ ही वह खांसने लगी.
उसकी आंख से आंसू बहने लगे, उसकी आंखें बाहर आने लगी.

वह बोलने लगी- अजय, तुम्हारी क्या दुश्मनी है मुझसे? तुम क्यों कर रहे हो मेरे साथ ऐसा?
मैंने कहा- जानू, यह हमारी पहली चुदाई है यह तुम्हें जिंदगी भर याद रहेगी।

फिर मैंने उसके मुंह में वोदका की बोतल लगाई और उसे पिलाने लगा.
दो-चार घूंट पीने के बाद फिर उसे खांसी आ गयी.

फिर मैंने अपने लिए पैक बनाया और पिया.

फिर मैं उसके पीछे जाकर उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने सारा पानी उसकी गांड में ही निकाल दिया.

फिर मैंने उसको अपनी ओर खींच कर अपने साथ लिटा लिया और सुबह तक सोता रहा.

दूसरे दिन जब मैं सोकर उठा तब देखा कि दिव्या कपड़े पहन कर बैठी है.

मैंने उसे कहा- दिव्या, तुमने कपड़े किस से पूछ कर पहने? तुम कपड़े उतार कर मेरे पास आओ!
उसने मना कर दिया.

अब इसके आगे की कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा कि दिव्या दोबारा कभी जिंदगी में मुझसे मिली या नहीं, उसने दोबारा मुझसे चुदाई करवाई या नहीं.

दोस्तो, यह थी मेरी कहानी.
फुल सेक्स विद अ न्यू गर्ल कहानी आप लोगों को कैसी लगी बताना, जरूर मुझे मेल करना सभी लोग!
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