भाभी और उनकी सहेली की चूत गांड चुदाई-3
सेक्स कहानी के पिछले भाग
भाभी और उनकी सहेली की चूत गांड चुदाई-2
में आपने अभी तक पढ़ा कि संजना भाभी और शीना दोनों मुझसे फिर एक बार चुदने के लिए बाथरूम में आ गई थीं. इधर उन दोनों की मादक आवाजों के बीच मैं चुदाई के लिए लंड तैयार कर रहा था.
अब आगे:
वो मादक आवाज इतने दिनों के बाद भी आज भी मेरे कानों में गूंज रही हैं और वह सेक्सी सीन तो हमेशा मेरी आंखों के सामने चलता ही रहता है.
मैंने शीना को चिढ़ाने के लिए संजना से पूछा- क्यों मेरी संजना रानी. अभी तक तुम्हारे अन्दर की गर्मी शांत नहीं हुई है क्या? जो फिर से मुझे उकसाने के लिए मेरे पीछे पड़ी हो. अगर चाहो तो फिर से तुम्हारी एक बार ले लूं?
यह कहते हुए मैंने उसको आंख मार दी, जो शीना ने नहीं देखा. पर यह सब सुनने के बाद शीना इतनी गुस्से में आ गई कि सीधे खड़ी होकर मेरा गला पकड़ कर बोलने लगी- साले कमीने … मैं तब से अपनी चूत और गांड की बारी का इंतजार कर रही हूँ … मेरी बारी कब आएगी. इस काम में मैं तुम दोनों को मजा दे रही हूं और तू है कि इसको ही अभी भी चोदने की बात कर रहा है. मेरा क्या होगा? मेरी चूत और गांड का ख्याल तू नहीं रखेगा तो और कौन रखेगा बे कुत्ते!
मैंने बड़े प्यार से उसके दोनों निप्पल पकड़ कर जोर से खींचते हुए बोला- मेरी रंडी … मुझे पता है तेरे दोनों छेद मेरा लौड़ा पूरा अन्दर घुसा लेने के लिए तैयार बैठे हैं. पर तुझे तड़पाने के लिए हम दोनों ऐसा कर रहे हैं. अब जो तू इतना बेसब्री से मेरा इंतजार कर रही है, तो मैं तेरे दोनों छेदों को इतनी बुरी तरह से रौंद दूंगा कि तू जिंदगी भर कभी भी किसी और का भी लौड़ा लेने के लिए सौ बार सोचेगी.
इस पर शीना मुस्कुराते हुए और इतराते हुए बोली- हां मेरे राजा … ऐसे ही मुझे रौंद दो कि जिंदगी भर मैं तुम्हारी रखैल ही बनकर रहूं. मैं तो कब से चाह रही हूं कि तुम मुझे इतनी बेदर्दी से चोदो कि मैं कहीं मुँह दिखाने के लायक भी ना बचूं.
यह कहते हुए उसने मेरा लौड़ा फिर से अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. साथ ही साथ अब वह अपनी चूत और गांड के अन्दर भी उंगलियां करने लगी थी … ताकि उसकी चूत पानी छोड़ने लगे और मुझे कुछ ज्यादा कष्ट ना उठाने पड़े.
जब इतनी सारी चुसाई के बाद और चुसाई के बाद मेरा लौड़ा 5 मिनट में खड़ा ना हो, तो मैं मर्द किस काम का. बस 5 मिनट के अन्दर ही मेरा लौड़ा फिर से पूरी तरह से खड़ा हो गया और वह अब शीना की धज्जियां उड़ाने के लिए बिल्कुल तैयार था.
मैंने शीना को उसी टॉयलेट सीट के ऊपर उल्टा बैठा दिया और उसको नीचे झुका दिया ताकि उसकी गांड ऊपर को उठ जाए और मैं अपने लौड़े को उसके दोनों छेदों में बारी बारी से घुसा कर उसकी पूरी अच्छी तरह से खातिरदारी कर सकूं. पीछे से संजना ने हाथ डालकर मेरा लंड अपने हाथों में पकड़ लिया और वह शीना की चूत के ऊपर मेरे लंड का सुपारा सैट करके मुझे धक्का देने के लिए बोलने लगी.
मैं भी अपना लौड़ा लेकर शीना की चुदाई करने के लिए तैयार था. मैंने अपनी पूरी ताकत लगाकर एक ही बार में अपना लंड शीना की चूत के अन्दर पूरा का पूरा पेल दिया, जिससे शीना की इतनी तेज चीख निकली कि वो दर्द से कराहने लगी. उसकी आंखों में से आंसू गिरना शुरू हो गए. पर हम दोनों को भी पता था कि ये आंसू उसकी खुशी के आंसू हैं. उसको दर्द बिल्कुल नहीं होने वाला है. इसलिए मैं अब शीना पर बिल्कुल भी दया ना दिखाते हुए उसकी चुदाई करने लगा.
थोड़ी देर बाद जब शीना को भी मजा आने लगा, तो वह भी मुझे उकसा रही थी और अपने हाथ पीछे ले जाकर मेरी गांड पर थपकीयां लगा रही थी ताकि मैं उसे और तकलीफ देकर तेज़ तेज़ चोद सकूं.
तभी मेरी नजर संजना पर पड़ी, जो हम दोनों के सामने आकर टॉयलेट सीट के पीछे अपना एक पैर ऊपर लेकर अपनी चूत में उंगलियां डालकर मुझे उकसा रही थी. मैं उसका यह रूप देखकर शीना को और तेज तेज चोदने लगा. इसकी वजह से शीना बहुत ज्यादा मज़े लेने लगी और वो एक बार झड़ने के करीब आ गई.
तभी उसने मुझसे कहा कि वो झड़ने वाली है … और मैं उसको उल्टा कर दूं और सीधे मिशनरी पोजीशन में चोदूं.
मैंने बिल्कुल ऐसे ही किया और उसको नीचे फर्श पर लिटा कर फिर से अपना लंड उसकी चूत से मिला दिया. अब संजना सीधे से आकर मेरे मुँह के ऊपर अपनी चूत रख दी और आप मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी.
ये सब करते हुए भी मेरी रफ़्तार धीमी नहीं पड़ी थी. मैं एक तरफ अपनी जुबान से संजना की चूत चाट रहा था और दूसरी तरफ अपने लौड़े से नीचे शीना की चूत की धज्जियां उड़ा रहा था.
अब हम तीनों की सिसकारियां फिर से शुरू हो गई थीं और हम तीनों भी अब सातवें आसमान पर पहुंच चुके थे. बाथरूम में अब पानी की टप-टप की आवाज से भी ज्यादा हम तीनों की चीखें और सिसकारियां सुनाई दे रही थीं.
इसी बीच शीना मुझे अपनी तरफ खींचते हुए मेरे पीठ में नाखून बढ़ाते हुए झड़ने लगी. तभी संजना मेरी चटाई से अपने चरम पर पहुंच चुकी थी … पर मैं अभी भी झड़ा नहीं था. मैं लगातार शीना की चुदाई करने में लगा था.
जब शीना की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी, तो मैंने सोचा कि क्यों ना शीना की गांड मारी जाए. इसलिए मैंने संजना को अपने से अलग किया और शीना को लौड़े पर उल्टा होकर बैठने के लिए कहा, जिससे मैं उसकी गांड मार सकूं. पर शीना पूरी तरह से झड़ने के बाद बुरी तरह थक चुकी थी और उसमें थोड़ी भी हिम्मत नहीं थी कि वह खुद चार्ज ले सके और अपने आप मेरा लौड़ा अपनी गांड में घुसा कर उछल कूद कर सके.
मैंने भी उसको ज्यादा जोर जबरदस्ती नहीं की … और उसको डॉगी स्टाइल में आने के लिए बोला.
वो झट से डॉगी स्टाइल में आ गई और अपना चेहरा बाथरूम की फर्श पर ही झुका कर रख कर पोजीशन में आ गई.
मैंने संजना को अपनी तरफ खींचा और अपना लौड़ा संजना के मुँह में घुसा दिया, जिससे लंड चिकना हो जाए और शीना की गांड मारने में मुझे कोई तकलीफ ना हो.
संजना ने मेरा लौड़ा पूरा चिकना कर दिया और मेरा लौड़ा पकड़ कर शीना की गांड के छेद के ऊपर रख दिया.
मैंने शीना की मोटी गांड पकड़ी और धीरे-धीरे अपना लौड़ा शीना की गांड में घुसाने लगा. शीना के मुँह से अब फिर से आह निकली. पर ये आह इतनी ज्यादा तेज नहीं थी, जितनी पहले उसकी चूत चुदाई के वक्त में आई थी.
मैंने धीरे-धीरे अपनी रफ्तार पकड़ी, जिससे शीना की मुँह से सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं और वह भी अब मजा लेने लगी.
मेरा लौड़ा पूरी तरह से शीना की गांड के अन्दर घुस गया था और आगे पीछे हो रहा था.
मैं शीना के अब और ज्यादा मजे लेना चाहता था, इसलिए मैंने उसकी गोल मटोल कांड पर थप्पड़ मारने भी शुरू कर दिए. इससे शीना को और ज्यादा तकलीफ होने लगी. फिर मैंने अपना एक हाथ शीना के बूब्स पर रखे और उन्हें सहलाने लगा. साथ ही मैं एक हाथ से उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा.
तभी संजना ने शीना की चूत पर अपनी उंगलियां रख दीं और वह उसकी चूत सहलाने लगी.
पता नहीं अब कितने बजे हुए थे और हम तीनों भी इस खेल में कितने देर से लगे हुए थे. पर मेरा लौड़ा शायद गोलियों की असर की वजह से और शायद इतनी बार झड़ने की वजह से अब तक झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.
मुझे अब किसी भी चीज की फिक्र नहीं थी. मुझे बस ठुकाई करनी थी. मैंने शीना की गांड जोर जोर से मारना शुरू कर दी. इससे वो एक बार फिर से झड़ने के करीब पहुंच गई.
दस मिनट में ही शीना फिर से एक बार चरम के ऊपर पहुंच चुकी थी और वह अब झड़ना चाहती थी. फिलहाल वो बस मजे ले रही थी … ना उसके मुँह से कुछ आवाज निकल रही थी … और ना ही वह कुछ कह रही थी. बस मुस्कुराते हुए मजा ले रही थी.
मेरी ऐसी तेज ठुकाई से शीना फिर से एक बार झड़ने लगी और उसका बदन पूरी तरह से ऐंठने लगा. मैं यह देख कर रुक गया और शीना की गांड मारने की मेरी स्पीड कम हो गई. मैंने भी उस पर रहम दिखाते हुए उसे वहीं पर छोड़ दिया. मैं अभी तक नहीं झड़ा हुआ था और संजना यह बात जानती थी … तो उसने सीधे से आकर मेरा लौड़ा अपने मुँह में लिया और सीधे चूसने लगी.
मैं यह बात समझ गया कि संजना बस मेरे लिए ही मेरा लौड़ा चूस रही है ताकि मैं सीधे से झड़ जाऊं, जो मैं इतनी चुदाई होने के बावजूद नहीं झड़ पाया था.
मुझे संजना पर अब बहुत ही ज्यादा प्यार आ गया. ये प्यार हम दोनों के जिस्मानी रिश्ते से बिल्कुल परे था. मैंने अपना लौड़ा संजना के मुँह से निकाला और उसकी आंखों में देखा, तो वह मुस्कुरा रही थी. मैंने बिना एक सेकंड की देरी करते हुए संजना के होंठों को चूम लिया … पर तब तक भी उसने मेरा लंड अपने हाथों से नहीं छोड़ा था और वह मेरा लंड हिला रही थी.
जैसे ही मैंने अपनी किस पूरी की, संजना फिर से मेरा पूरा लंड अपने गले तक ले जाकर उसकी चुसाई करने लगी. संजना की चुसाई देखकर अब मेरी आंखें बंद होने को थीं और मैं भी अब अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच रहा था.
तभी शीना भी संजना का साथ देने के लिए मेरा लंड अपने मुँह में लेने के लिए आगे आ गई. अब वे मेरी दोनों रंडियां एक ही वक्त में एक ही साथ मेरा लौड़ा चूस रही थीं. मेरे लंड के ऊपर दोनों के होंठ मिल रहे थे. जैसे कि पोर्न मूवीज में होता है … वैसा ही सीन चल रहा था. दो लड़कियां अपने दोनों दूध एक दूसरे से चिपका कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थीं. मुझे इसमें बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था.
जब मैंने संजना और शीना को अपनी आंखें खोल कर देखा कि वह क्या कर रही है, तब मुझे बहुत ही ज्यादा खुशी हुई कि 2 औरतें मुझसे इतना प्यार करती हैं.
ऐसी ही करीब 5 मिनट की सेक्सी चुसाई के बाद मैं भी अब झड़ने के बिल्कुल नजदीक पहुंच चुका था.
और फिर वह पल भी आया, जिसमें मेरे लंड से मेरे बीज की धार पूरी तरह से ऊपर निकलने लगी. जैसे ही मेरे मुँह से एक तेज़ आह निकली, संजना ने वैसे ही मेरा पूरा लंड अपने मुँह में घुसा लिया. जैसे ही उसकी जुबान मेरे सुपारे पर लगी, तो मेरे भी मुँह से आह निकली और मेरे लंड से पिचकारी निकल पड़ी. जो संजना के पूरे अन्दर तक चली गई होगी. इस पिचकारी की धार शायद कुछ ज्यादा ही तेज थी कि संजना को खांसी आने लगी.
खांसी की वजह से संजना ने अपना मुँह मेरे लौड़े से हटा लिया और उसी वक्त शीना ने लपक कर मेरा लंड अपने मुँह में घुसा दिया.
पता नहीं दूसरे ही वक्त पर शीना ने क्या सोचा और वह खड़ी होकर अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर डाल कर बैठ गई. यह सब इतनी जल्दी में हुआ कि ना मुझे कुछ सोचने का वक्त मिला और ना ही उन दोनों को समझ आया.
शायद मेरे लंड की दो धारों के बीच में शीना ने इतनी तेज़ी दिखाई थी. अब मैं शीना की चूत के अन्दर झड़ रहा था और मेरी हर एक पिचकारी शीना अपनी चूत में महसूस कर रही थी.
पता नहीं मेरी कितनी पिचकारियां निकली होंगी. पर वह सारी की सारी रसधार शीना की बच्चेदानी में घुस चुकी थी.
मैंने अब शीना को अपने गले से लगा लिया था और उसकी चूत में झड़ रहा था. उधर संजना भी अब तक संभल चुकी थी और उसने मेरे पीछे आकर मुझे पकड़ लिया.
जब मैं अपनी 20-25 पिचकारी शीना की चुत में खाली कर चुका, तो शीना को देख कर उससे इशारों में ही पूछने लगा कि उसने ऐसा क्यों किया.
वह मेरे होंठों को चूम कर कहने लगी- जैसा मेरी इस सौतन ने कहा था कि पहले तुम उसको बच्चा दे दो, बाद में मुझे दे देना … तो मैं अपनी प्यारी सहेली की वही ख्वाहिश पूरी करना चाहती थी … इसलिए मैंने यह सब किया. मेरी इस पागल सहेली ने अपनी सबसे प्यारी चीज मुझे दे दी … तो क्या मैं उसकी एक ख्वाहिश पूरी नहीं कर सकती थी. इसीलिए मैंने तुमसे बिना पूछे ही तुम्हारा पूरा बीज अपने अन्दर ले लिया.
यह सब बात सुनकर संजना और शीना के आंखों से आंसू टपकना शुरू हो गए और मैं भी थोड़ा सा इमोशनल हो गया.
हम तीनों वैसे ही एक दूसरे की बांहों में थोड़ी देर के लिए पड़े रहे. हमारी धुआंधार चुदाई होने के बाद हम अब तीनों थक चुके थे और कुछ भी करने की हालत में नहीं थे. हम तीनों को भी बहुत तेजी से भूख लगी थी. मैंने ही अब उन दोनों को अपने से अलग किया और हम तीनों एक-दूसरे के साथ उसी मस्ती में नहाए … जिस मस्ती और प्यार में हम तीनों चुदाई कर रहे थे.
फिर संजना और शीना दोनों ने खाना बाहर से आर्डर किया. हमने बहुत कुछ खाया बहुत पिया … और फिर से 2 दिनों तक लगातार बस यही सफर चलता रहा. इस सफर की शुरुआत उस वक्त हुई थी, वह सफर आज भी वैसे ही लगातार चल रहा है.
अब संजना और शीना दोनों भी मेरे बच्चे की मां बनने वाली हैं. दोनों भी बहुत ही ज्यादा खुश हैं और दोनों ने अपने पतियों से चुदवाने का नाटक करके यह बात छुपा ली है कि उनके जो बच्चे पैदा होने वाले हैं … उनका असली पिता मैं हूं.
आज भी जब मुझे किसी चीज की जरूरत पड़ती है, चाहे वह चुदाई की हो … या चाहे वह पैसों की हो … या फिर चाहे किसी और भी चीज की, तो मेरी यह दो रखैलें हमेशा मुझे मदद करती हैं.
अगर मेरे दिल में कोई भी ख्वाहिश हो, तो यह दोनों उसे हमेशा हमेशा के लिए पूरा करने की फिराक में रहती हैं.
जैसे उन दोनों ने मुझसे वादा किया था कि वह मुझे और भी चूतें दिलवा देंगी. तो उन दोनों ने यह वादा पूरा भी किया है. मैंने संजना की ननद को और शीना की सगी बहन और भाभी को भी चोदा है. पर जो भी चूतें संजना और शीना ने मुझे अलग से दिलवाई हैं. उनको हम तीनों के रिश्ते के बारे में ना वो जानती हैं और ना मैंने उन्हें बताया है. हम तीनों का रिश्ता आज भी वैसे ही फल फूल रहा है.
जब भी मैं उनके रिश्ते की लड़कियों की चुदाई करता हूं, तब मैं उनको अलग से ले जाकर उनकी ठुकाई करता हूं. ना वो कभी मुझसे पूछती हैं … और ना ही कभी संजना या शीना के सामने यह बातें कहती हैं. ना ही कभी मैं उन्हें कुछ बताता हूं.
दोस्तो, यह थी मेरी नयी सेक्स कहानी. अगर आपका रिस्पांस अच्छा मिला, तो मैं आगे भी सेक्स कहानी लिखूँगा. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा. अपने अनुभव भी लिखा कीजिएगा.
नीचे मेरी मेल आईडी दी गई है, वही मेरी हैंगआउट आईडी भी है. आप लोग मुझसे इंस्टाग्राम पर भी बात कर सकते हैं.
मेरी इंस्टाग्राम की आईडी है charliejoseph390
मेल आईडी है [email protected]
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