गरबे की रात – डबल चुदाई की बात

(Chut Gand Chudai Double Kahani)

चूत गांड चुदाई डबल कहानी में मेरी इच्छा थी कि मैं एक साथ दो लंड से चुदूं एक चूत में और दूसरा गांड में! मेरी यह इच्छा पूरी हुई जब दो कॉलेज स्टूडेंट्स ने मुझे चोदा.

यह कहानी सुनें.

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम।

मैं अंजलि भाभी जामनगर, गुजरात से!
आशा करती हूं कि आपने मेरी पिछली कहानियां पढ़ी होंगी।
जिनमें मैंने बताया कि कैसे मैं अपनी हवस मिटाने के लिए किसी भी लन्ड का सहारा लेने वाली रण्डी किस्म की औरत हूं।
मेरा फिगर और मेरी अदाएं ऐसा है कि किसी भी मर्द का लौड़ा खड़ा कर दे।

आप सभी ने मेरी सारी कहानियों को पढ़कर मुझे बहुत सारा प्यार दिया।
मुझे इतने मेल्स आ चुके हैं कि मैं सबको रिप्लाई नहीं दे पाई।
उसके लिए तहे दिल से माफी मांगती हूं।
लेकिन मैं सबके मेल्स देखती हूं और आप सबका शुक्रिया अदा करती हूं।

मेरी कहानियां पढ़ कर आप सबके लन्ड खड़े होते हैं और चूत में पानी आ जाता है।
तो आप सबसे गुजारिश करूंगी कि आप अपने खड़े लन्ड और लबालब चूत की पिक मुझे भेजें।
यही मेरे लिए आप सब का प्यार भरा नजराना रहेगा।

तो आते हैं आज की मेरी सेक्स की एक नई दास्तां पर! यह चूत गांड चुदाई डबल कहानी है.

मैं एक दिन गारमेंट शॉप में गई थी।
वहां मैं ब्रा और पैंटी खरीद रही थी।

तो मैंने देखा कि एक कॉलेज का लडका मुझे घूर रहा था।
गोरे चिट्टे बदन और बिल्कुल जवानी की दहलीज पर खड़ा।

मुझे वो देखते ही भा गया।
मैंने मन में सोचा क्यों ना थोड़ी मस्ती की जाए!

वह मुझ पर लाइन मार रहा था और मैं भी उसे लाइन देने लगी।

इतने में वो मेरे पास आया और बोला- आंटी, अगर आप बुरा न मानो तो आपसे एक हेल्प चाहिए।

मेरा दिल एकदम से धड़कने लगा।
मुझे लगा, मैंने सोचा था उससे भी ज्यादा तेज निकला ये बंदा!

मैंने सोचते हुए कहा- हां बेटा बोलो?
तो उसने कहा- मेरी मम्मी का आज जन्मदिन है तो मैं उन्हें साड़ी गिफ्ट देना चाहता हूं। क्या आप साड़ी चुनने मेरी हेल्प करोगी? मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा।

“अरे क्यों नहीं … उसमें क्या … चलो आपकी मम्मी के लिये अच्छी सी साड़ी लेते हैं।” मैंने उसे जवाब दिया।

और उसकी पीठ पर हाथ रखकर चिमटी काटते हुए कहा- मैं तुम्हें आंटी लगती हूं?
उसने कहा- सॉरी … मैं हड़बड़ाहट में बोल गया। वैसे मैं आपको क्या बुला सकता हूं?
मैंने कहा- मेरा नाम अंजू है। तुम मुझे अंजू भाभी ही कहो।”
“ठीक है अंजू भाभी, मेरा नाम हितेश है।” उसने कहा।

सेल्समैन ने कई तरह की साड़ियां हमारे सामने रख दी।
मैंने हितेश से पूछा- तुम्हारी मम्मी की फिगर कैसी है बेटा?
“बिल्कुल आपकी तरह मम्मी की कद काठी है भाभी जी!” उसने जवाब दिया।

मुझे पता था कि वह मुझ पर ट्राई मार रहा है।
और मैं भी यही चाहती थी।

फिर मैंने एक साड़ी सिलेक्ट की और उसे दे दी।
वह खुश हुआ।

अब हम बाहर निकले और एक ही रिक्शा में बैठ कर घर की ओर निकले।
हम दोनों सट कर बैठे थे।

अब हितेश ने आगे बढ़ते हुए हल्के से एक हाथ मेरे पेट पर फेर दिया।
मुझे एकदम झनझनाहट सी महसूस हुई।
लेकिन मैं चुपचाप बैठी रही।

जल्द ही उसने अपना हाथ साड़ी के अंदर से ही मेरे ब्लाउज पर रख दिया और मेरे बूब पर उंगली फेरने लगा।
जिससे मुझे गुदगुदी होने लगी।

मैं उसकी तरफ देख कर हंस पड़ी।

मैंने उसे इशारा किया कि रिक्शावाला देख लेगा.
मगर वह कच्चा लड़का, उसके हाथ मेरे सेब लगे थे … तो वह पीछे हटना नहीं चाहता था।

उसने ज्यादा देर ना करते हुए, हाथ को मेरे ब्लाउज के अंदर डाल दिया और मेरे चूचे को मसलने लगा।

मैंने भी शॉपिंग की बैग ऐसे एडजस्ट किया जिससे हमारा इस खेल की भनक रिक्शा वाले को न लगे।

अब उसने मेरा एक बूब मसल कर बाहर निकाला और मेरे निप्पल के साथ खेलने लगा।
ऐसा करने से मेरी कामाग्नि भड़कने लगी।
मैं भी मस्त होकर चलते रिक्शा में एक नौजवान लौंडे से अपनी चूचियां दबवाने लगी थी।

अब मेरा स्टॉप नजदीक आ गया तो मैंने उसे बताया और अपना ब्लाउज ठीक करके बैठ गई।

मैंने उसका नंबर मांगा तो हमने अपना नंबर एक्सचेंज किया।

स्टॉप आते ही मैं उतर गई।
घर जाकर मैंने उसे मेसेज किया और हम बातें करने लगे।

ऐसे ही कुछ दिन बीत गए।

अब हमारी नॉर्मल चैट, सेक्स चैट में तब्दील हो गई।

हितेश ने एक दिन मुझे मेरे न्यूड्स मांगे, जो मैंने उसे दे दिए।
क्योंकि मुझे भी खुजली हो रही थी जो इस कच्चे लड़के से मिटानी थी।

बातें बढ़ते हुए अब वो मुझे सेक्स वीडियो और स्टोरी भेजता।
जिसमें ज्यादातर कम उम्र के लड़के और भाभियां या अंटिया उनके साथ सेक्स करती।
जिससे मेरा मन और भी ज्यादा मचल जाता।

एक दिन उसने मुझे एक वीडियो भेजी जिसमें तीन कॉलेज के छोकरे एक आंटी को चोद रहे थे।

वो वीडियो देखकर मेरी कामवासना और भी भड़क उठी।

और आप तो जानते ही हैं कि मुझे जवान लन्ड कितना पसंद हैं।
तो मैंने वो बात हितेश को कह दी।

जवाब में उसने कहा- क्या आप ग्रुप सेक्स करना चाहती हो?
तो मैंने झट से हां बोल दिया।

उसने बताया कि वो और उसका एक दोस्त मुझे ये मजा दे सकते हैं।
आगे उसने बताया कि उसके दोस्त का नाम विवान है और वो दोनों साथ पढ़ते हैं।

“क्या आपको चलेगा भाभी?”
मैं ठहरी सड़क छाप रण्डी … मुझसे तो मना होना ही नहीं था।
मैंने उसे हां कर दी।

अब मैं हितेश से इतनी घुल चुकी थी कि मैंने उसे मेरे बहुत सारे चुदाई के किस्से बता दिए थे।
तो इससे हितेश को भी पता चल गया था कि मैं कितनी लन्डखोर औरत हूं।

मैं उससे वीडियो कॉल करके अपनी चूत में उंगली करती और वो मुट्ठ मारता।
उसका लन्ड भी अच्छा खासा था।

अब नवरात्रि के दिनों की बात है, मैं गरबा खेलने जाने वाली थी।
वो प्रोग्राम हितेश के घर के नजदीक था।

हमारी बात हुई तो उसने कहा- गरबे की रात आपको आपकी फैंटेसी पूरी करने का मौका मिलेगा। आप तैयार है मेरी रण्डी अंजू भाभी?
मैं तो कब से ग्रुप सेक्स के लिए तड़प रही थी, तो मैंने हां कर दिया।

मैंने एक दिन पहले ही पार्लर जाकर अपने आप को एकदम चिकनी करवाया।
चूत और गांड बिल्कुल सफाचट कर दिया।

मैं हमेशा चूत पर एक लाइन वाले बाल रखती हूं, जो मुझे और जितने लोग मेरी चूत देखते, उन्हें भी अच्छा लगता।

गरबे की रात मैं घर में यह बोलकर निकली कि गरबे के बाद मैं मेरी फ्रेंड के पास जाऊंगी।
तो वापिस आने की टेंशन नहीं थी।

मेरी सखी मुग्धा जो एक पुलिस वाली थी, वह भी एकदम छट्टी की रांड थी।
उसके बारे में मैं अगली कहानी में आराम से बताऊंगी।

मैंने मुग्धा को सब बताया।
प्लान के मुताबिक वह मुझे पिकअप करने घर आई।

मैंने उस दिन चनिया और चोली पहनी थी।
जिसमें अंदर ना तो ब्रा और ना ही पैंटी।

जिससे मेरे बोबे और चूतड़ बिल्कुल बाहर निकल आए थे।

मैं तैयार हो रही थी कि मुग्धा आ गई।
उसने भी घागरा चोली पहनी थी।

आते ही उसने मेरे चूतड़ों पर चांटा मार दिया- ओ हो … दो दो लौड़ों से चुदाने जा रही मेरी छीनाल अंजू!

मैंने घूम कर उसे पकड़ लिया और उसके लिप लॉक करने लगी।

हम दोनों एक दूसरे में खो गए और जोरदार किस करने लगे।

थोड़ी देर बाद हम अलग हुए।

फिर मुग्धा ने उसके पर्स में से एक वाइब्रेटर निकाला जो लगभग पांच इंच का होगा।

मैं तैयार हो रही थी, कि उसने पीछे से मेरी चनिया उठाया और बिना पैंटी की मेरी नंगी गांड की दरार को होते हुए मेरी गांड में घुसेड़ दिया।

मैं कुछ समझती उससे पहले उसने रिमोट से वाइब्रेटर फुल स्पीड में चला दिया।
जिससे मेरे जिस्म में सिहरन सी दौड़ गई।

मुग्धा बोली- आज इसे अपनी गांड में रहने दे। जिससे तेरी गांड फैली रहेगी। और दर्द कम होगा। दो दो लन्ड लेने वाली हैं तू!
“वो छोड़, मुझे पता है तू कितनी छीनाल है साली! गरबे में मेरे मजे लेना चाहती है न?” मैंने कहा।
“रहने दे ना अंजू!” उसने जोर देते हुए कहा।

फिर जल्द ही हम उसकी गाड़ी में बैठ कर प्रोग्राम की ओर निकले।
वहां पहुंचने के थोड़ी देर बाद हितेश का कॉल आया।

मैंने उसे, हम जहां गरबा खेल रही थी, वहां बुलाया।

अब मुग्धा ने मेरे मजे लेना शुरू किया।
मुग्धा मेरी गांड में लगे वाइब्रेटर को हर पल कम ज्यादा स्पीड पर करती जिससे मेरे जिस्म में आग लग रही थी।

थोड़ी ही देर में हितेश मेरे पास आया।
उसने मुझे इशारे से बाहर बुलाया।

यह सब देख कर हरामी मुग्धा ने फुल स्पीड में वाइब्रेटर चला दिया।
बाहर जाते जाते मेरे पसीने छूट रहे थे।

मैं जैसे तैसे करते बाहर निकल आई।
अब मुग्धा ने वाइब्रेटर बंद किया।

हितेश मुझे एक कोने में ले गया और अंधेरे में मुझसे लिपट गया।

मैंने भी उसे कस कर पकड़ लिया।
तभी मैंने उसके बालों में हाथ घुमाते हुए उसके गालों पर चूमना शुरू किया।

अब उसने मेरे होंठों से होंठ मिला दिए।

कुछ समय स्मूच करने के बाद हम दोनों शांत हुए।
अभी भी हम एक दूसरे से लिपटे खड़े थे।

तभी पीछे से कुछ आवाज आई।
हितेश का एक दोस्त था जो हमें यहां से चलने को कह रहा था।

वक्त की नजाकत को भांपते हुए हम सीधा पार्किंग की ओर गए।

तभी हितेश के दोस्त ने उसकी मोटर साइकिल निकाली और हितेश ने मुझे बैठने का इशारा किया।

मैंने तो चनिया चोली पहनी थी; मुझे सीधा बैठने में तकलीफ हो रही थी.
मगर अपनी चूत और गांड की ठुकाई के लिए अंजलि किसी भी हद तक जा सकती है, ये आप अच्छी तरह से जानते हैं।

मैंने बिना देर गंवाए अपना चनिया ऊपर जांघ तक उठाया और गाड़ी पर बैठ गई।
यह देखकर हितेश और उसका दोस्त हंसने लगे।

मेरे पीछे हितेश बैठ गया।
गाड़ी स्टार्ट हुई और हम वहां से निकल गए।

पीछे से हितेश कस कस कर मेरी चूचियां दबाने लगा।
मैंने भी उसे रोका नहीं।

जल्द ही हम एक अपार्टमेंट में पहुंचे।
लिफ्ट से होते हुए हम ऊपर एक फ्लैट में दाखिल हुए।

अंदर जाते ही हम सोफे पर बैठ गए।
हितेश ने उसके दोस्त से मेरी पहचान कराई।
उसका नाम विवान था।

दोनों जवान लौंडे अब मुझसे चिपक गए।

एक पल का भी इंतजार न करते हुए हितेश ने मेरी चोली खोल दी, मेरी नंगी चूचियां बाहर निकली।
आगे से विवान ने मेरी दोनों चूचियां कस के मसल दी।

अब दोनों ने एक एक बूब को मसलना शुरू किया।

मैं पूरे जोश में आ गई।
मैंने विवान को अपनी ओर खींचा और अपने होंठों की रसमलाई उसे चखा दी।

जल्द ही हितेश ने अपने कपड़े उतारे और सिर्फ चड्डी में आ गया।
मैंने झट से विवान का शर्ट और पैंट निकाली।

अब दोनों जवान लौंडे मेरे मुंह के सामने सिर्फ चड्डी में खड़े थे।

मेरे अंदर की पूरी ठरक जग चुकी थी।
मेरी चूत गीली हो चुकी थी।

घुटनों के बल होकर मैं हितेश के पास गई और उसके लन्ड को चड्डी के ऊपर से ही सूंघने लगी।
क्या खुशबू थी!

बेकाबू होकर मैंने उसकी चड्डी खींच दी और उसका लन्ड मुख में लपक लिया।
आंखें बंद करके मैं लन्ड चूस रही थी।

तभी विवान ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया।
उसका लन्ड हितेश से बड़ा था।

हितेश का लन्ड पूरा गीला करके मैं अब विवान की ओर बढ़ी।
पहले मैंने उसकी गोटियां चाट ली और फिर लन्ड को मुंह में लिया।

इतने में हितेश ने पीछे से मेरा चनिया उतार दिया।
मैं पूरी नंगी हो गई।

मेरी गांड में लगा वाइब्रेटर देख कर हितेश ने मेरे चूतड पर चांटा लगाते हुए कहा- अरे भाभी जान, आप तो गांड में ये टॉय लगाकर आई है!
इस पर वे हंसने लगे।
मैंने बिना कुछ बोले विवान का लौड़ा मुंह में भर रखा था।

जल्द ही हितेश ने मुझे खड़ा किया और सोफे पर ही झुकाकर कुतिया बनाया और अपने लन्ड पर कॉन्डम चढ़ाकर पीछे से मेरी चूत में प्रवेश कर लिया।
एक ही झटके से उसने लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया।

मेरी गांड में लगा वाइब्रेटर का तनाव और उसके झटके से मैं सहम गई।

मुझे परेशान देखकर विवान मेरे पास आया और मुझे प्यार से चूमने लगा।

हितेश ने भी अपनी स्पीड कम कर दी और वाइब्रेटर को मेरी गांड में से निकाल दिया।
जिससे मुझे राहत मिली।

अब हितेश धीरे धीरे से अपना लन्ड अन्दर बाहर करने लगा।

इधर विवान ने मेरे बाल खोल दिए और मुझे प्यार करने लगा।

दोनों जवान लड़कों का मेरे प्रति ये प्यार भरा व्यवहार मुझे बहुत अच्छा लगा।

अब विवान मेरे सामने बैठ गया।
मैंने उसकी जांघ को चाटते हुए फिर से उसका लन्ड मुंह में लिया।

इधर हितेश कुछ धक्के लगाते हुए झड़ गया।
मेरे सामने था तो बच्चा ही … कितनी देर टिकता।

इधर विवान भी जोर जोर से मेरे मुंह में लन्ड घुसाते हुए झड़ने लगा।
मैंने उसका पूरा माल गटक लिया।

मैं आगे मुंह करती हुई पेट के बल लेट गई।

फिर हितेश फ्रिज में से बियर लेकर आया।
हम तीनों बैठ कर बियर पीने लगे।

बातें करते हुए हमने एक एक बियर पी ली।

तब तक उन्होंने खाने का इंतजाम किया।
खाना खत्म करके मैं बाथरूम गई।

फ्रेश होकर मैं एक तौलिया लपेटे बाहर आकर बैठ गई।

हम तीनों के ऊपर बियर का नशा छा गया।

शुरुआत करते हुए मैं विवान की ओर बढ़ी।
उसको अभी तक मेरी चूत नहीं मिली थी।

मैंने उसके लन्ड को सहलाना शुरू किया।
जल्द ही उसके लन्ड में तनाव आया।

तो मैं तौलिया हटाके उसके लन्ड पर बैठ गई।

विवान ने मुझे पीठ के पीछे से हाथ डालकर जकड़ लिया और मैं उसके लौड़े पर उछलने लगी।
इस पोजीशन में उसका लन्ड पूरा मेरी चूत में घुस रहा था।

जल्द ही पीछे से हितेश ने आकर मेरी गांड में उंगली डाल दी।

मुझे पता चला कि कितने ही दिनों की मेरी ख्वाहिश आज पूरी होगी – मेरी डबल गांड चूत चुदाई।

हितेश पीछे से मुझ पर चढ़ने लगा।
उसने थूक लगाकर अपना लन्ड मेरी गान्ड के द्वार पर रख कर एक जोरदार धक्का दिया।

फिर क्या था … जोर जोर से मेरी डबल ठुकाई चालू हुई।
मैं दर्द में भी मस्ती से स्क्रीमिंग करने लगी।

मेरे साथ साथ वो दोनों भी आह्ह्ह … ओःह्ह्ह … करते हुए मुझे चोदने लगे।

वे दोनों पूरी शिद्दत से मेरे दोनों छेदों में अपने लन्ड अन्दर तक घुसा कर चोद रहे थे।
नीचे से विवान मेरी चूत में जड़ तक समा जाता और उसके बाहर निकलते ही हितेश मेरी गांड की गहराई नापता।

जिंदगी में पहली बार मेरी चूत गांड एक साथ बज रही थी।

दस मिनट तक उन दोनों के एकसाथ ठुकाई से मैं असहाय महसूस कर रही थी।

कुछ पलों में मुझे मेरी गांड में गर्माहट महसूस हुई, हितेश हांफते हुए मेरी गांड में ही फारिग होकर नीचे उतर गया।

विवान अभी भी मेरी चूत चोद रहा था।

कुछ धक्कों के बाद उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया और मुझे नीचे लिटा कर मेरी छाती पर अपना माल निकाल दिया।
मैं अपनी चूत गांड डबल ठुकवा कर थकी पड़ी रही।

मैंने विवान के पानी को अपने बूब्स पर मसला और उंगली से चाट लिया।
डबल ठुकाई से मैं सन्तुष्ट होकर लेटी रही।

दोनों कॉलेज स्टूडेंट्स मेरे अगल बगल में लेट गए।
उन दोनों कच्चे लौंडो के चेहरे पर मुस्कान थी, जिसे देखकर मुझे और भी अच्छा लगा।

अगली बार मिलने का वादा करके मैं वहां निकल गई।

हितेश ने मुझे वापिस मुग्धा के पास छोड़ा और बाय करके चला गया।
मैं भी वहां से घर लौट आई।

तो दोस्तो, यह था मेरा एक और सेक्स एनकाउंटर जिसमें मुझे बहुत मजा आया।
चूत गांड चुदाई डबल कहानी में आपको कितना मजा आया?

मिलूंगी आप से ऐसे ही मेरी किसी नई चुदाई की कहानी लेकर!
तब तक के लिए नमस्ते।

आपकी प्यारी रण्डी अंजू भाभी
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मेरी पिछली कहानी थी: सरदार जी को खिलाया चूत का मेवा

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