चूत एक पहेली -83

(Chut Ek Paheli- Part 83)

पिंकी सेन 2016-05-03 Comments

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अब तक आपने पढ़ा..

कोमल की जवानी देखकर सन्नी का लौड़ा भी पैन्ट में अकड़ा हुआ था।
सन्नी ने देर ना करते हुए फ़ौरन अपने कपड़े निकाल दिए.. जब कोमल की नज़र लौड़े पर गई.. तो उसके होश उड़ गए क्योंकि यह भी छोटा-मोटा लण्ड नहीं था.. पूरे 8″ का मूसल था।

कोमल- हाय राम.. आज तो लगता है मैं मर ही जाऊँगी.. तेरा भी बहुत बड़ा है और इसका तो तेरे से भी बड़ा है.. अब मेरा क्या होगा!

अब आगे..

कोमल की बात सुनकर दोनों ज़ोर से हँसने लग गए।
सन्नी- अबे साली.. नाटक मत कर, विवेक और सुनील ने सब बता दिया उस दिन उनके लौड़े देख कर तू क्या बोली थी.. इतने से लौड़े लेकर मेरे पास आए हो, इससे बड़े-बड़े तो मैंने चूस कर फेंक दिए हैं. याद आया कुछ?
कोमल- अरे वो तो मैंने उन पर धौंस मारने के लिए ऐसे ही कह दिया था.. सच बताऊँ आज तक 6 इन्च से ज़्यादा बड़ा मेरी चूत और गाण्ड में नहीं गया और इतना मोटा लौड़ा तो कभी मैंने देखा भी नहीं.. जितना इस अर्जुन का है..

सन्नी- आज देख भी ले और चख भी ले.. तेरी जैसी लड़की को डबल चुदाई का मज़ा लेना चाहिए.. हम जैसे लड़कों से.. ताकि आगे चलकर तुम्हें किसी भी छेद में लौड़ा लेने में कोई परेशानी ना हो.. बस घुसवाए जा घुसवाए जा.. और माल कमाए जा..
इतना कहकर सन्नी भी बिस्तर पर आ गया और कोमल के मुँह में लौड़ा घुसा दिया।

अर्जुन उसके मम्मों को दबाने लगा और सन्नी उसके मुँह को चोदने लगा।
दोनों कुछ ज़्यादा ही मस्ती में आ गए और कोमल को कभी नीचे लेटा कर चूसते.. तो कभी हवा में उठा कर उसके मुँह को चोदते।

लगभग 15 मिनट तक वो दोनों बारी-बारी उसको मसलते रहे और लौड़ा चुसवाते रहे.. कभी उसकी चूत को चाटते.. तो कभी उसके निप्पल को निचोड़ते।

कोमल- आह्ह.. बस भी करो.. आह्ह.. मैं आ गई.. आह्ह..
अर्जुन- अरे रुक रानी.. तेरा रस मुझे पीना है.. ऐसे नीचे मत गिराना उस अनमोल रस को..
इतना कहकर अर्जुन कोमल की चूत से चिपक गया और सन्नी उसके मम्मों को चूसने लगा।

अर्जुन अपनी जीभ की नोक से कोमल की चूत को चोदने लगा.. कुछ ही देर में कोमल की चूत का बाँध टूट गया और रस की धारा अर्जुन अपनी जीभ से चाटने लगा।

कोमल जब शान्त हो गई तो अर्जुन और सन्नी दोनों बिस्तर पर टेक लगा कर बैठ गए और कोमल को इशारा किया कि अब दोनों लौड़ों को बारी-बारी से चूस कर मज़ा दो।
कोमल तो बस हुकुम की गुलाम थी.. वो शुरू हो गई.. दोनों लौड़ों को चूसने में उसको बहुत मज़ा आ रहा था।

सन्नी- आह्ह.. चूस कोमल.. तू बहुत मस्त है साली.. उस पायल को बाद में चोदेंगे.. तेरी चूत का बाजा पहले बजाएंगे.. आ चूस आह..
थोड़ी देर लण्ड चुसवाने के बाद अर्जुन ने कोमल को नीचे लेटा दिया और उसके पैरों के बीच आकर बैठ गया।

कोमल- आराम से डालना तुम्हारा लौड़ा बहुत बड़ा है.. सच में मुझे डर लग रहा है।
अर्जुन- तू इतने प्यार से बोल रही है तो आराम से ही करूँगा.. नहीं तो आज मैं तेरी चूत को फाड़ ही देता।
सन्नी- यार अब जल्दी कर मेरा लौड़ा भी परेशान कर रहा है.. कब इसको चोदूँ.. कब सुकून आए।
अर्जुन- बस 5 मिनट सबर कर ले यार.. उसके बाद हमें इसको डबल का मज़ा भी देना है न..

अर्जुन ने सुपारे को चूत पर लगाया और धीरे से धक्का मारा।
कोमल- आह्ह.. बस राजा ऐसे ही धीरे से आगे डालना.. चूत की दीवार फ़ैल गई है.. तेरा बहुत मोटा है आह्ह..
अर्जुन का सुपारा ही अन्दर गया था और कोमल की ‘आह्ह..’ निकल गई। अर्जुन ने एक ज़ोर का धक्का मारा.. तो पूरा लौड़ा चूत को चीरता हुआ जड़ तक अन्दर घुस गया और कोमल की उस दर्द से चीख निकल गई।

कोमल- आह ह.. मर गई रे.. आह्ह.. मैंने कहा था ना.. आराम से डालना.. तूने तो आह्ह.. एक साथ ही पूरा घुसा दिया आह्ह..
अर्जुन- अरे जानेमन.. अब इतना बड़ा लौड़ा धीरे डालूँ.. या तेज.. दर्द तो होगा ही ना.. चल अब चुदाई का मज़ा ले..
इतना कहकर अर्जुन शुरू हो गया और ‘दे..दनादन..’ लौड़ा पेलने लगा।

कोमल- आह्ह.. आह.. छोड़ो आह्ह.. मर गई रे.. आह्ह.. तू आदमी है.. आह्ह.. या घोड़ा.. तेरा लौड़ा आह्ह.. मेरी बच्चेदानी तक जा रहा है आह्ह..
अर्जुन तो बस कोमल की टाँगें कंधे पर डाल कर लौड़ा स्पीड से पेले जा रहा था और कोमल सिसकारियाँ ले रही थी.. आहें भर रही थी।

सन्नी- अबे तेरा स्टेमिना बहुत पावरफुल है.. अब तू लगा ही रहेगा या मुझे भी मौका देगा?
अर्जुन ने एक झटके से लौड़ा बाहर निकाल लिया और खड़ा हो गया।

अर्जुन- ले भाई.. मैं तो बस इसकी चूत का टेस्ट ले रहा था.. वैसे मेरी नज़र तो इसकी मोटी गाण्ड पर है.. अब तू नीचे से चोद.. मैं इसकी गाण्ड का बैंड बजाता हूँ।
कोमल- नहीं नहीं.. कभी नहीं.. तूने इतनी सी देर में मेरी चूत की हालत पतली कर दी.. अब गाण्ड को तो बख्श दे.. ना जाने मेरी गाण्ड का क्या हाल करेगा।
सन्नी- अब बस ज़्यादा सती सावित्री ना बन.. पूरी कीमत मिल जाएगी तुझे.. अब जल्दी से आ जा.. बैठ जा मेरे लण्ड पर.. कब से तेरी राह देख रहा हूँ।

कोमल ने थोड़ा ‘ना-नुकुर’ किया तो अर्जुन ने उसको उठा कर सन्नी के ऊपर लेटा दिया.. फच्च की आवाज़ के साथ पूरा लौड़ा चूत में समा गया और कोमल एक बार फिर दर्द से कराह उठी- आह्ह.. आज तो तुम दोनों मेरी जान लेकर ही रहोगे।

अर्जुन ने कोमल की बाँहें पकड़ लीं और उसको सन्नी के लौड़े पर ऊपर-नीचे करने लग गया। उधर नीचे से सन्नी ने भी ‘दे..दनादन..’ झटके देने शुरू कर दिए।
कोमल- आह्ह.. आईईइ.. यह..यह.. आइ चोदो.. आह्ह.. फास्ट आह्ह.. फाड़ दो मेरी चूत को.. आह्ह.. आ..

अर्जुन ने देखा कि अब सन्नी का लौड़ा चूत में बराबर सैट हो गया है.. तो उसने सन्नी को इशारा कर दिया कि कोमल को अपने ऊपर लेटा कर अच्छे से चिपका ले.. ताकि वो उसकी गाण्ड में अपना लौड़ा घुसा सके।
सन्नी ने कोमल की कमर में हाथ डालकर उसको अपने सीने से चिपका लिया और धीरे-धीरे नीचे से झटके मारता रहा।

अर्जुन ने अपने लौड़े को देखा वो एकदम रूखा सा हो गया था.. तो वो सन्नी के साइड में गया और कोमल के मुँह के पास लौड़ा कर दिया।
कोमल मस्ती में चुदाई करवा रही थी अर्जुन के लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

कुछ देर में अर्जुन का लौड़ा कोमल के थूक से सराबोर हो गया था.. तो अर्जुन ने लौड़ा उसके मुँह से निकाल दिया।
कोमल- अरे क्या हुआ.. डालो ना मेरे मुँह में.. आह्ह.. मज़ा आ रहा था लौड़ा चूसने में..
अर्जुन- मेरी जान तेरे मुँह में तो बस लौड़े को गीला करने के लिए दिया था.. अब ये तेरी मोटी गाण्ड में जाएगा.. तब मज़ा आएगा।
कोमल- नहीं अर्जुन.. ऐसा मत करना.. ये बहुत मोटा और बड़ा है.. मेरी गाण्ड को फाड़ देगा.. प्लीज़ नहीं..

सन्नी ने कोमल को अपनी बाँहों में कस कर पकड़ लिया और नीचे से झटके देने लगा.. इधर अर्जुन उसके पीछे आ गया और हाथ से लौड़े को पकड़ कर गाण्ड के छेद पर रख दिया।

कोमल ना.. ना.. करती रही.. मगर अर्जुन कहाँ मानने वाला था, उसने तो एक ही झटके में पूरा लौड़ा गाण्ड की गहराई में उतार दिया.. अगर वक़्त रहते सन्नी अपने होंठों से कोमल के होंठ ना बन्द करता तो एक दर्दनाक चीख कमरे में गूँज जाती।

अर्जुन ने पूरा लौड़ा बाहर निकाला और डबल स्पीड से वापस अन्दर कर दिया.. बेचारी कोमल की तो आँखें बाहर को निकल आई थीं.. मगर वो कर भी क्या सकती थी.. बस उसकी आँखों से आँसू आने लगे और दोनों तरफ़ से उसको झटके लगने शुरू हो गए।

लगभग 15 मिनट तक कोमल की जबरदस्त ठुकाई होती रही.. अब उसका दर्द गायब हो गया था और मज़ा दुगुना हो गया था, वो ‘आहें..’ भरती हुई चुदाई का मज़ा ले रही थी- आह्ह.. फक मी.. आह्ह.. फास्ट.. चोद दो.. मुझे.. आह्ह.. फाड़ दो मेरी चूत.. आह्ह.. गई.. आह्ह.. मेरा रस निकलने वाला है.. यू फास्ट.. आह्ह.. और फास्ट आह्ह..

कोमल की बातों से दोनों को जोश आ गया और ऊपर से अर्जुन स्पीड से उसकी गाण्ड मारने लगा.. तो नीचे सन्नी का लौड़ा भी ‘खचाखच’ उसकी चूत को पेल रहा था।
कोमल की चूत ने रस का फव्वारा छोड़ दिया और उसके साथ ही सन्नी भी अपना कंट्रोल खो चुका था। उसका लौड़ा भी वीर्य की धारा उसकी चूत में भरने लगा।

करीब 5 मिनट तक तीनों ऐसे ही पड़े रहे सन्नी का लौड़ा मुरझा कर चूत से बाहर आ गया था.. मगर अर्जुन तो अभी भी गाण्ड का भुर्ता बनाने में लगा हुआ था।
सन्नी- अरे बस कर.. अब रहम कर इस पर और मुझ पर.. हमारा हो गया है यार.. अब तो निकल दे अपना मूसल..

सन्नी की बात सुनकर अर्जुन ने दोनों हाथों से कोमल को उठाया और सन्नी के ऊपर से हटा दिया और बिस्तर पर घोड़ी बना कर स्पीड से चोदने लगा। जल्दी ही उसका लौड़ा भी झड़ गया.. तब जाकर कोमल को चैन आया।

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कहानी जारी है।
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