शादी वाले दिन के मेरे कारनामे- 4
(Daughter Father Chudai Kahani)
डॉटर फादर सेक्स कहानी में मेरे पापा मुझे दुल्हन के रूप में चोदने मेरे कमरे में आ गए थे. उन्होंने मेरी चूत छाती, फिर मेरी गांड चाटने लगे. मैं समझ गयी कि पापा मेरी गांड मारेंगे.
कहानी के पिछले भाग
पापा मुझे चोदने आये मेरे रूम में
में आपने पढ़ा कि मेरी शादी वाले दिन शाम को मेरा भी मेरे लहंगे में घुस कर मेरी चिकनी चूत चाट कर मजा लेकर गया.
और मेरे पापा ने तो पहले से ही मुझे कह रखा था कि वे मुझे शादी के जोड़े में चोदेंगे.
यह कहानी सुनें.
पापा मेरे होटल के कमरे में आये. वहां पर मेरी सहेली भी थी जो मेरे भाई और पापा से चुद चुकी थी.
तब पापा ने मुझे कुर्सी पर बैठाया और मेरी चूत तक पहुंच गए.
अब आगे डॉटर फादर सेक्स कहानी:
मेरी चूत पर किस करने के बाद पापा जीभ निकालकर चूत को आइसक्रीम की तरह चाटना शुरू कर दिया।
मैं तो जैसे सातवें आसमान पर पहुँच गयी थी।
मैंने अपने दोनों हाथों को पापा के सिर पर रख दिया और आंखें बंद कर हल्के – हल्के अपनी कमर को हिलाती हुई चूत चटवाने लगी।
अभी कुछ देर पहले भाई ने मेरी चूत चाटी थी और अब टांगें फैलाये पापा से अपनी चूत चटवा रही थी।
बीच में मेरी नजर ज्योति की तरफ गयी तो देखा वह बेड पर बैठे हुए हम बाप-बेटी के सेक्सी खेल को देख रही थी।
पहले भाई-बहन और अब बाप-बेटी के बीच चल रहे इस सेक्स के खेल को देखकर शायद वह भी उत्तेजित हो गयी थी इसलिए वह अपने एक हाथ को स्कर्ट के अन्दर ले जाकर अपनी चूत को धीरे-धीरे सहला रही थी।
चूत चाटते हुए बीच-बीच में पापा हाथों के अँगूठे से चूत के दोनों फांकों को फैला देते थे और अपनी पूरी जीभ को मेरी चूत के अंदर डाल कर हिलाने लगते थे।
मेरे मुंह से हल्की-हल्की सिसकारी निकल रही थी।
करीब 2 मिनट तक चूत को इसी तरह चाटने के बाद पापा ने अपने मुंह को मेरी चूत से हटा लिया और खड़े हो गये।
फिर वे खिसक कर कुर्सी के बगल में आकर एकदम मेरे मुंह के पास खड़े हो गये और अपने कुर्ते को उपर उठाकर कमर के पास कर दिया।
नीचे उन्होंने रेडिमेड धोती पहनी थी जिसमें इलास्टिक लगी थी।
उन्होंने अपनी धोती को कमर के पास से पकड़ कर एक झटके में नीचे कर दिया।
धोती के साथ ही उनका अण्डरवियर भी नीचे चला गया।
जिससे उनका लण्ड ठीक मेरे मुंह के सामने था जो पूरी तरह तो नहीं लेकिन लगभग खड़ा था।
पापा ने लण्ड को हाथ से पकड़ा और उसकी चमड़ी को पूरी पीछे कर सुपारे को मेरे होंठ से सटाते हुए बोले- चूसो बेटा इसे! अब पता नहीं कब मौका मिलेगा।
मैंने मुंह खोला सुपारे को पूरा मुंह में लेकर चूसने लगी।
लण्ड चुसवाते हुए ही पापा ने खड़े-खड़े अपने कुर्ते को पूरा निकाल दिया और बेड पर फेंक दिया।
उसके बाद वे एक हाथ अपनी कमर पर और दूसरा हाथ मेरे सर पर रखकर कमर हिलाते हुए लण्ड चुसवाने लगे।
मैं भी मुंह को आगे-पीछे कर उनका लण्ड चूसे जा रही थी।
मेरे पैर अभी भी उसी तरह कुर्सी के दोनों हैण्डल पर थे और पापा के लण्ड को चूसती हुई मैं एक हाथ से चूत को भी सहलाने लगी।
एक मिनट तक इसी तरह लण्ड चुसवाने के बाद पापा ने मेरे मुँह से लण्ड को निकाल लिया।
फिर वे मेरे सामने आकर खड़े होते हुए बोले- खड़ी हो जाओ बेटा!
मैं लहंगे को उसी तरह पकड़े कुर्सी से उठकर खड़ी हो गयी।
मैंने लहंगा नीचे नहीं किया था।
पापा बोले- पीछे घूम जाओ और कुर्सी का टेक ले लो।
मैं समझ गयी कि पापा को जल्दी भी है और चुदाई के मूड में हैं।
वरना अक्सर तो ये मेरे मुँह में लण्ड का पानी निकालते थे।
मैं घूम गयी.
अब मेरी पीठ पापा की तरफ थी।
मैं अभी भी लहंगे को ऊपर किये हुए पकड़ी थी।
पापा ने पीछे से मेरे लहंगे को पकड़ लिया और जिसके बाद मैंने लहंगे को छोड़ दिया और अपने दोनों हाथों को कुर्सी के हैण्डल पर टिका दिया और झुक कर खड़ी हो गयी।
तब पापा ने लहंगे को पूरा ऊपर उठाकर मेरी कमर और पीठ पर रख दिया जिससे मेरी नंगी गांड और चूत अब पापा के लण्ड के सामने थी।
मेरे थूक से पापा का लण्ड एकदम चिकना और गीला था, वहीं मेरी चूत भी एकदम गीली थी।
पापा मेरी गांड को सहला रहे थे।
मैं भी गांड उचकाए अपने चूत में पापा के लण्ड का इंतजार कर रही थी कि तभी मैंने गांड पर गर्म – गर्म सांसों को महसूस किया।
मैंने पलट कर देखा तो पापा एक बार फिर नीचे घुटनों के बल बैठे हुए थे।
अभी मैं कुछ समझती … तभी पापा ने गांड की दरार को अगल-बगल थोड़ा फैलाया और अपनी जीभ मेरी गांड के छेद पर रख दी।
मेरे मुंह से आआ आआह हहह … की सिसकारी निकल गयी।
मैं एकदम सातवें आसमान पर पहुँच गयी थी।
पापा अपना मुँह मेरी गांड की दरार के बीच फंसाए जीभ से मेरी गांड के छेद और आसपास की जगह को चाट रहे थे।
मैं दांतों को होठों में भींचे हल्की-हल्की सिसकारी निकालती हुई अपनी शादी के दिन दुल्हन बनकर अपने बाप से गांड चटवा रही थी।
करीब एक मिनट तक इसी तरह गांड की छेद को चाटने के बाद पापा खड़े हो गये।
मैं समझ गयी कि चूत की चुदाई बाद में करेंगे पहले ये अपना मनपसंद काम करेंगे मेरी गांड मारने का!
फिर वही हुआ.
पापा के थूक से मेरी गांड एकदम चिकनी हो चुकी थी.
उसके बावजूद पापा ने मेरी गांड के छेद पर और अपने लण्ड पर थूक लगाया।
फिर मेरी गांड की दोनों दरारों को अगल-बगल पूरा फैलाकर पापा ने गांड की छेद पर अपना गर्म – गर्म लण्ड रख दिया।
फिर गांड पर से हाथ हटाकर मेरी कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और तेज धक्का लगाया।
मेरे मुँह से आआ आआआह हहह … पापा पापआआ आआआ … की तेज सिसकारी निकल गयी।
पापा का आधा लण्ड मेरी गांड में घुस गया था।
करीब 10 सेकेण्ड रुकने के बाद पापा ने हल्के-हल्के तीन-चार धक्के लगाए और पापा का पूरा लण्ड जड़ तक मेरी गांड में घुस गया था।
फिर धीरे-धीरे धक्का मारते हुए पापा मेरी गांड मारने लगे, डॉटर फादर सेक्स का मजा लेने लगे।
मैं भी मुंह से सिसकारी लेती हुई कमर हिलाती हुई पापा से गांड मरवा रही थी।
एक-डेढ़ मिनट तक इसी तरह गांड मारने के बाद पापा ने लण्ड को मेरी गांड निकाल लिया।
फिर लण्ड को मैंने अपनी चूत पर महसूस किया।
पापा ने चूत में लण्ड को डालने की जगह एक हाथ को मेरी गांड पर रखे हुए दूसरे हाथ से अपने लण्ड को पकड़कर मेरी चूत पर रगड़ने लगे।
15-20 सेकेण्ड तक इसी तरह चूत से लण्ड को रगड़ने के बाद पापा ने दोनों हाथ से मेरी कमर को पकड़े एक झटके में पूरा लण्ड मेरी चूत में डाल दिया।
मेरे मुँह से तेज सिसकारी निकली।
फिर पापा ने धक्का देते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी।
मैं भी गांड उचका-उचका कर पापा से चुदवाने लगी।
दुल्हन की तरह सजने के बाद अपनी बेटी को चोदने का पापा का सपना पूरा हो रहा था और तेजी से धक्का देते हुए वे मेरी चुदाई कर रहे थे।
थप-थप की आवाज से कमरा गूँज रहा था।
पापा के चोदते हुए धीमे-धीमे सिसकारी भी लेते जा रहे थे- आहह हहहह … बेटा … आहह हहहह!
मैं मुंह से भी हल्की-हल्की सिसकारी लेती हुई चुदवा रही थी।
4-5 मिनट बीते होंगे कि मेरा चेहरा एकदम गर्म हो गया और मैं तेजी से अपनी गांड और कमर को हिलाती हुई चुदवाने लगी।
मेरी चूत का पानी निकलने वाला था।
उधर शायद पापा भी झड़ने वाले थे और वे भी चुदाई की स्पीड बढ़ाते हुए तेजी से मेरी गांड पर धक्के लगाने लगे।
इधर मेरी चूत के लिए अब पापा के लण्ड के धक्के बर्दाश्त के बाहर हो गये थे और अचानक मेरे शरीर में अकड़न होने लगी.
मेरी आँखें बंद हो गयीं … मेरे मुँह से एक तेज सिसकारी निकली- आआ आआआह हहहह … पापा पापा पा … बस सस्स सस!
और फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
तभी अचानक पापा ने भी एक तेज धक्का लगाया और फिर मेरी कमर पकड़ कर एकदम से अपने लण्ड से सटा ली.
उनके लण्ड का गर्म पानी मैंने चूत में महसूस किया.
और फिर पापा ने कमर को दो-तीन तेज झटके देते हुए अपने लण्ड का सारा पानी मेरी चूत में निकाल दिया।
मैं अपनी जांघों को सिकोड़ कर अपने साँसों पर काबू पाने की कोशिश कर रही थी.
वहीं पापा अपना लण्ड मेरी चूत में डाले हाम्फ रहे थे।
मैंने लहंगे को, जो आगे की ओर से थोड़ा नीचे लटक रहा था, एक हाथ से पकड़ कर पूरा ऊपर कर दिया कि कहीं पापा का वीर्य उस पर न पड़ जाए।
करीब 30 सेकेण्ड तक इसी तरह चूत में लण्ड डाले पापा खड़े रहे और फिर नॉर्मल होने के बाद उन्होंने चूत से लण्ड को निकाल लिया।
जैसे ही पापा ने चूत से लण्ड को निकाला, चूत का पानी और पापा के लण्ड का गाढ़ा-गाढ़ा वीर्य मेरी चूत से निकल कर जांघों पर बहने लगा।
ज्योति ने पापा को लण्ड साफ करने के लिए टिश्यू पेपर दिया और फिर मेरे पीछे आकर एक छोटे तौलिये से मेरी चूत और जांघ पर फैले पानी को पौंछने लगी।
जब उसने अच्छे से पौंछ दिया, तब मैं सीधी खड़ी हुई और लहंगे को धीरे से नीचे कर दिया।
इतनी देर में पापा ने भी अपने कपड़े ठीक से पहन लिए और अपना मोबाइल लेकर मुझसे मुस्कुराते हुए बोले- थैंक्यू बेटा, आज तुमने अपने पापा का एक सपना पूरा कर दिया।
मैं बिना कुछ बोले सिर्फ मुस्कुरा दी।
डॉटर फादर सेक्स के बाद पापा दरवाजा खोल कर बाहर निकल गये।
ज्योति ने जाकर दरवाजा बंद कर दिया।
मैं ज्योति से हंसती हुई बोली- आज तो तू सिर्फ दर्शक बनकर पॉर्न मूवी का लाइव शो देख रही है।
ज्योति हंसकर बोली- अरे यार, तुम्हारे सोनू के टाइम तो ज्यादा कुछ नहीं हुआ। लेकिन तुम बाप-बेटी की चुदाई देख कर मेरी चूत में तो भयंकर खुजली शुरू हो गयी थी। जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो उधर अंकल और तुम चुदाई में जुटे थे, इधर मैंने भी अपनी स्कर्ट उठायी चूत में उंगली करने लगी थी। तुम लोगों के झड़ने से थोड़ा पहले ही मेरी भी चूत का पानी निकल गया था।
फिर आँख मारकर मुस्कुराती हुई वह बोली- वैसे पापा भी साथ ही हैं तो कोई दिक्कत नहीं है. अभी फ्री होकर अपने रूम में जाकर उन्हें बुला लूंगी कुछ देर के लिए!
हम दोनों हंस पड़ी.
फिर ज्योति ने भी अपने कपड़े निकाले और तैयार होने लगी.
और हम बारात का इन्तजार करने लगे।
अगली कहानी में मैंने ससुराल में अपने मायके जैसा माहौल तैयार कर दिया.
तब तक थोड़ा इंतजार कीजिए।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये डॉटर फादर सेक्स कहानी … मुझे ज़रूर बताइयेगा।
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