क्यूट भाभी को चोदकर प्यार हो गया- 3
(Brand New Gand Ki Chudai)
न्यू गांड की चुदाई का मौका मुझे एक प्यारी सी भाभी ने दिया. उसने अपने पति को भी अपनी गांड मरने नहीं दी थी. मैंने बड़े प्यार से उसकी चूत के बाद गांड मारी.
नमस्कार दोस्तो, मेरी अपनी सेक्स कहानी के पिछले भाग
देसी भाभी की अनछुई जवानी
में अभी तक आपने जाना था कि किस तरह से मैं अपनी एक ग्राहक के लिए दिल्ली से राजस्थान पहुंच गया और उसके घर पर उसके साथ क्या क्या किया.
अब आगे न्यू गांड की चुदाई:
हम दोनों नंगे होकर एक दूसरे के साथ बहुत प्यार कर रहे थे. मैंने रूना को पूरी तरह से गर्म कर दिया था.
अब उसे चोदने की बारी थी, जिसके लिए मैं उसके ऊपर चढ़ा हुआ था.
वो बहुत ही ज्यादा प्यासी थी और मुझे उसकी ये प्यास हर हाल में बुझानी थी.
मैं रूना के ऊपर लेटा हुआ था और मेरा लंड रूना की चूत के ऊपर टिका हुआ उसकी चूत को सहला रहा था.
वो भी चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार थी और अपने पैरों को सही एंगल में फैला कर लंड अन्दर जाने का इंतजार कर रही थी.
मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़ कर उसकी चूत पर ऊपर नीचे रगड़ना शुरू कर दिया.
लंड की गर्मी पाकर उसके मुँह से ‘सीईई सीईई …’ की आवाज निकलने लगी.
मैं उसके गालों को चूमते हुए उसके कानों में जाकर बोला- कैसा लग रहा है?
वो- बहुत अच्छा लग रहा है.
मैं- तुम्हें मेरा वो कैसा लगा?
वो- बहुत मस्त है. लेकिन आराम से डालना.
मैं- क्यों?
वो- तुम्हारा बहुत मोटा है.
मैं- तो क्या हुआ, पहले तो अपने हसबैंड से कर चुकी हो ना!
वो- हां की हूँ लेकिन उनका इतना बड़ा और मोटा नहीं है.
मैं- तुम चिंता न करो, तुम्हें कोई तकलीफ नहीं होगी.
बस इतना कहने के बाद मैंने सुपारे को चूत के छेद पर लगाया और उसके दोनों कंधों को कस कर थाम लिया.
अब मैं कमर पर जोर देते हुए लंड को अन्दर करने लगा.
मेरा सुपारा चूत को फैलाते हुए अन्दर फिसलने लगा.
जैसे ही सुपारा छेद के अन्दर घुसा, उसने आंखें बंद कर लीं और उसके मुँह से कराह निकलने लगी- उईई ममम्मीई … स्लो … आऊ ऊऊच्च … मर गई … आंह धीरे!
धीरे धीरे करते हुए मैंने पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया.
उसके चेहरे से हल्के दर्द का पता चल रहा था, मैंने फिर आधा लंड बाहर निकाला और फिर तेजी से अन्दर पेल दिया.
‘सीई ममम्मी.’
अब मैं हल्के हल्के धक्के देते हुए उसे चोदने लगा.
वो भी अपनी आंखें बंद किए हुए चुदाई का मजा लेने लगी.
मैं- कैसा लग रहा है?
वो- बहुत अच्छा लग रहा है बस करते जाओ. रुकना मत.
धीरे धीरे मैंने अपनी रफ्तार तेज करनी शुरू कर दी.
‘आआह आआह उऊंन्नं आआह …’
जल्द ही मैं पूरी रफ़्तार में आ गया और उसे तेजी से चोदने लगा.
उसने भी मेरी पीठ को दोनों हाथों से जकड़ लिया था और जोर जोर से बोलती जा रही थी- बहुत अच्छा लग रहा है … करते रहो आआह ऊउ आआह!
कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अपने हाथों में फंसाया और उसे ऊपर की तरफ उठा लिया.
मैंने रूना को गठरी की तरह ‘यू शेप’ में कर लिया था.
उसकी चूत ऊपर की तरफ आ गई थी.
मैंने इसी पोज में अपने जोरदार धक्के देना शुरू कर दिए.
‘ऊउ ममम्मी आआह आऊच्च आह … कितना अन्दर पेल रहे हो आंह …’
यही सब करती हुई रूना मेरी कमर को पकड़कर जोर जोर से हिलने लगी.
मैं और जोश में आकर धकाधक चुदाई करने लगा.
मैं लगभग 10 मिनट से बिना रुके उसे चोदे जा रहा था.
उसकी चूत का पानी झाग बनकर उसकी चूत के चारों तरफ फैल गया था.
मेरी चुदाई इतनी तेज थी कि उसकी चूत से बहुत ही गंदी सी आवाज निकल रही थी ‘फोच्च फोच्च फोच्च’
कुछ समय बाद मैंने लंड निकाल कर कपड़े से उसकी चूत और लंड को साफ किया.
अब मैं चुदाई का तरीका बदलते हुए अपने घुटनों पर हो गया और रूना के दोनों पैरों को कमर में डालकर मैंने लंड चूत में डाल दिया.
अब रूना मेरे लंड पर आगे पीछे होती हुई अपनी कमर चलाने लगी.
उसने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल दिए थे और उसके दोनों दूध मेरे सीने से चिपककर दबे जा रहे थे.
मेरा एक हाथ उसकी कमर को थामे हुए था और दूसरा हाथ उसके मस्त गदराए चूतड़ को सहला रहा था.
हम दोनों ही एक दूसरे की आंखों में देखते हुए चुदाई का मजा ले रहे थे.
वो इस अंदाज में बहुत मस्ती से चुद रही थी.
रूना अपनी रफ़्तार तेज करती चली गई और जल्द ही झड़ गई.
जैसे ही वो झड़ी, उसकी रफ़्तार धीरे हो गई और उसकी चूत का पानी, चूत से निकलते हुए मेरे लंड से होता हुआ मेरे अंडकोश को भिगाने लगा और टप टप करके बिस्तर पर टपकने लगा.
रूना उसी पोजीशन में मुझसे लिपटी हुई थी और मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
मेरे दोनों हाथ उसके मखमली बदन पर चलने लगे.
एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी गांड के छेद को उंगली से रगड़ने लगा.
मेरे चूमने सहलाने से वो जल्द ही फिर गर्म हो गई.
मैंने उसे उसी पोजीशन में ही उठा लिया और फिर से खड़ा हो गया.
मैं दोनों हाथों से उसके बड़े बड़े चूतड़ों को थाम कर उसे अपने लंड पर उछालने लगा.
मेरा लंड फच फच करता हुआ उसकी चूत को भेदता जा रहा था.
जैसे ही मेरा लंड चूत की गहराई में जाता, उसके मुँह से निकलता ‘ऊउ ईई आआ आह.’
मेरे गठीले बदन से वो चिपकी हुई चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.
कुछ समय तक ऐसे चोदने के बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड की तरफ हो गया.
यह मेरा पसंदीदा तरीका है क्योंकि किसी माल को जब घोड़ी बनाओ तो उसकी गांड पर जब धक्के पड़ते हैं और उसकी गांड जब लहराती है, तो वो मजा ही अलग है.
फिर अगर माल रूना जैसी हो तो मजा दोगुना हो जाता है.
अब मैंने पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से थामकर दनादन चुदाई शुरू कर दी.
मैं उसे चोदता जा रहा था और मेरी नजर लंड और चूत पर ही थी.
मेरा मोटा लंड उसकी मुलायम गुलाबी चूत में किसी मशीन की तरह अन्दर बाहर हो रहा था और चूत की कोमल चमड़ी बार बार अन्दर बाहर हो रही थी.
उस पोजीशन में 10 मिनट तक उसकी चुदाई करने के बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गए और मैंने अपना माल उसकी गांड पर निकाल दिया.
मेरी धुंआधार चुदाई से थककर वो बिस्तर पर पलटी और लेट गई.
मुझे देखते हुए उसके चेहरे पर जो मुस्कान थी, उससे साफ पता चल रहा था कि वो पूरी तरह संतुष्ट थी.
करीब आधे घंटे तक वो नंगी मेरे बगल में लेटी रही, फिर उठकर बाथरूम की तरफ चल दी.
मैं उसे नंगी जाते हुए देखे जा रहा था.
उसकी गोरे गोरे चूतड़ उसके चलने से मटक रहे थे और गांड के बीच की दरार कयामत ढा रही थी.
जब वो बाथरूम से वापस आई, तब मैं उसे सामने से आते हुए देख रहा था.
उसके गुलाबी निप्पल्स और गुलाबी चूत उसके बदन के सबसे सुंदर अंग थे.
वो आई और मेरे बगल में लेट गई.
मैं भी उसकी तरफ हो गया.
उसने इस बार खुद मुझे अपने बदन पर लपेट लिया.
हम दोनों फिर से एक दूसरे के होंठों को चूमते हुए एक दूसरे को सहलाने लगे.
रूना ने इस बार मेरे लंड को हाथ में थाम लिया और आगे पीछे करते हुए फैंटने लगी.
अब वो मुझसे बिल्कुल भी नहीं शर्मा रही थी और बिंदास होकर लंड सहलाए जा रही थी.
उसने कहा- सूरज, तुम्हारा लंड मुझे बहुत अच्छा लगा, काश ऐसा ही लंड मेरे पति का भी होता. तुमने जिस तरह आज मेरी चुदाई की है, आज पहली बार चुदाई का असली मजा मुझे मिला है. बस तुम जितने दिन यहां हो, मुझे ऐसे ही चोदते रहना.
मैंने भी कहा- जिसके लिए मैं आया हूँ वो तो करूंगा ही, बाकी तुम जैसी लड़की को पाकर मैं खुद बहुत खुश हूं. तुम मेरे लिए किसी परी से कम नहीं हो. तुमको चोदना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. तुम मुझे बहुत पसंद हो रूना.
जल्द ही मेरा लंड अपने पूरे जोश में आ गया और अब रूना ने मुझे लेटा दिया और मेरी आंखों में देखते हुए बगल में बैठकर लंड को सहलाने लगी.
जल्द ही वो मेरे लंड को चूमने लगी और फिर अपने मुँह में सुपारे को डालकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
काफी देर तक उसने मेरे लंड को चूसा और फिर मेरे ऊपर आ गई.
उसने अपनी जांघें फैलाईं और चूत को लंड के ऊपर लाकर छेद में लगा लिया.
जैसे ही उसने छेद में सुपारा अन्दर लिया, झटके से अपना सर ऊपर की ओर कर लिया.
वो कराह कर बोली- ओ माय गॉड … आआह … कितना मोटा है.
जल्द ही वो लंड पर बैठती चली गई और उसने पूरा लंड चूत के अन्दर खा लिया.
अब वो घुटनों को बिस्तर पर टिकाकर अपनी गांड मटकाने लगी.
‘आआह आह आआह …’
बहुत देर ऐसे ही चुदने के बाद वो अपने पैरों के पंजों के बल ऐसे बैठ गई, जिस तरह देसी टॉयलेट सीट पर बैठते हैं.
इस तरह से उसकी चूत में मेरा लंड और अच्छे से जाने लगा.
अब वो जोर जोर से लंड पर कूदने लगी.
वो अपनी रफ्तार बढ़ाती जा रही थी और उसके दूध जोर जोर से ऊपर नीचे हो रहे थे.
जल्द ही वो फिर से झड़ गई और मेरे ऊपर ही लेट गई.
मैं अभी भी नहीं झड़ा था. कुछ पल बाद मैंने उसे पेट के बल लेटा दिया. दोनों पैरों को फैलाकर मैंने उसकी गांड को चौड़ा किया और चूत में लंड पेल दिया.
अपने दोनों हाथ बिस्तर पर टिका कर अपनी पूरी रफ्तार से उसके चूतड़ों पर धक्के मारने लगा.
‘आआह आआह …’ करती हुई रूना चुदाई का मजा ले रही थी.
कुछ देर चोदने के बाद मैं रुका और उसके कान में बोला- क्या मैं तुम्हारी गांड मार सकता हूं?
रूना- हां कर सकते हो … लेकिन मैंने कभी वहां से किया नहीं है.
मैं खुश हो गया कि आज इसकी कुंवारी गांड की चुदाई का मौका मिल गया.
मैंने जल्दी से सामने रखी से तेल की शीशी उठाई और उसके चूतड़ों को फैलाकर उसकी गांड में तेल लगाया.
अब मैंने छेद में लंड लगाया और अन्दर डालने लगा.
उसका छेद बहुत छोटा और टाइट था सुपारा अन्दर ही नहीं जा रहा था.
मैंने रूना को जोर से जकड़ लिया और जोर देकर हल्का सा धक्का लगाया.
फचाक से लंड का सुपारा अन्दर घुस गया.
‘ओह नो … ओह्ह ममम्मी मर गई …’
मैं रुका नहीं.
तेल की शीशी मेरे हाथ में थी. मैं तेल टपकाता गया और धीरे धीरे करके मैंने पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
उसे काफी तकलीफ हो रही थी लेकिन वो सब सह रही थी.
कुछ समय बाद वो सामान्य हो गई और अब मैंने उसकी न्यू गांड की चुदाई शुरू कर दी.
मेरा लंड काफी ज्यादा फंसा सा जा रहा था इसलिए मैं ज्यादा तेजी से नहीं चोद रहा था.
कुछ समय तक उसे लेटा कर उसकी गांड चोदता रहा, फिर हम दोनों बिस्तर पर ही खड़े हो गए.
मैंने उसके पीछे होकर गांड में लंड डाल दिया. हल्के हल्के अन्दर बाहर करते हुए मैं उसकी गांड चोद रहा था और उसके एक मम्मे को दबाता जा रहा था.
दूसरे हाथ से उसकी चूत को फैलाकर दो उंगली चूत की दरार में बीच में लाकर उधर उसके कड़क हो चुके दाने को रगड़ रहा था.
ऐसा करने से रूना बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और उसकी दोनों टांगें कांपने लगीं.
जितनी तेजी से मैं उसकी गांड चोद रहा था, उतनी तेजी से ही चूत की फांकों पर उंगली रगड़ रहा था.
रूना को इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि वो बिल्कुल बेसुध हो गई मानो हवा में उड़ रही हो.
जल्द ही मेरे हाथों पर गर्म गर्म पानी महसूस हुआ, मैंने सोचा कि शायद वो झड़ गई है, लेकिन उसकी चूत से पेशाब निकल गया था.
रुक रुक कर उसकी चूत से पेशाब निकलती रही और बिस्तर की चादर गीली हो गई.
इस दौरान वो झड़ भी गई. उधर उसकी कसी हुई गांड को मैं भी ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाया और झड़ गया.
इस बार मैंने गांड में ही अपना माल निकाल दिया था.
इसके बाद हमने बिस्तर की चादर बदली और लेट गए.
दो बार चुदने के कारण रूना बिल्कुल सुस्त पड़ गई और कुछ बोल भी नहीं रही थी.
उस रात हम दोनों ने एक बार और चुदाई की और सो गए.
अगले दिन से हम लोग होटल से ही खाना ऑर्डर करते और दिन भर कभी सोफे पर कभी बाथरूम में कभी बिस्तर पर तो कभी जमीन पर ही चुदाई करते रहते.
मैं वहां 6 दिन रुका और तब तक उसके कमरे की ये हालत हो गई थी कि फर्श पर जहां तहां मेरे लंड का वीर्य पड़ा हुआ सूख गया था.
एक दिन में सबसे ज्यादा 7 बार मैंने उसे चोदा बाकी दिन कभी 3 बार तो कभी 4 बार ही चुदाई होती थी.
वापस आते समय उसने मुझे कुछ उपहार देना चाहा लेकिन मैंने मना कर दिया.
उसका प्यार मुझे मिला ये मेरे लिए बहुत था.
उस जैसे बदन वाली लड़की मेरी किस्मत में शायद ही कभी आए.
वो मुझे जिंदगी भर याद रहेगी और उसका गोरा बदन गुलाबी चूत और उसके गुलाबी दूध मैं कभी नहीं भूल सकता.
दोस्तो, उम्मीद करता हूँ कि मेरी ये न्यू गांड की चुदाई आपको पसंद आएगी और आप लोग भी कहानी का मजा लेते हुए अपने आप को संतुष्ट करेंगे.
धन्यवाद.
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