चुत और गांड मारना ऑटो में मिली लड़की की
(Chut Aur Gand Marna Auto Rikshaw Me Mili Ladki Ki)
इस कहानी में लड़की की गांड मारना बताया गया है. सबसे पहले सभी भाभियों, आंटियों और जवान लड़कियों की चूत को मेरे खड़े लंड की सलामी. मेरा नाम राहुल है.. मैं हिसार शहर का रहने वाला हूं. मैं दिखने में स्मार्ट हूँ, मेरा कद 6’1″ है.. और शरीर नार्मल ही है. मेरे लंड का साइज 6″ है.
ये बात डेढ़ साल पहले की है. मैं कॉलेज ऑटो रिक्शा में जाता था. एक दिन मेरे साथ वाली सीट पर एक लड़की आके बैठ गयी. वो दिखने में एकदम पटाखा थी उसके चुचे और गांड बहुत मोटी थी. इसका कद 5’5″ गोरा रंग, एकदम तराशा हुआ बदन था. उसे देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे सेक्स की देवी सामने हो.
उसकी तनी हुई चूचियां देख के ही मेरा तो लंड खड़ा होने लगा था. मैं उसे लगातार घूर रहा था, शायद उसने भी मुझे ऐसा करते देख लिया था.
फिर मैंने आपने आप को संभाला और उससे घूरना बंद किया. वो भी मुझे बार बार देख रही थी. मेरे दिल की धड़कन भड़कने लगी.
मैंने सोचा लाइन क्लियर है.. तो मैंने अपना फ़ोन निकाला और उसमें अपना फ़ोन नंबर लिख दिया, जोकि उसको दिखाने के लिए था. मुझे पता था वो मेरा फ़ोन देख रही है.
थोड़ी दूर पे उसका स्टॉप आ गया और वो उतर गयी. जाते जाते उसने मुझे स्माइल दी, मैंने भी उसकी स्माइल का जवाब स्माइल से दिया. मैं ये सोच ही रहा था कि उसने फ़ोन नंबर लिया या नहीं कि तभी मेरे व्हाट्सएप पर मैसेज आया.
वो उसी लड़की का था. उसमें लिखा हुआ था- नंबर देने का ये तरीका मुझे पसंद आया.
फिर मैंने उसको कॉल किया, उसने अपना नाम नेहा बताया. तो मैंने उससे अपने दिल की बात बता दी कि मुझे तुम पसंद आई हो.
उसने भी कहा कि मैं भी उसको देखते ही पसंद आ गया था.
फिर हमारी ऐसे ही बात होती रही. काफी कुछ बातचीत हुई, प्यार मुहब्बत के तमाशे हुए. थोड़े समय बाद रात को फ़ोन पर हम रोज सेक्स चैट करने लगे. एक दूसरे को एक दूसरे की नंगी फ़ोटो भेजने लगे. पर रूम न मिलने की वजह से बात चुदाई तक नहीं पहुँच रही थी.
फिर एक दिन नेहा के परिवार को किसी काम से गांव जाना था. मैंने उसको बोल दिया कि वो घर पे ही रुकने का कोई बहाना बना दे. नेहा ने वैसा ही किया और कॉलेज में कुछ काम है, ये बोल कर वो घर पर रुक गयी.
उसके परिवार वाले सुबह 8 बजे गांव के लिए निकल गए, तभी मेरे पास उसका फ़ोन आया कि मैं अब उसके घर आ सकता हूं.
मैं जल्दी से उसके घर के लिए निकला. रास्ते से कंडोम लिया और उसके घर पहुँच गया. नेहा ने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर खींच लिया.
मैंने देखा कि आज वो सर से लेके पैर तक कयामत लग रही थी. उसने दरवाजा बंद किया और मुझे किस करने लगी. किस क्या, मेरे होंठ खाने लगी.
तभी मैंने उससे याद दिलाया कि गेट खुला है.
फिर हमने गेट बंद किया और मैंने उससे अपनी बांहों में उठा कर ‘बेडरूम कहां है?’ ये पूछा.
उसने इशारा करके मुझे बेडरूम दिखाया. मैं उसको किस करता हुआ सीधा बेडरूम में ले गया और नेहा को बेड पर लेटा दिया. वो मुझे छोड़ ही नहीं रही थी. सो मैं उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा. किस करते करते कब मेरा हाथ उसकी चूची को दबाने लगा, मुझे पता भी नहीं लगा.
अब वो भी गर्म हो गयी थी. मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी चूची चूसने लगा और एक हाथ से दूसरी चूची को दबाने लगा. उसकी चूची एकदम सख्त हो गयी थीं. उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को चुसके मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
वो भी कामुक सिसकारियां ले रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… राहुल अब मत तड़पाओ.. जल्दी से काम पे लग जाओ.. बहुत दिनों बाद ये दिन आया है.
मैं भी उत्तेजना से पागल हुए जा रहा था. मेरा लंड जींस को फाड़ के बाहर आने के लिए तरस रहा था. शायद नेहा ये समझ गयी थी, इसलिए उसने एक झटके में मेरे पैंट खोल दी और मैंने उसकी खोल दी.
अब वो सिर्फ पैंटी में थी और मैं सिर्फ अंडरवियर में था. नेहा अब काम की देवी लग रही थी. उसकी मोटी चूची, मस्त गांड देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था. वो मेरा लंड ऊपर से ही भींच रही थी. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. मैंने अब उसको किस करते हुए उसकी पेंटी को शरीर से अलग कर दिया और अपने अंडरवियर भी निकाल दिया.
उसकी चूत देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था. अब मैं उसकी गांड दबा रहा था. वो मेरा लंड देख कर उस पर टूट पड़ी और मुँह में लेके चूसने लगी. फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूसने लगी. बस 15 मिनट चूसने के बाद मैं और वो एक साथ झड़ गए. मैं उसका सारा पानी पी गया और वो मेरा.
मुझे नहीं पता था कि नेहा इतनी एक्सपर्ट है. अब दोबारा हम एक दूसरे को किस करने लग गए. मैं फिर से अपना 6″ का हथियार लेकर तैयार हो गया. मैं लंड पर कंडोम चढ़ाने लगा तो वो बोलने लगी कि मुझे बिना कंडोम के करना है.
मैंने कंडोम को हटा दिया और उसकी चूत को फिर किस करने लगा और चूत में दो उंगली डाल दीं. वो भी गर्म हो गयी थी और जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी कि राहुल अब मुझसे रहा नहीं जा रहा, जल्दी से डालो अन्दर..
मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और अपने लंड को चूत पर सैट किया और एक जोर का झटका मार दिया. मेरा लंड चूत को चीरता हुआ 3″ तक अन्दर चला गया. नेहा की चीख निकल गयी. मैं उसके होंठों को किस करने लगा, तो उसकी आवाज मेरे मुँह में दब गई.
आधा लंड डालने के बाद मैं थोड़ी देर रुका रहा, जब नेहा का दर्द कम हो गया तो मैंने एक और झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी गर्म भट्टी में समा गया. मैं अब जन्नत में था और जोर जोर से उसे चोद रहा था.
नेहा वासना से भरी सिसकारियां ले रही थी- राहुल चोदो मुझे.. बना लो आज हमारी सुहागरात.. मेरी चूत फाड़ दो और तेज करो राहुल आआआहा.. आहा.. और तेज राहुल..
उसकी बातें सुन कर मैं और जोश में आ गया और अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब तक नेहा 2 बार झड़ चुकी थी. हर बार झड़ने के साथ वो मेरी पीठ पर नाखून चुभो देती और मेरे होंठ खाने लगती.
कुछ देर की मस्त धकापेल के बाद मेरा भी होने वाला था. मैंने बोला- कहां निकालूँ?
तो वो बोली- मैं तुम्हारे वीर्य को महसूस करना चाहती हूँ.. अन्दर ही छोड़ दो.
मैंने स्पीड बढ़ा दी और अपने माल को चूत के अन्दर ही छोड़ दिया. हम दोनों के चेहरे पे संतुष्टि के भाव थे. थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे. फिर वो मेरी शर्ट पहन कर रसोई में कुछ खाने का लेने गयी. उसकी उभरी हुई नंगी गांड देख के मेरा सांप फिर फन उठाने लगा. वो गांड मारना चाहता था.
वो दूध लायी, हम दोनों ने एक ही गिलास में दूध पिया.
मैं उसको फिर से किस करने लग गया. वो मुस्कुरा कर बोली- जान, अब भी मन नहीं भरा?
मैंने कहा- तुमसे मन भर जाए, ऐसी तुम चीज ही नहीं हो.
वो हंस दी.
मैंने कहा कि जरूरी काम तो अभी बाकी रह गया है.
वो बोली- क्या जरूरी काम?
मैंने कहा- तुम्हारी गांड भी मारना बाकी है.
तो वो डर गयी, बोली- बहुत दर्द होगा.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा.. मैं आराम से करूँगा.
पर वो मना कर रही थी, मेरे काफी समझाने पे उसने हाँ कर दी.
फिर मैं उठा. फ्रीज से मलाई की कटोरी ले आया और उसकी गांड पे लगाने लगा. मलाई सी गांड पर मलाई लगा कर, मैं उसकी गांड की मलाई को चाटने लगा.
वो उछलने लगी और मस्त होने लगी. मैंने एक उंगली उसकी गांड में डाल दी तो उससे हल्का हल्का दर्द हुआ.
अब मैं जितनी जीभ हो सकती थी, उसकी गांड में डालने लगा. उसको भी अब गांड चटवाने में मजा आ रहा था.
मैंने उसे घोड़ी बनने के लिए कहा और बोला- अगर दर्द हो मुँह को तकिए से दबा लेना.
तो उसने हां में सर हिलाया.
फिर मैं आराम आराम से उसकी गांड में लंड डालने लगा. उसको दर्द हो रहा था पर मेरा दिल रखने के लिए वो दर्द सहन करती रही. उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे और वो तकिये में मुँह दबा के कराह रही थी. पर मैं रुका नहीं और पूरा लंड अन्दर डाल दिया. मैंने उसकी गांड फाड़ दी थी.
अब मैं उसकी गांड मारने लगा, आराम आराम से लंड पेलने लगा. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी और गांड हिला हिला के साथ दे रही थी.
वो बोल रही थी- आह.. राहुल ऐसे ही करते रहो.. मजा आ रहा है. मेरी गांड फाड़ दो राहुल.
मैं भी जोश में भर गया और अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब मेरा छूटने वाला था तो मैंने उसकी गांड में ही रस छोड़ दिया और ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा.
दस मिनट बाद लंड निकाल के देखा तो उस पर खून के थोड़े से कतरे लगे हुए थे. ये देख कर मेरी गांड फट गयी कि ये क्या हो गया.
फिर पता चला ये खून नेहा की गांड के थे. उसकी गांड की सील मैंने तोड़ दी थी. नेहा को मैंने उठाया, उससे चला नहीं जा रहा था, वो लड़खड़ा के जा रही थी.
मैं उसको उठा कर बाथरूम में ले गया वहाँ उसके साथ नहाया और फिर उसने वहाँ भी मेरा लंड चूसा. मेरा फिर से मूड बन गया. लेकिन उसने मना कर दिया.
मैं उसको वहां से उठा के लाया और बेड पर लेटाकर उसकी गांड में देसी घी की मालिश की. उसको पेनकिलर दे दी, फिर थोड़ी देर हमने बात की.
फिर मैं अपने घर चला गया. वो दिन मैं कभी नहीं भूलूँगा. फिर नेहा और मुझे जब भी मौका मिलता, वो मुझसे अपनी गांड और चूत मरवा लेती. उससे अब गांड मारना में भी मजा आने लगा था.
कुछ समय बाद इसी साल फरवरी में उसकी शादी हो गयी. अब मैं उससे कभी कभी ही चोद पाता हूं. पर उसने कहा है वो पहला बच्चा मेरा ही चाहती है.
दोस्तो कैसी लगी गांड मारना सेक्स स्टोरी.. मेरी ईमेल पे आप अपने कमेंट्स जरूर सेंड करें.
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