प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-11
धीरे-धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी मोटी जांघों के बीच आ गया, जैसे-जैसे मैं उसकी योनि के पास जो अभी भी साड़ी से छिपी हुई थी, पहुँच रहा था, रचना की तड़प बढ़ती जा रही थी और उसकी सिसकारी तेज होती जा रही थी।
धीरे-धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी मोटी जांघों के बीच आ गया, जैसे-जैसे मैं उसकी योनि के पास जो अभी भी साड़ी से छिपी हुई थी, पहुँच रहा था, रचना की तड़प बढ़ती जा रही थी और उसकी सिसकारी तेज होती जा रही थी।
मैं गाँव आया तो घूमने निकल पड़ा, गेहूँ के खेत तक पहुँचा, मुझे चरचराहट की आवाज़ सुनाई दी, कोई औरत गेहूँ काट रही थी, पीछे से गांड बहुत मोटी थी, पसन्द आ गई…
रसोई में भाभी खाना बना रही थीं, मैं बगल में ही भाभी के जिस्म से खेल रहा था। फिर भाभी ने भी अपना दाहिना हाथ मेरे पैंट में डाल दिया और मेरा लौड़ा सहलाने लगीं।
दोस्त के कहने पर मैं उसकी छोटी बहन को पढ़ाने लगा। लेकिन वो एक पटाखा माल थी और मेरी नजर उसके बदन पर रहती थी। बाद में मुझे पता चला कि वो भी मुझमें रुचि ले रही थी।
कॉलेज की एक खिलाड़ी लड़की से मेरी दोस्ती हुई और उसे मैं मूवी दिखाने ले गया। मूवी सेक्सी थी तो हम दोनों की अन्तर्वासना जागृत हो गई। आगे की बात कहानी में पढ़िए!
'अच्छा नेहा एक बात बता.. जब तू यह किताब पढ़ती है तो तुझे मन नहीं करता कि कोई तेरे साथ कुछ करे और तेरी चूत को चोद-चोद कर शांत करे.. उसकी गर्मी निकाले?'
करीब आधी रात को मैंने साथ वाले कमरे में सोई चंचल भाभी के कमरे में झाँका और यह देख कर हैरान हो गया कि भाभी अपनी साड़ी ऊपर उठा का अपनी चूत में ऊँगली मार रही थी।
मकान-मालिक भाभी का नाम है प्रिया.. वो हाउसवाइफ थी। क्या माल लगती है वो.. पूछो मत.. उसकी हाइट 5.3" और फिगर 34" के चूचे 28" कमर और 36 के चूतड़। मैं तो उसके मम्मों का दीवाना हो गया था।
मैंने कहा- जान आज तो मुझे अपना दूध पिला दे.. क्या कड़क चूचे थे साली के.. मैं उन्हें पकड़कर दबाता रहा.. संजना की आवाज़ मेरे कानों में नहीं पड़ी- बस अब छोड़ दो बहुत दर्द हो रहा है।
मेरी कहानी पढ़ कर एक शादीशुदा महिला ने मुझे मेल की, दोस्ती की। उसके पति विदेश में थे तो वो विरह की आग में जल रही थी। उसने मुझे अपने घर बुलाया।
मेरी नींद सुबह नौ बजे खुली, मैं अंगड़ाई लेते हुए उठा, रचना सो रही थी, उसका दूध जैसा जिस्म सूरज की छन कर आती हुई रोशनी में और भी चमकदार लग रहा था। अनायास ही मेरे हाथ उसके चूतड़ को सहलाने लगे।
मेरी एक सगी बहन है और एक शादीशुदा पड़ोसन जिसे मैं बहन की तरह मानता हूँ.. मुझे सेक्सी किताबें पढ़ने का शौक है. एक बार मेरी किताबें घर से गायब हो गई...
मेरे पति और उनके दो दोस्तों ने एक साथ हनीमून पर जाने का कार्यक्रम बनाया क्योंकि सबकी शादी कुछ दिनों के अन्तर से हुई थी। हनीमून पर जो गुल खिले, वो आपके सामने पेश कर रही हूँ…
एक दिन डैड ऑफिस गए हुए थे और मॉम बाजार गई थीं.. मेरी बहन दूसरे कमरे में सोई हुई थी.. मैं ऐसे ही काजल को देखने के लिए किसी बहाने उसके कमरे में गया.. उस वक्त वो अपनी पीठ के बल सोई हुई थी.. जिससे उसकी गाण्ड पूरी उघड़ी हुई दिख रही थी।
नमस्कार पाठको.. मेरा नाम दीपक है, मैं पच्चीस साल का साधारण सा दिखने वाला लड़का हूँ.. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. जिसकी कहानियाँ पढ़कर मुझे बहुत मुझे आनन्द मिलता है क्योंकि ये कहानियाँ मेरी जिंदगी से जुड़ी होती हैं इसलिए अन्तर्वासना का मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ जो हमें मौका देती है अपनी […]
वो मुझे गाली देने लगी थी अपनी चूत को मेरे मुंह से रगड़ने लगी, उसकी चूत की प्यास कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी, वो चिल्ला रही थी- ले भोसड़ी के, मेरी चूत चाट ! ले मादरचोद… चाट भोसड़ी के चाट…
मैंने मैडम की गांड को अपने हाथों में थाम रखा था तो अब वो काफी स्पीड के साथ मुझको चोद रही थी और उसकी टाइट चूत लपालप मेरे लौड़े को चूस रही थी।
पति के बॉस ने हमें होली पर अपने घर बुलाया था. पति की प्रोमोशन का सवाल था तो मैं समझ गई थी कि क्या हो सकता था. लेकिन वहाँ तो बॉस की बीवी ने मेरे पति को सम्भाल लिया.
मेरे पड़ोसी दोस्त भैया की शादी हुई, बहुत खूबसूरत भाभी आई. लेकिन भैया की शराब की आदत भाभी को खुश ना रख सकी और मेरी उनसे गहरी दोस्ती हो गई! आगे क्या हुआ?
मैं बेरहम बनकर जंगली चुदाई का मन बना चुका था। उसकी बात को अनसुना करके एक बार पूरा लण्ड निकाला और फिर से एक झटके से पूरा चूत में उतार दिया।