बहन का लौड़ा -39

(Bahan Ka Lauda-39)

पिंकी सेन 2015-06-30 Comments

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अब तक आपने पढ़ा..

ममता ने अपना काम निपटा दिया और वो चली गई।
राधे और मीरा कमरे में बैठे बातें कर रहे थे..

मीरा- अब बताओ ना.. आज क्या किया और कैसे किया.. चुदाई में मज़ा आया क्या..? और ममता को मज़ा आया या नहीं.. सब बात बताओ..
राधे- मेरी जान.. अगर अभी बताऊँगा.. तो तुम्हारे साथ मैं भी गर्म हो जाऊँगा और फिलहाल अभी मेरा चुदाई करने का बिल्कुल मूड नहीं है.. तुम थकी हुई आई हो.. सो जाओ.. रात को बताऊँगा और साथ में तुम्हारी ठुकाई भी करूँगा..
मीरा जल्दी मान गई.. क्योंकि चुदने का अभी उसका भी कोई इरादा नहीं था।
दोनों आराम से सो गए.. उधर रोमा भी अपने घर चली गई। उसकी चूत में दर्द तो था.. मगर अब वो ठीक से चल पा रही थी। उसकी माँ को शक होने का सवाल नहीं था। बेटी स्कूल से जो आई थी.. तो यहाँ भी यही हुआ.. खाना खा कर रोमा भी गहरी नींद में सो गई। उसको तो ऐसी नींद आई कि बस पूछो मत… चुदाई के बाद थकान कैसी होती है.. ये तो चुदाई करने वाले ही अच्छी तरह बता सकते हैं।

अब आगे..

शाम को नीरज बड़ा खुश था और वो अपनी ख़ुशी बांटने शीला के पास चला गया। जब उसको सारी बात बताई तो..
शीला- अरे वाह.. मेरे राजा.. बड़ी जल्दी लड़की पटा ली और उसका मुहूरत भी कर दिया.. तू साला बड़ा हरामी निकला रे..
नीरज- हाँ साली.. तूने तो मेरी लाइफ बना दी.. ये ले देख तेरे लिए सोने की बालियाँ लाया हूँ.. ले पहन ले.. तेरा इनाम है ये साली.. हिच हिच.. तू मस्त है..

नीरज नशे में धुत्त था और शीला भी उसका पूरा फायदा उठाना चाहती थी।

शीला- देख नीरज.. अभी शुरूआत है.. तू आराम से उस चिड़िया को चोद-चोद कर मज़ा ले.. मगर चूत हमेशा टाइट नहीं रहती है.. उस लड़की के जरिए तुझे दूसरी लड़की भी मिल जाएगी.. मगर सब होशियारी से करना होगा.. अभी कुछ महीने तो वो बड़ा मज़ा देगी.. उसके बाद वो ढीली हो जाएगी.. तब तुझे दूसरी चूत चाहिए होगी.. तो कहाँ से लाएगा?
नीरज- तू ठीक बोलती है शीला रानी.. उसके जरिए दूसरी लड़की कैसे आएगी.. तू आइडिया बता ना.. साली तेरा दिमाग़ बहुत तेज़ चलता है..।

शीला- बता दूँगी मेरे राजा.. अभी तो उसका मज़ा ले बस.. और ‘हाँ’ किसी तरह मोबाइल में उसकी नंगी तस्वीरें और चुदाई का वीडियो रिकॉर्ड कर ले.. बस वक़्त आने पर वो तेरे बहुत काम आएँगे.. और ‘हाँ’ मुझे ये बालियाँ दीं.. ठीक है.. मगर एक सोने का हार ला देगा… तो मज़ा आ जाएगा मेरे राजा जानी..
नीरज- साली अभी नहीं.. उस रोमा को पटाने के चक्कर में बहुत खर्चा हो गया। किराए का फ्लैट.. गाड़ी.. इन सब में बहुत पैसा चला गया। अब दोबारा राधे के पास जाना होगा। साला वो भी मज़ा ले रहा होगा.. उससे पैसे लाऊँगा.. तो पक्का तुझे हार ला दूँगा।
शीला- ठीक है मेरे राजा.. अब तू जा.. मेरा ग्राहक आने वाला है.. तू तो मुझे अब चोदेगा नहीं.. तेरे को तो कच्ची मिल गई है.. जा मज़े कर..

नीरज वहाँ से चला गया और दोबार पीने के लिए दारू की दुकान पर जाकर बैठ गया।

उधर रात के खाने के बाद राधे और मीरा कमरे में बैठे बातें कर रहे थे।

मीरा- राधे अब बताओ ना.. सुबह कितनी बार ममता को चोदा और कैसे-कैसे चोदा.. मज़ा आया या नहीं?

राधे- अरे क्या बताऊँ मीरा.. सुबह बहुत मज़ा आया.. वो ममता का पति सच में नामर्द है.. उसने कुछ नहीं किया था.. ममता तो एकदम कसी हुई है.. अब तक उसके चूचे भी कड़क हैं और चूत तो इतनी टाइट.. जैसे तुम्हारी है।
मीरा- क्या बात करते हो.. तब तो ममता को बहुत दर्द हुआ होगा?
राधे- होगा कैसे नहीं.. मेरा लौड़ा है ही ऐसा.. हालत बिगाड़ दी उसकी..
मीरा- शुरू से सब बताओ ना.. मुझे मज़ा आ रहा है..

राधे- ऐसे नहीं.. पहले नंगी हो जाओ ताकि बात करते हुए हम गर्म हो जाएं तो कपड़े निकालने में समय खराब ना हो.. हम सीधे चुदाई शुरू कर सकें।
मीरा- हाँ ये ठीक रहेगा.. तुम भी निकाल दो.. मैं बात सुनती रहूंगी और लौड़ा सहलाती रहूंगी.. ताकि ये मस्त कड़क हो जाए..

अब दोनों एकदम नंगे बैठे हुए थे और राधे सुबह ममता के साथ हुई चुदाई को विस्तार से मीरा को बता रहा था.. जिसे सुन कर मीरा की उत्तेजना बढ़ रही थी। वो पहले तो लौड़े को सहला रही थी.. बाद में मुँह में लेकर चूसने लगी।

राधे- अरे क्या हुआ मेरी मीरा डार्लिंग.. इतनी क्या जल्दी है लौड़े को चूस-चूस कर मेरा हाल खराब कर दिया.. अब ये मानेगा नहीं.. अपनी चूत को तैयार कर ले.. अब बस ये फुंफकारने लगा है.. आह्ह.. आह..

मीरा- तुम्हारी बातें सुनकर मेरे जिस्म में आग लग गई है और एक बात से मुझे थोड़ा दु:ख भी हुआ है..
राधे- अरे मैंने तो तुम्हें चुदाई कथा सुनाई उसमें दु:ख कहाँ था?
मीरा- था मेरे भोले आशिक.. बहुत दु:ख था.. एक तरफ़ तो मैं अपनी गाण्ड नहीं मारने देती.. ऊपर से ममता ने भी मना कर दिया.. इस बात का मुझे दु:ख हुआ..
राधे- ओह्ह..ये बात है.. अरे इसमें दुखी होने की क्या बात है.. आज नहीं तो कल.. तुम दोनों की गाण्ड मैं ही मारूँगा ना..

मीरा- कल नहीं.. आज ही.. तुम मेरी गाण्ड मारोगे.. मैं अब तुम्हें ज़्यादा नहीं तड़पाऊँगी.. तुम्हें मेरी गाण्ड से प्यार है ना.. तो आज इसका भी मुहूरत कर दो.. उसके बाद तुम जब चाहो.. मेरी चूत मारना.. और जब चाहो गाण्ड मारना। अब सब तुम्हारा ही तो है।

राधे- अरे वाह.. मेरी मीरा आज तो दिल खुश कर दिया.. कसम से तेरी गाण्ड को देख कर.. लौड़ा रोज झटके ख़ाता था.. आज मारने के नाम से ही आधा इन्च बड़ा हो गया।

मीरा- क्या बात कर रहे हो.. पहले ही तुम्हारा लौड़ा बम्बू जैसा लंबा था.. अब और बढ़ गया है.. आज तो मेरी गाण्ड की खैर नहीं..
राधे- अरे डर मत मेरी मीरा रानी.. बड़े प्यार से देसी घी लगा कर तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसाऊँगा..
मीरा- अच्छा मेरे आशिक.. तुम घी लाओ.. मैं बाथरूम जाकर आती हूँ.. उसके बाद तुम्हारा लौड़ा गाण्ड में जाएगा.. तो ठीक से बैठ भी नहीं पाऊँगी मैं..
राधे- अरे जा.. मेरी जान.. गाण्ड में लौड़ा गया नहीं कि पहले ही तेरी गाण्ड फट गई.. हा हा हा.. जा.. हल्की होकर आ जा.. उसके बाद मैं आज आराम से तेरी गाण्ड को खोलूँगा..

मीरा बाथरूम चली गई और राधे रसोई में घी लाने चला गया।
उसने घी को हल्का गर्म किया और कमरे में ले आया।

दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है।
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