खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ-1
सेक्सी बीवी की गांड चुदाई के बाद मेरे लंड के साथ पता नहीं क्या हो गया कि वह हर वक्त खड़ा ही रहने लगा. लेडी डॉक्टर से सलाह ली तो वो मेरी स्कूल की क्लासमेट निकली.
सेक्सी बीवी की गांड चुदाई के बाद मेरे लंड के साथ पता नहीं क्या हो गया कि वह हर वक्त खड़ा ही रहने लगा. लेडी डॉक्टर से सलाह ली तो वो मेरी स्कूल की क्लासमेट निकली.
बहुत दिन से मेरे लंड को चूत के दर्शन नहीं हुए थे. मैं मुट्ठ मार कर शांत कर लेता था अपने को मगर बेचैनी हर दिन बढ़ रही थी. अपनी वासना कैसे बुझाई मैंने, मेरी देसी कहानी में पढ़ें.
पति से कुछ होता नहीं था तो मैं एक पड़ोसी से चुदाई का मजा लेती थी. एक बार वो भी बाहर चला गया तो मेरी चूत में लंड की कमी पड़ गयी. मैएँ अपनी गर्म चूत के लिए लंड का जुगाड़ कैसे किया?
मैंने देखा कि मेरी सहेली और उसकी बड़ी बहन अपनी जवानी की आग अपने बाप से चटवा या उंगली करवा के शांत करती थीं. मेरे जिस्म की गर्मी भी उफान पर थी तो ...
वसुन्धरा के नंगे, गर्म जवान जिस्म को पीछे से रगड़ कर मेरा नंगा जिस्म आग पैदा कर रहा था. मेरा गर्म लिंग उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसके नितम्बों की दरार पर रगड़ खा रहा था.
जवान कुंवारी लड़की ... प्रथम सहवास की प्रबल इच्छा लिए रात को बिस्तर पर आ गयी थी सोने के लिये ... तभी उसके फोन पर एक मेसेज आया. किसका मेसेज था और क्या था उसमें!
मैंने किराये पर कमरा लिया. मकानमालिक की दो बेटियाँ थी. मैंने छोटी से दोस्ती करनी चाही तो वो बोली- लाइन किसी और पर मारना। फिर वो कैसे एक बारिश वाली रात में चुदी?
यह कहानी मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक देसी भाभी के साथ प्यार और सेक्स की है. वो भाभी मेरे से पर्दा करती थी. फिर कैसे मैं उसे चोद पाया? पढ़ें भाभी की चुदाई कहानी!
हमारे मकान में दो लड़कियाँ अपने बाप के साथ किराये पर रहती थी. एक दिन मैंने उन दोनों को अपने बाप के साथ कमरे में नंगी देखा. मैंने क्या क्या देखा और फिर क्या किया?
मैंने आगे झुक कर वसुन्धरा के दाएं निप्पल को मुंह में लिया और उसे होंठों और जीभ से चुमलाने लगा. वो तत्काल मेरा सर अपने हाथों में ले अपने उरोजों पर दबाने लगी.
किसी काम से मैं बैंक गयी तो मेरी क्लीवेज देख मेनेजर खुश हो गया, उससे मेरी दोस्ती हो गयी, मैं सभी काम के लिए सीधे मैनेजर के पास जाने लगी. एक बार बैंक में वेकेंसी निकली तो ...
मेरी मंगेतर पहले मेरी असिस्टेंट थी. मैंने उसे पटाया. विवाह से पहले हम चोरी छुपे खूब मिला कर मस्तियाँ मारा करते थे. इनमें से एक किस्सा कुछ ऐसा हुआ जो बताने लायक है.
मैं अपने यार और उसके दोस्त से जम कर चुद रही थी. दोनों ने मेरी चूत के साथ साथ मेरी गांड भी चोद चोद कर खुली कर दी थी. मेरी गांड में 2-3 उंगलियाँ एक साथ जा रही थी.
मैं मेरे पति से खुश हूँ मगर मेरी सेक्स की भूख घटने की जगह बहुत ज्यादा बढ़ गई. एक बार वे बाहर गए तो तीसरे दिन मैं वासना से पागल होने लगी. मेरी वासना कैसे ठण्डी हुई?
"ओ राज! मुद्दतों तड़पी ... बरसों सुलगी, मैं इस पल के लिए." कह कर वसुन्धरा ने अपने दोनों हाथों से मेरा सर नीचे कर के मेरा चेहरा चुंबनों से भर दिया.