वासना की न खत्म होती आग -8
मैं उनके लिंग के ऊपर बैठने उठने लगी जिससे लिंग योनि में अन्दर बाहर होने लगा। मेरी पकड़ कुछ पलों के धक्कों में फिर से मजबूत हो गई और मेरी योनि भी कसने लगी।
मैं उनके लिंग के ऊपर बैठने उठने लगी जिससे लिंग योनि में अन्दर बाहर होने लगा। मेरी पकड़ कुछ पलों के धक्कों में फिर से मजबूत हो गई और मेरी योनि भी कसने लगी।
यह कहानी दो समलैंगिक लड़कों के सेक्स पर आधारित है। इसमें मैंने पहली बार सामूहिक यौन क्रीड़ा का प्रयोग किया है। अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर लिखियेगा। रंगबाज़
मेरी बहन ने बात करना छोड़ दिया तो मैंने देर से घर आना शुरू किया। बहन ने पूछा तो मैंने कह दिया कि मैं तुझसे प्यार करता हूँ, कहीं मैंने कुछ कर दिया तो?
मैं अपनी सलहज को छोड़ने जा रहा था तो रास्ते में भाभी ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा, उनके छूते ही मैंने कहा- आपका हाथ कितना गर्म है। उन्होंने कहा- तुम्हारी भाभी भी तो गर्म है।
उनका भीगा गोरा बदन और भी सेक्सी लग रहा था। फिर उन्होंने अपनी बुर के ऊपर साबुन लगाया और मसल-मसल कर साफ़ करने लगीं। बुर के ऊपर काले-काले घने बाल बहुत सेक्सी लग रहे थे..
दोनों भाभियाँ नंगी थी और रश्मि मुझे गैर मर्द से अपनी पहली चूत चुदाई की दास्तान सुनाने लगी कि कैसे उसने पड़ोस के युवा लड़के को अपना नंगा बदन दिखा कर पटाया।
मैं सोनी के बाल पकड़े और उसको दीवार से लगा दिया और फिर उसके प्यारे कोमल होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा और कभी-कभी काट भी लेता, उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा।
बेंगलुरु की एक युवती ने मेल किया, बताया कि वो मुझसे चुदना चाहती है, उसका पति एक साल के लिए अमेरिका गया हुआ है। इस कहानी में उसकी कसी चूत की चुदाई का वर्णन है।
यह कहानी मेरी एक सहेली की है जिसे पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिये अपना बदन बेचना पड़ा। उसने मुझे बताया कि एक पॉश कालोनी में एक आलीशान घर में एक औरत दलाली करती है।
मेरी हालत अब और बुरी होने लगी थी, मैं वासना के सागर में गोते लगाने लगी थी, मेरा मन पल दर पल बदल रहा था। कभी उनके झटके मेरी चीख निकाल देते और सोचने लगती 'भगवान् ये जल्दी से झड़ जाएँ'
दिल्ली की लोकल बस में सफ़र करते हुए मेरी मुलाक़ात एक खूबसूरत युवती से हुई. बार बार सामना हुआ, दोस्ती हुई और फिर एक दिन ऐसा आया कि हम तन बदन से एक दूसरे के हो गए.
मैं शुरू से ही कामुक प्रकृति का हूँ.. सेक्स को लेकर उत्सुक था। इस कहानी में मैंने बताया है कि कैसे मैंने एक पड़ोसी लड़के से अपना लंड पहली बार चुसवाया।
इन दिनों में उसके चूत इतनी बार चुद चुकी थी कि जोर से धक्का देने का कोई फ़ायदा नहीं रहा, आसानी से चूत ने गपक लिया और अब चूत और लंड की थाप सुनाई दे रही थी और दोनों के मुँह से आह-ओह आह-ओह की आवाज आ रही थी।
दोनों औरतों ने फ़ौरन अपने कपड़े उतार दिए और अपनी झांटों भरी चूतों की नुमाइश मेरे सामने लगा दी। मैंने हुक्म दिया- अब पीछे मुड़ कर दोनों अपने चूतड़ों के दर्शन करवाओ। उसके बाद एक दूसरी के मम्मों को चूसो।
मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स करना चाहता हूँ लेकिन वो कहती है कि शादी के बाद ही हम सुहागरात पर सेक्स करेंगे. ज्यादा जोर देने पर कहती है- तुम किसी दूसरी लड़की से दोस्ती कर लो और उसके साथ सेक्स कर लो, मुझे कोई ऐतराज नहीं है.
मौसम खराब था और आधे रास्ते में ही बारिश शुरु हो गई थी, छतरी के नीचे कोई लड़की खड़ी किसी की मदद पाने के लिए वहाँ बारिश में खड़ी हुई है। उसने मुझे हाथ के इशारे से रोका..
मेरी बस निकल जाने के कारण मुझे एक ट्रक में लिफ़्ट लेनी पड़ी। रास्ते में वो जंगल की तरफ़ मुड़ गये और पैसे मांगने लगे। मेरे पास पैसे नहीं थे तो मुझे अपना बदन उनके हवाले करना पड़ा।
इस कहानी में पढ़िये पड़ोस की जवान कुंवारी लड़की या अपने से छोटी उम्र की लड़की को पटाने के तरीके… जो मैंने भी इस्तेमाल किये हैं बहुत बार।
मेरी नीयत खराब होने लगी थी.. जब मैंने अपनी बहन की डायरी पढ़ी। जिसने हम दोनों के रिश्तों के मायने बदल दिए।मेरी बहन का एक नया-नया ब्वॉयफ्रेण्ड भी बना है। वो लिखती थी कि वो कैसे-कैसे एक-दूसरे के साथ शारीरिक रिश्ते बनाते थे..
मेरी बहन का एक हट्टा-कट्टा ब्वॉयफ्रेण्ड है। एक दिन घर में मम्मी-पापा नहीं थे.. तो मैंने चुपके से उन दोनों को चुदाई करते देख लिया। मैं उसका लौड़ा देख कर हैरान रह गया.. तभी से उसके लण्ड को गांड में लेने की चाह मुझमें जागने लगी।