चचेरे भाई की बीवी को ग्रुप सेक्स में शामिल किया -7
(Chachere Bhai Ki Biwi Ko Group Sex Me Shamil Kiya- 7)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left चचेरे भाई की बीवी को ग्रुप सेक्स में शामिल किया -6
-
keyboard_arrow_right चचेरे भाई की बीवी को ग्रुप सेक्स में शामिल किया -8
-
View all stories in series
मैंने कहा- नीता, तुमने कभी गांड मरवाई है?
नीता बोली- नहीं भैया, आज तक नहीं लिया अपनी गांड में कोई भी लंड… नीलू भी एक दो बार कोशिश कर चुका है पर मैं उसे कभी गांड नहीं मारने देती, मुझे कुल मिला कर मुझे गांड मरवाना अच्छा नहीं लगता।
मैंने कहा- पर मुझे तुम्हारी गांड मारने का मन है, बोलो क्या कहती हो?
नीता थोड़ा डरते हुए बोली- मैंने सुना है, बहुत दर्द होता है… क्या बहुत दर्द होगा भैया? एक्चुअली मैं आपको मना करना नहीं चाहती पर दर्द भी सहन नहीं करना है।
मैंने कहा- अच्छा एक काम करो, अपनी टाँगें चौड़ी करके तकिए पर बैठ जाओ। थोड़ी देर बाद तुम खुद मेरा लंड लेकर अपनी गांड में डलवा लोगी।
और मैंने धीरे से अपना लंड नीता की चूत से बाहर निकाल लिया।
मैं मधु से बोला- आज तुझे एक साथ 2 लंड का मज़ा देता हूँ।
नीलेश ने भी धीरे से अपना लंड मधु की चूत से बाहर निकाल लिया और मधु के ऊपर से हट गया।
मैं बोला- नीलेश तू सीधा लेट जा और अपना सर नीता की टांगों की बीच रख! मधु तुम नीलेश के लंड पर बैठ जाओ और अपना मुंह नीलेश के पैरों की तरफ रखो।
नीलेश के ऊपर लेटी हुई मधु की पोजीशन डॉगी जैसी ही थी, मैं मधु के पीछे से टांगों के बीच उसके दूसरे छेद में लंड सटा के खड़ा था।
मधु बोली- राहुल मेरी जान तुमने तो जन्नत के दर्शन करा दिए, एक साथ 2-2 लौंड़ों का मज़ा!
मैं मधु से बोला- देखो बिल्कुल तुम्हारे सामने नीता की चूत होगी, अब उसे भी चाटती जाओ।
मधु नीता की चूत को जीभ से टेस्ट करके बोली- आपने तो नीता की चूत को चौड़ा कर दिया है। मुझे अभी नीता की चूत में आपके लंड का टेस्ट भी आ रहा है।
और फिर वो अपनी मुंह से नीता की चूत चाटने में लग गई।
इधर नीलेश नीचे से मधु की चूत में धीरे धीरे धक्के मार रहा था, मैं भी मधु की गांड मारने का मज़ा ले रहा था।
नीता बोली- एक रात में इतनी सेवा मेरी चूत की कभी नहीं हुई।
नीलेश बोला- नीता तू अपनी दोनों टाँगें फैला के घुटनों के बल बैठ जा, भाभी तेरी चूत चाट ही रही है, मैं तेरी गांड भी चाट दूंगा।
नीता ने तुरंत अपना आसन बदला, उसके कारण अब नीता के होंठ भी मेरे काफी करीब थे। इधर नीता की चूत और गांड दोनों पर जीभ फेरी जा रही थी। दूसरी तरफ मधु की चूत और गांड में लंड डले हुए थे। मैं और नीलेश एक साथ एक लड़की के दो छेदों को भरे होने का मज़ा ले रहे थे।
मधु बहुत तेज़ तेज़ साँसों के साथ मचलने लगी और तड़पते हुए बोली- सुनो आप मेरी चूत में लंड डालो और भैया आप मेरी गांड मारो।
मैंने नीता के कान में कहा- अब तुम थोड़ी देर बैठ के तमाशा देखो और अपनी चूत में ऊँगली करो… हम दोनों भाई ज़रा तुम्हारी भाभी चोद लें।
नीता हट कर बिस्तर के एक कोने में जाकर बैठ गई।
नीलेश वही वैसा ही लेटा रहा, मधु ने अपनी गांड में नीलेश का लंड लिया और नीलेश की छाती पर अपनी पीठ के बल लेट गई, नीलेश ने अपने हाथ मधु के दोनों बूब्स पकड़ लिए और अपनी ऊँगली से मधु के निपल्स गुदगुदा रहा था।
मैंने भी मधु की चूत में अपना लंड पेल दिया और बोला- नीलेश लग जा पूरी ताकत से… इस कुतिया की गांड फाड़ डाल, मैं इसकी चूत का भोसड़ा बनाता हूँ।
नीलेश बोला- भाभी, आज आपकी गांड फाड़ दूंगा!
मधु बोली- भैया फाड़ दो, भैया मेरी गांड फाड़ दो। दो लंड लेने में बहुत मज़ा आ रहा है। राहुल प्लीज फ़क मी हार्ड।
मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी।
नीता ने इतनी गर्मी देखी तो वो हमारी तरफ आई और एक हाथ से मधु के सर पे हाथ फेरने लगी और दूसरे हाथ उसने मधु की चूत की तरफ बढ़ाया और मधु के दाने से थोड़ा ऊपर हाथ घुमाने लगी और बोली- भाभी, आराम से चुदो… भाभी आप कितना मस्त आनन्द लेती हो चुदाई का, आपको देखकर तो मेरी चूत फिर से गीली हो गई। भाभी खूब चीखो, चिल्लाओ और मज़ा आएगा चुदने में!
मैंने नीता का हाथ चूत के पास से हटाया और पूरा लेट कर फुल स्पीड में चुदाई करने लगा। नीता का हाथ हटा के मैंने अपनी गांड पे लगा दिया, नीता समझदार थी उसे इशारा मिल गया था नीता ने तुरंत अपने हाथ से मेरी गांड सहलाने लगी और बीच बीच में जीभ से चाट भी देती थी।
मैं उसकी जीभ का स्पर्श अपनी गांड पे पाकर और ज्यादा उत्तेजित हो जाता।
मैं भी पानी छोड़ने के काफी करीब था।
मधु बोली- भैया, आप मेरी गांड में ही मलाई निकाल दो, आप मुझे आपकी मलाई जहाँ देना चाहो दे दो।
हम तीनों बारी बारी से झड़ने लगे, सबसे पहली मधु झड़ी फिर मैं और फिर नीलेश… हम तीनों लस्त होकर एक दूसरे पर पड़े थे और नीता सभी का सर पे हाथ फेर रही थी।
थोड़ी देर बाद नीता बोली- हाँ भैयाम ये लो मेरी गांड मार दो प्लीज। आपने कहा था न कि मैं खुद बोलूंगी कि मेरी गांड मार दो! लो मैं कह रही हूँ मार दो मेरी गांड। मुझे भी भाभी की तरह दो लंड चाहिए एक साथ!
नीलेश थका हुआ सा बोला- सो जा माँ की लौड़ी सो जा, कितनी देर से लौड़ा लिए बैठी है, अब सुबह मिलेगा। हमारा लंड है लंड कोई मशीन थोड़े ही है?
मधु करवट लेकर लेट गई, वो काफी थकी हुई दिख रही थी। मैं बाहर के कमरे की लाइट्स ऑफ करके अंदर आया अभी कुछ भी साफ़ दिखाई नहीं पड़ रहा था।
मैं बिस्तर के कोने में लेट गया। थोड़ी देर में जब आँखें अँधेरे के हिसाब से अनुकूल हुई तो देखा नीलेश भी उल्टा करवट लेकर मधु के बूब्स में लंड फसा के मधु की चूत में मुंह डाल के पड़ा हुआ था।
मैंने भी नीता, जो मेरी तरफ पीठ करी लेटी थी, के बूब्स पकड़ के अपना लंड धीरे धीरे उसकी गांड में डाल दिया। मैंने नीता के मुंह पर हाथ रख लिया था और धीरे धीरे उसकी गांड मारने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी और गांड मरवाने का मज़ा लेने लगी।
हम थोड़ी ही देर में नींद की आगोश में आ गये और सो गए।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments