दोस्त की गर्लफ़्रेन्ड को चोदने की तमन्ना
उसकी आँखें बंद थीं.. शायद नींद में होने का नाटक कर रही थी। मेरी हिम्मत अब बढ़ गई थी। मैंने उसका लोअर और पैंटी नीचे सरका दी और उसकी योनि का मर्दन अपनी उंगली से करने लगा।
उसकी आँखें बंद थीं.. शायद नींद में होने का नाटक कर रही थी। मेरी हिम्मत अब बढ़ गई थी। मैंने उसका लोअर और पैंटी नीचे सरका दी और उसकी योनि का मर्दन अपनी उंगली से करने लगा।
मैं नीचे लेट गया और उसे ऊपर आने को कहा। उसने मेरा कहा माना और मेरे लंड पर बैठ कर लण्ड की सवारी करने लगी। लंड बड़ा होने के कारण उसे पूरा जड़ तक लेने में परेशानी हो रही थी, वो बोली- जल्दी-जल्दी कर लो.. मुझे प्राब्लम हो रही है।
भाभी की आँखें विस्मय से फटी की फटी रह गई और वो थोड़ा शरमाती हुई आगे बड़ी और लंड को अपने हाथों में ले लिया। फिर उन्होंने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया, कभी लंड के शिखर को देखती थी और कभी उसको ऊपर नीचे करती थी।
'ओ माई गाड.. फिर मुझे रात में किसने चोदा.. और अगर जेठ जी मेरी बात को रोककर यह बात ना कहते.. तो मैं यही बोलने जा रही थी कि रात में मेरी चूत चोदकर फुला दिए हो तो.. अब क्यों मुँह फुलाकर घूम रहे हो.. और अगर मैं ऐसा बोल देती तो क्या होता.. यानि मेरी बुर को नायर ने चोदा.. साला बोला भी नहीं बस मेरी चूत चोदता रहा।'
मैंने रोहित से करीब पूरे हफ्ते बात नहीं की पर पूरे हफ्ते के बाद मेरा जिस्म फिर से उस सुख के लिए तड़पने लगा, मुझे अंदर से सेक्स और सम्भोग की लालसा होने लगी।
मैंने कमला की चूत में हाथ लगाया.. तो उसकी चूत गीली हो गई थी। कमला ने मेरी चूत में हाथ लगाया.. तो चूत से पानी निकल रहा था। मैंने कमला की चूत को मुँह लगाया.. तो उसकी चूत का स्वाद अच्छा लग रहा था।
वो मुझसे मिलकर बोली- सचिन मैं 2 बच्चों की माँ हूँ। मेरा पति मुझे प्यार नहीं करता.. मैं बहुत प्यासी रहती हूँ.. क्या तुम.. क्या हम कहीं ऐसी जगह मिल सकते हैं.. जहाँ सिर्फ़ हम दोनों हों?
दिल्ली से इंदौर के सफ़र में मुझे एक लड़की मिली, ठंड के कारण मैंने उसे अपने कम्बल में आने को कहा और उससे दोस्ती हो गई. बाद में मैंने उससे मिलाने का कार्यक्रम बनाया और मजे किये!
हमारे नए किरायेदार की बीवी मस्त थी. एक बार मैं घर पर अकेला था तो वो मेरा नाश्ता बनाने आई. मैंने उसे कपड़े देने के बहाने बाथरूम में बुलाया और चड्डी में खड़ा लंड दिखाया.
मैं होश खो चुकी थी और मेरी चूत में सनसनी सी हो रही थी, कीड़ा सा रेंग रहा था, हर पल मैं और कमज़ोर पड़ रही थी, होश खो रही थी कि अचानक उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरी ब्रा निकाल दी..
मैं बहुत अच्छी मालिश करता हूँ, एक बार पड़ोस वाली आन्टी ने मुझे मालिश करने के लिये कहा तो धीरे धीरे वो नंगी हो गई और हम दोनों उत्तेज्जित गए, फ़िर चुदाई तो होनी ही थी।
मैं हूँ 45 साल की गृहस्थ जीवन जी रही पति के काम सुख से वंचित औरत, मेरी स्मृतियों के झरोखों से मेरी कलम से मेरे अतीत के कुछ पन्ने पेश हैं !
पूरा लण्ड अंदर लेकर कविता आहिस्ते से मोहित के ऊपर बैठ गई और हल्के से आगे पीछे होने लगी। कुछ ही पल में मोहित का पूरा लण्ड कविता की चूत में था और कविता उसकी जमकर सवारी कर रही थी।
चुदाई के दौरान मुझ को लगा कि कम्मो की चूत सिकुड़ और खुल रही थी जैसे दूध धोने की प्रक्रिया कर रही हो, ऐसा पहले उसने कभी नहीं किया था और मुझको लगा कि यह क्रिया उसने अभी कुछ समय पहले ही सीखी होगी।
उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया, मैं कमज़ोर पड़ गई और मेरी बाँहें भी उसके चारों तरफ बँध गईं, मेरी चूचियाँ उसके चौड़े सीने में दब रही थीं और मेरी पैंटी में सुरसुराहट सी हो रही थी।
भाभी मेरे पास आकर बैठ गई.. और बोली- कोई फ़्रेंड बना रखी होगी.. उसी में मस्त रहता होगा। सच बता कि अब तक किसी के साथ कुछ.. मेरा मतलब है कि किसी के साथ सेक्स किया है?
मैंने वेसलिन ली और पिंकी की गांड में लगा दी, मैंने अपने लंड पर भी लगाई। अब पिंकी तो पेट के बल लेटी हुई थी, मैंने पिंकी की गांड में ऊँगली करी और अंदर बाहर करने लगा।
मैंने लंड को उसकी गाण्ड पर सैट करके ज़ोर लगा कर धक्का दिया जिससे लंड गाण्ड के अन्दर दाखिल हो गया 'अहह मैं मरीईई ईईई.. फट गई.. बहनचोद.. साले कुत्ते.. हरामी.. रुक ज़ाआअ.. भाई.. तुझे मेरी गाण्ड से क्या दुश्मनी है.. तू छोड़ मुझे..'
मेरे पापा की चचेरी बहन हमारे घर रहने आई हुई थी। जवानी के जोश में उसने मुझसे अपनी चूत की सील तुड़वा ली तो मैं बुआ की गांड मारने के मौके तलाशने लगा. और मौक़ा मिला भी...
दीप्ति ने मेरे पास आकर सुनील का लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। उसके मोटे लंड को पकड़ते ही मेरी चूत और भी गीली हो गई.. क्योंकि मैंने आज तक संजय के अलावा और किसी का लंड नहीं पकड़ा था।