पहाड़ी पर खूबसूरत गर्लफ्रेंड का कौमार्य भंग
गर्मी की छुट्टियों में डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर सुन्दर व मासूम चेहरे वाली रजनी के साथ सेक्स की कहानी। यह उसका पहला सेक्स था, बहुत उतावली थी वो चूत चुदाई के लिए... पढ़ कर मज़ा लीजिये।
गर्मी की छुट्टियों में डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर सुन्दर व मासूम चेहरे वाली रजनी के साथ सेक्स की कहानी। यह उसका पहला सेक्स था, बहुत उतावली थी वो चूत चुदाई के लिए... पढ़ कर मज़ा लीजिये।
मिलन की जोरदार चुदाई के बाद मै दोबारा उसे चोदने का मौक़ा ढूंढ रहा था कि एक दिन मै.न अकेला था और वो गुस्से में मेरे घर आई और मुझे थप्पड़ मारा. उसके बाद क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए!
वह कोशिश कर रहा था कि मेरी मुनिया दिखे.. मैंने भी संतोष की यह कोशिश जरा आसान कर दी। मैंने पूरी तरह सोफे पर लेटकर पैरों को चौड़ा कर दिया। मेरा ऐसा करने से मानो संतोष के लिए किसी जन्नत का दरवाजा खुल गया हो.. वह आँखें फाड़े मेरी मुनिया को देखने लगा।
उन्होंने मुस्कुराते हुए मेरी योनि के दोनों होंठों को दोनों हाथों की उंगलियों से फैला कर छेद को चूम लिया.. ऐसा लगा जैसे एक बिजली का झटका मेरी योनि से होता हुआ मेरे दिमाग में चला गया।
मैंने उतनी ही बेशर्मी से कहा- ...मुझसे मत छुपाइये... क्या आपने राज का लंड नहीं पिया... क्या आपने राज की गांड नहीं मारी... और क्या राज ने आपका लंड नहीं पिया। अगर आप लोग कर सकते हैं तो मैं और लीना एक दूसरे की चूत क्यों नहीं पी सकते?
मेरी पड़ोसन भाभी ग़ज़ब की सेक्सी हैं.. एक दिन भाभी ने मुझे बाइक से उज्जैन छोड़ कर आने को कहा। रास्ते में भाभी को पेशाब लगी तो वो झाड़ी में मूतने बैठी। मुझे उनकी चूत दिख गई।
ठीक है.. मेरी रानी.. मैं देखती हूँ.. अब तू तैयार हो जा अच्छे से.. तेरे जिस्म पर एक भी बाल नहीं होना चाहिए.. ना नीचे.. ना बगलों में.. और ये वाले ब्रा-पैन्टी पहनना नए वाले.. क्योंकि इसमें तेरी चूचियों का साइज़ अच्छा उभर कर आएगा।
बेडरूम में जाकर वोु मेरे कंधे पकड़ कर नीचे लेट गईं.. फिर मेरे गले में हाथ डालकर मुझे अपने ऊपर खींच कर किस करने लगीं। मैंने उनकी चूत की फाँक पर अपना लण्ड रगड़ा। 'अन्दर डालो न..' कहते हुए उन्होंने मेरे होंठों को हल्के से काट लिया।
मैं पति से जानबूझ कर थोड़ा गुस्सा होकर बोली- मैं यहाँ चुदने आई थी.. पर यहाँ तो परिन्दा भी नहीं है, जो मेरी चुदाई कर सके.. शायद मेरी किस्मत में आज चुदाई लिखी ही नहीं है।
इतनी मुलायम चूत शायद ही मैंने कभी जिंदगी में चखी थी। मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। वो पूरा ज़ोर लगाकर अपनी गरम चूत मेरे मुँह पर दबाए जा रही थी। मैंने भी जीभ बाहर निकाली और उसकी चूत में घुसेड़ दी।
पोस्ट ग्रेजुयेट कॉलेज में मेरी एक दोस्त थी प्रियंक, उसका फिगर 32-30-36 का एकदम मस्त, उसका रंग भी गोरा है.. कॉलेज के शुरुआत से ही वो मुझे पसंद करती थी लेकिन उसका बॉयफ्रेण्ड कोई और था.
अगले दिन मैं राजू भाई के नीचे थी.. उनका लण्ड मेरी चूत में घुसा हुआ था.. हम दोनों की साँसें तेज थीं कि मैंने देखा कि मेरी एक सहेली निशा का कॉल आ रहा था। तो मैंने फोन रिसीव किया.
उर्वशी भाभी भी आ गई बैठक में और आते ही उसने मुझको एक कसके जफ्फी मारी और एक हॉट किस भी मेरे होटों पर जड़ दी और मैं भी उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा।
मैं घबरा सी गई और पता नहीं मेरे मुँह से ऐसा क्यों निकल गया कि जल्दी कर लो.. मुझे शाम तक जाना है। इतना सुनने की देर थी कि उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना हाथ उसके हाथ पर रखा.. उसने कोई विरोध नहीं किया। इससे मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया उसने मेरा साथ दिया।
हम सहेलियों ने कुछ दिन पहले एक ब्लू फिल्म देखी थी.. उसमें दिखाया गया था कि एक लेडी बहुत देर तक मर्द के मुँह पर नंगी बैठ जाती है और शायद झड़ने के बाद ही उठ जाती है..
पुनीत ने लौड़ा चूत से बाहर निकाल लिया और पायल की चूत को फैला कर उसके दाने को उंगली से हिलाने लगा। पुनीत ने दूसरे हाथ में एक चम्मच ले ली और जैसे ही पायल का चूतरस बाहर आया.. पुनीत ने चम्मच से सारा रस ट्रे में निकाल लिया..
मेरे पति विदेश में रहते हैं, मैं शॉपिंग माल गई तो वहाँ एक लम्बे चौड़े काले अजनबी अफ्रीकन को देख कर मेरे चूत कुलबुला उठी। मैंने उससे चुदने की ठान ली। तो पढ़िए एक अफ़्रीकी से चुदाई की कहानी!
मैं और मेरा चचेरा भाई घर में अकेले थे, भाई ने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया और अब हम सुहागरात मनाने की तैयारी कर चुके थे, भाई ने पूछा कि मैं पहले चुद चुकी हूँ तो मैंने बताया कि मैं कुंवारी हूँ !
रात में भीड़ भरी ट्रेन में एक लेडी मेरे साथ खड़ी थी टॉयलेट के पास.. एक बो बार मेरा हाथ उसके मम्मों से छुआ तो उसने कुछ नहीं कहा बल्कि मुझसे बात करने लगी. मैं तो शुरू हो गया.