आंटी की कसी चूत गाण्ड चोदी
Aunty Ki Kasi Choot Gaand Chodi
हाय दोस्तो, मेरा नाम राहुल है मेरी उम्र 29 है मैं नागपुर का रहने वाला हूँ। मैं दिखने में स्मार्ट हूँ मेरा कद 5.5’ है और मेरे सामान की लम्बाई 6.5 इंच है।
प्रिय मैं कहानी पहली बार लिख रहा हूँ और यह मैं बहुत मेहनत के बाद लिख पाया हूँ।
ये मेरा पहली कहानी 5 महीने पुरानी मेरी एक आंटी की है.. वैसे तो मुझे आंटियाँ ही पसंद हैं। उनका नाम बदला हुआ सारिका है.. आंटी की उम्र करीबन 30 होगी, वो एक मस्त हसीना हैं।
उनके पति बिज़नसमैन है.. इसलिए पति को अक्सर बाहर रहना पड़ता है, उनकी एक लड़की है वो 6 साल की है।
अंकल-आंटी अभी कुछ महीने पहले ही नागपुर रहने आए हैं.. वैसे तो वो चंद्रपुर से हैं।
मैं रोज ऑफिस के लिए निकलता तो वो आंटी धूप सेंकने के लिए बाहर बैठी रहती हैं।
मैं रोज उन्हें देखता था।
एक हफ्ते तक ऐसा ही चला.. फिर 7-8 दिन बाद मैं ऑफिस से आने के बाद घर की तरफ जा रहा था.. तो सारिका आंटी खड़ी थीं। शायद उसे पता हो गया था कि मैं कितने बजे बापिस आता हूँ।
उसने मुझे इधर आने को इशारा किया.. मैं समझ नहीं पाया और घर जाकर सोचने लगा कि उसने किसे इशारा किया।
फिर मैं हाथ-मुँह धोकर बाहर निकला तो सारिका आंटी ने मुझे फिर इशारा किया।
मैं समझ गया कि वो मुझे ही बुला रही हैं। अब मेरे मन में लड्डू फूटने लगे.. मैं झट से उनके पास गया और उनसे पूछा- आपने मुझे बुलाया?
तो आंटी ने कहा- हाँ मैंने आपको ही बुलाया है।
मैं- क्या बात है?
आंटी- तुम मेरी तरफ क्या देखते रहते हो?
मैं पहले थोड़ा डर गया.. फिर मैंने कहा- कुछ भी तो नहीं.. बस ऐसे ही…
आंटी- ऐसे ही कोई रोज-रोज नहीं देखता…
मैं- फिर आप क्या देखते हो मेरे तरफ?
वो अचानक से बात बदल कर बोलने लगी।
‘मुझे तुमसे कुछ जानना है।’
मैं बोला- क्या?
तो उन्होंने कहा- कुछ नहीं बस ऐसे ही.. यहाँ किराना थोक में और अच्छा कहाँ मिलता है?
मैं बोला- क्यों अंकल नहीं है क्या?
‘अंकल अपने काम से 5 दिनों के लिए बाहर रायपुर गए हैं।’
मैं मन ही मन मुस्कुराया।
फिर मैंने उन्हें बताया- किराना आपको यहाँ इतवारी में मिलेगा।
उन्होंने पूछा- कितनी दूर है?
मैंने कुछ ज्यादा ही दूर बता दिया- करीब 8-9 किलोमीटर…
तो उन्होंने कहा- इतनी दूर.. ठीक है.. धन्यवाद…
उन्होंने मेरा नंबर माँगा.. मैंने दे दिया।
फिर सारिका आंटी का अगले दिन फोन आया उन्होंने पूछा- तुम जब ऑफिस जाते हो तो मुझे इतवारी छोड़ दोगे क्या?
मैं तो इसी का इंतजार कर रहा था।
मैंने ऑफिस में फ़ोन करके बता दिया कि मैं आज नहीं आ पाऊँगा लेकिन ये बात मैंने आंटी को नहीं बताई।
मैं उनको इतवारी लेकर गया और किराना लेते-लेते दो बज गए।
फिर मैंने उन्हें घर ले आया।
उन्होंने मुझे पानी दिया और बैठने को कहा और मुझे नाश्ता लाकर दिया।
जब वो मुझे नाश्ता देने लगीं, तो उनका पल्लू नीचे गिर गया।
तभी मुझे उनके गोरे मम्मों की क्लीवेज दिख गई.. वो समझ गईं कि मैं क्या देख रहा हूँ।
फिर उन्होंने अपना पल्लू बड़ी अदा से ठीक किया और कातिल मुस्कराहट के साथ चली गईं।
शायद वे अपनी लड़की को देखने गई थीं, उनकी लड़की सो रही थी.. वो मेरे पास आकर बैठ गईं और मुझसे इधर-उधर की बातें करने लगीं।
तभी उसने मुझे पूछा- तुम्हारा ऑफिस?
तो मैंने बता दिया- आज आपके लिए छुट्टी ले ली…
तो उन्होंने ‘धन्यवाद’ कहा..
फिर उन्होंने टीवी चला दिया।
टीवी पर साऊथ की मूवी का हॉट सीन चालू था.. उन्होंने उस चैनल को लगा रहने दिया.. फिर उनका एक हाथ मेरे हाथ से सट गया।
मैं धीरे-धीरे उनके हाथ को सहलाने लगा..
उन्होंने एक नशीली चितवन से मेरी ओर देखा.. उन्हें मेरा हाथ सहलाना अच्छा लगा।
उनकी तरफ से कोई आपत्ति न होते देख.. मैं उनके और करीब हो गया।
वो मुझे देखने लगी मैंने उनकी आँखों में आँखें डाल कर.. उसे चुम्बन करने लगा।
फिर एकदम से उन्होंने खुद को मुझसे छुड़ाया और रसोई में चली गई।
कुछ देर मैं रुका.. फिर मैं उनके पीछे रसोई में गया.. तो वो दाल भिगो रही थी।
मैंने आंटी को पीछे से पकड़ लिया फिर धीरे-धीरे उसके बोबे दबाने लगा।
वो मेरा साथ देने लगी।
फिर मैंने उनकी साड़ी-ब्लाउज उतार दिया.. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।
मैंने उसके बोबे दबाना चालू किया.. वो मस्ती में आकर अलग-अलग तरह की सिसकारियाँ निकाल रही थी।
मैंने उनकी ब्रा को खोल दिया.. अब वो सिर्फ पैंटी में रह गई थी।
थोड़ी देर में मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत में उंगली करने लगा।
उनको मैंने नीचे बिठाया और उन्होंने मेरी पैन्ट की जिप खोल कर मेरे तने हुए लंड को झट से मुँह में ले लिया।
दस मिनट तक ऐसे ही करती रही और मेरा पानी पूरा माल सटक गई।
फिर मैंने उन्हें पीछे से पकड़ कर और गर्म किया.. कुतिया बने रहने को बोला।
वो मान गई और मैंने अपने लंड को थूक लगा के पीछे से उनकी गांड में लंड पेलने लगा।
वो खड़ी हो गई और गांड मरवाने से मना करने लगी।
मैंने उन्हें मनाया और वो बोली- दर्द होगा…
फिर कुछ देर मनाने के बाद वो मान गई।
फिर एक बार गांड में लवड़ा डालने लगा।
जैसे ही सुपारा फंसा कर एक झटका दिया तो लवड़ा थोड़ा अन्दर चला गया।
वो चिल्लाने लगी- राहुल.. निकाल लो.. मुझे दर्द हो रहा है.. मैंने इस छेद में कभी नहीं डलवाया…
मैं कहाँ मानने वाला था.. 2-3 झटकों के बाद पूरा लवड़ा अन्दर चला गया।
आंटी तड़पने लगी.. अजीब सी आवाजें निकालने लगी।
मैं थोड़ा रुका और फिर चालू हो गया।
करीब 15 मिनट बाद मैं अन्दर ही झड़ गया।
दस मिनट बार फिर तैयार हो गया और उसको सीधा लिटा कर उसकी चूत में डालने लगा।
पहली बार में तो लौड़ा फिसल गया.. फिर आंटी ने अपने चूत पर निशाना लगा कर कहा- अब डालो.. मगर धीरे डालना मेरी जान…
फिर मैंने लंड लगा कर एक झटका मारा.. तो आधा लंड अन्दर चला गया।
वो तड़पने लगी..
मैंने पूछा- इतना दर्द कैसे?
तो आंटी बोली- तुम्हारे अंकल को चोदने का समय ही नहीं है.. मेरी प्यास बुझ ही नहीं पाती.. इसलिए चूत इतनी टाइट है।
खैर.. दो झटके में पूरा लंड अन्दर चला गया.. अब आंटी मजे में आ गई.. और बोली- और जोर से करो.. आह.. ऊह्ह्ह…
मैं धकापेल करता रहा और कुछ ही देर में आंटी का हो गया.. वो झड़ गई और लस्त पड़ी रही।
अब मैं झटके लगाता रहा और आंटी से पूछा- मेरा होने वाला है।
तो आंटी बोली- अन्दर ही डाल दो.. बहुत प्यासी हूँ।
मैंने वैसे ही किया और आधा घंटे तक आंटी के ऊपर पड़ा रहा.. फिर होश आया तो देखा 6.45 बज रहे थे।
मैं झट से उठा और फ्रेश होकर आंटी को चुम्बन किया और घर निकल गया।
इसके बाद आंटी को कई बार चोदा और वो मेरी दीवानी हो गई।
मैं उन्हें बहुत जगह घुमाने लेकर गया और साथ में उसकी लड़की को भी लेकर जाता था.. लेकिन बाहर कुछ गलत नहीं किया।
आज भी वो मेरे साथ है.. आंटी को कैसे-कैसे चोदा और भी बताऊँगा.. अभी इजाजत दीजिए।
दोस्तो.. आपको मेरी कहानी कैसी लगी। मुझे बताइएगा.. मैं आपके ईमेल की राह देखूँगा।
आप मुझसे फेसबुक पर भी जुड़ सकते हो.. मेरा फेसबुक नाम rahul shidam है..
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