वासना की न खत्म होती आग भाग-13
दोनों ही बड़ी गर्मजोशी से एक-दूसरे में खोने लगे थे, दोनों धक्कों के साथ एक-दूसरे को कभी चूमते तो कभी काटते जा रहे थे, कभी रमा अपने होंठों का रस चुसातीं..
दोनों ही बड़ी गर्मजोशी से एक-दूसरे में खोने लगे थे, दोनों धक्कों के साथ एक-दूसरे को कभी चूमते तो कभी काटते जा रहे थे, कभी रमा अपने होंठों का रस चुसातीं..
मामी मेरे शेवर से अपनी लम्बी झांटें साफ़ करने लगी तो बाल उसमें फ़ंस गए और मामी को दर्द होने लगा और चीख कर मुझे बुलाया। मैं गया तो मामी पूरी नंगी खड़ी थी।
मैं एक रंडी बाजार गया, एक ताजा माल को पूरी रात के लिए अपने साथ ले आया, आते ही हम दोनों नंगे हुए… कातिल फ़िगर था उसका! हम नहाने गए और बाथरूम में…
मैं पड़ोस की एक अकेली आंटी की मदद के लिए चला जाता था. उनकी नौकरानी मस्त माल थी, मुझे देख कर मुस्कुराती भी थी. मैंने उसकी चूत को कैसे चोदा, इस कहानी में पढ़ें!
मैं कार से जबलपुर से सागर जा रहा था। पानी बरस रहा था कि एक जवान लड़की ने हाथ देकर कार रुकवाई और लिफ़्ट मांगी। उसका सफ़ेद सूट भीग कर उसके बदन से चिपक चुका था।
वो बोली- क्या पियोगे? मैंने उसके मम्मे देखते हुए कहा- दूध पिला दो! 'दूध.. कौन सा दूध? मैंने उसके चूचों की तरफ इशारा किया और बोला- ये वाला। 'जी सॉरी.. यहाँ से दूध नहीं निकलता।'
मोटा, लंबा काला लंड हवा में बिल्कुल सीधा तना हुआ था, वो मेरे पास आया और मुझे हाथ में पकड़ा दिया। मैंने महसूस किया कि इसका लंड मेरे मामा के लड़के के लंड से मोटा भी था और लंबा भी।
मेरे कजिन ने मुझे एक देसी लड़की पटवाई। वो खूब फ़ोन सेक्स, सेक्स चैट करती थी। एक दिन हम दोनों गाँव गए, वो अपनी गर्लफ़्रेंड को चोदने चला गया और मेरे वाली मेरे पास आ गई।
मेरा इलेक्ट्रिक शेवर देख मामी ने अपनी बाजू के रोयें साफ़ करने के लिये पूछा तो मैंने उनकी बाजू के बाल साफ़ कर दिए और बगलों के बाल साफ़ करवाने को कहा। कहानी का मज़ा लें।
तेज़ बारिश थी.. मैं बिल्कुल भीग चुका था कि तभी मेरी बाइक का पेट्रोल खत्म हो गया। मैं एक घर के बरामदे में रुक गया। तभी अन्दर से एक लड़का मुझे अन्दर बुला कर ले गया।
इस हिन्दी सेक्स स्टोरी में मैं बता रही हूँ कि मेरे दिल में सबसे पहले सेक्स का ख्याल कैसे आया, कैसे धीरे धीरे सेक्स के प्रति आकर्षित हुई, कैसे पहली बार चुदी।
'अदिति बेटी, गांड में भी चूत जैसा ही मस्त मस्त मज़ा आता है लंड जाने से, तू एक बार गांड मरवा के तो देख, मज़ा न आये तो कहना!' 'न बाबा, बहुत दर्द होगा मुझे वहाँ!
मुझे चूत चुदाने की बहुत चुल्ल थी शादी से पहले, पर डर लगता था। सुहागरात को मैं चूत चुदवाने को उतावली थी, मेरे शौहर आए और मेरी चूत चोद कर चले गए। उनके बाद मेरा देवर आया…
शायद मेरे यौन जीवन में चाची, बुआ, मामी जैसे रिश्तों में चूत चुदाई ही लिखी है। पहले बुआ, फ़िर बड़ी चाची, छोटी चाची के बाद अब मामी भी मेरे अन्तर्वासना पूर्ति का साधन बनी।
मैंने डाक्यूमेंटेशन सेंटर खोल रखा है, एक दिन एक भाभी आई, उसके कुछ पेपर नहीं बन रहे थे और वो उसके लिए पैसे खर्च करने की हालत में नहीं थी तो उसने अपनी चूत देकर पेपर बनवाए।
चूत और चुदाई भी क्या चीज़ बनाई है ऊपर वाले ने… औरत किसी भी उम्र की हो, मर्द को अगर उसकी चूत चोदने को मिले तो चोदने से पीछे नहीं हटेगा। ऐसी ही कहानी का मज़ा लें।
लड़की जब पूरी गर्म हो जाए, अपने पे आ जाए तो फिर वो चूत में लंड लेने के लिए कुछ भी कर सकती है। 'उफ्फ पापा जी, मेरी चूत में पेल दो अपना लंड मुझे जल्दी से!' बहूरानी बेसब्री से बोली।
कहाँ तो मैं एक चूत के लिये परेशान था, और कहाँ मेरी पहली चुदाई की शुरूआत दो देसी लड़की की सील बन्द चूत से हुई। गाँव की एक लड़की को पटाया तो वो अपनी सहेली को भी ले आई।
एक दिन मैं अपने दोस्त के घर गया तो एक मस्त देसी लड़की ने दरवाजा खोला। दोस्त से पूछा तो वो उनकी नई किरायेदार थी। मन किया कि अभी पटक कर इसकी चुदाई कर दूँ।
रेखा ने अपने बॉस की पत्नी को वादा किया था कि वो रात को अपने पति का लंड दिखाएगी। लेकिन रेखा ने न सिर्फ़ उसे लंड दिखाया, बल्कि अपनी होशियारी से… कहानी का मज़ा लीजिए।