ट्रेन में सेक्स का मजा
मैंने ट्रेन में सेक्स का मजा कैसे लिया जब मैं भीड़ से ठसाठस भरी पैसेन्जर ट्रेन से सहारनपुर से गाज़ियाबाद जा रही थी. इस भीड़ का फायदा मेरे पीछे खड़े आदमी ने उठाया. उसने क्या किया मेरे साथ और कैसे किया?
मैंने ट्रेन में सेक्स का मजा कैसे लिया जब मैं भीड़ से ठसाठस भरी पैसेन्जर ट्रेन से सहारनपुर से गाज़ियाबाद जा रही थी. इस भीड़ का फायदा मेरे पीछे खड़े आदमी ने उठाया. उसने क्या किया मेरे साथ और कैसे किया?
मैं अपने सास ससुर संग गाँव गयी. वहां मुझे चचिया ससुर मिले. वे मुझे बहुत घूर रहे थे, पहले मुझे अजीब सा लगा, फिर मुझे उम्मीद हो गई कि बहू की चूत को ससुर का लंड मिल सकता है.
मैं रांची से पटना आ रहा था तो ट्रेन में मैंने एक महिला को अपनी बर्थ पर बिठा लिया, उसकी सीट कन्फर्म नहीं थी. रात हो चुकी थी, वो मेरे साथ ही लेट गयी. उसके बाद क्या हुआ? पढ़ें मेरी सेक्स कहानी में!
एक हफ्ते तक हमने चुदाई का मजा लिया, फिर अदालत में जाकर शादी कर ली. शादी के बाद मनोज मुझे योरोप ले गया और लगभग पन्द्रह दिनों तक मुझे खूब घुमाता और चोदता रहा.
मेरी साली सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक रोज मैं घर में अकेला बारिश का लुत्फ ले रहा था, तभी दरवाजा पर दस्तक हुई। मैं देखा तो बाहर पानी में तरबतर मेरी साली खड़ी है. अब पढ़िये आगे...
मैं एक ऑफिस गर्ल को चोदा करता था. ऑफिस में एक दूसरी लड़की को यह बात पता चली. तो उसकी वासना ने भी सर उठाया, उसकी शादी होने वाली थी तो वो देखना चाहती थी कि सेक्स कैसे करते हैं.
मैंने कॉलेज में प्रवेश लिया तो एक सेक्सी टीचर मुझे पसंद आ गयी. मैं वासना से उन्हें देखता था, उनके साथ सेक्स करना चाहता था. एक दिन उन्होंने मुझे क्लास में घूरते हुए पकड़ लिया. उसके बाद क्या हुआ?
मैंने बाथरूम में रखी हुई क्रीम अपने लिंग और उसकी गांड के छेद पर मल कर एक बार फिर प्रयास किया. तब मेरा लिंग मुंड उसके उसकी गांड में घुस गया।
मेरे बाप ने अपने पैसों के बलबूते तुम्हारा मान-हरण किया था. सुधा तुम मेरी नज़रों में आज भी वो ही सुधा हो, जिसे कभी मैंने गोद में उठा कर एक पेड़ के नीचे लिटाया था.
मैं गाँव में रहता था. वहां मैंने बहुत सारी देसी गर्ल की खूब चुदाई की, खूब मजा लिया देसी सेक्स का! ग्रुप सेक्स भी किया. कुछ छोटी छोटी चुदाई कहानियों का मजा लें!
यह कहानी मेरी और मेरी चाची के बीच के नाजायज सेक्स संबंध की है. मैं चाचा चाची के साथ रहता था और चाची के साथ सेक्स करना चाहता था. तो मैंने कैसे चाची को चोदा?
यह फर्स्ट टाइम सेक्स कहानी मेरी और मेरी चचेरी बहन की चुत चुदाई की है. एक शाम हम दोनों घर में अकेले थे, बात करते हुए उसने अचानक पूछा कि बच्चे कैसे होते हैं. और बस बात आगे बढ़ गयी.
हमें तो ऐसे कार्यक्रम आयोजन से पहले केवल चूत ही दिखती है। हमारा मन बस सोचता है कि किसकी चुदाई कैसे करनी है। अर्थात् जहाँ दिखा चीरा, वहीं डाल देंगे खीरा।
अब मेरी जवानी भी कूदने लगी और मेरी चूत भी उसका लंड लेने को बेताब हो गई.. क्योंकि मुझे पता लग चुका था कि वो मेरा दीवाना है.
मेरी बॉस की अकडू बीवी नंगी होकर मुझे मालिश करवा रही थी. मैं उसके बदन को मसल रहा था, चूचियां आटे की तरह गूँथी, चूत में उंगली डालकर मालिश की. उसके जिस्म की अकड़न बता रही थी कि उसे मजा आ रहा था.
ढिल्लों जब लौड़े को फुद्दी के अंदर बेरहमी से मारता तो मेरे मुंह से अनाप शनाप निकल जाता जैसे- हाय मर गई ... नज़ारा आ गया ... चक्क ता कम्म ओए... हाय ... मेरे शेरा!
मेरी भाभी चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने पड़ोस की एक भाभी को चोदा. मैं शुरू से ही उन्हें बहुत चाहता था. मैं भैया को अक्सर सेक्स डीवीडी ला देता था. भाभी मुझसे खुल कर बात करने लगी थी.
भाई अगर अपनी बहन को नंगी देख कर अपने हाथ से अपने आप को संतुष्ट कर सकता है तो उस लिंग को अपनी बहन की चूत में डाल कर संतुष्ट करने में क्या बुराई है।
गरीबी और कर्जे के कारण मेरे चाचा ने मेरी शादी एक ऐसे आदमी से कर दी जिसके बेटे के साथ मेरा प्रेम सम्बन्ध था. उस आदमी ने मेरे साथ क्या सलूक किया, पढ़ें मेरी सुहागरात की इस कहानी में!
तीन लण्ड अब तक मेरी चूत, गांड भेदन कर चुके थे। इनसे चुद चुद कर मैं पूरी चुदक्कड़ बन चुकी थी, मेरी नजर पैंट में छुपे लन्डों का जायजा लेने लगी थी। हर समय मैं चुदास से भरी रहती थी।