जिस्मानी रिश्तों की चाह-54
सुबह उठ कर नीचे जाने लगा तो सीढ़ियों में आपी मिली, उन्होंने अपनी छाती प्लास्टिक के टब से छिपाई हुई थी। देखा तो उनकी कमीज भीगी थी और चूचियाँ पूरी नुमाया थी।
सुबह उठ कर नीचे जाने लगा तो सीढ़ियों में आपी मिली, उन्होंने अपनी छाती प्लास्टिक के टब से छिपाई हुई थी। देखा तो उनकी कमीज भीगी थी और चूचियाँ पूरी नुमाया थी।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको, जुलाई महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
दोपहर को सोते हुए मैंने देखा कि सिर्फ़ ब्लाऊज़ पेटिकोट में भाभी मेरी बगल में सो रही थी। मैं उनके बदन को छूने लगा, ब्लाउज़ खोल कर चूचियाँ चूसने लगा।
मेरे लंगोटिया यार का जन्म दिन आया तो मेरी मंगेतर के साथ तीनों घूमने गये। मैंने दोस्त से जन्मदिन के तोहफ़े के लिये पूछा तो उसने एक रात के लिये मेरी मंगेतर को मांग लिया…
भाभी की चचेरी बहन भी मेरे पति से चुदने को आतुर थी। वो दोअर्थी बात करने लगी। रात को मेरी सेक्सी ड्रेस देख विकास ने मुझे कावेरी के सामने ही पकड़ लिया।
आपी की चूत चूसने के साथ मैं उनकी चूत में उंगली करने लगा। फ़िर मैंने उनकी गांड में जीभ लगा दी और थोड़ी देर बाद आपी की गांड में उंगली घुसा दी तकरीबन डेढ़ इन्च…
मेरी पैन्टी मेरा बेटा ले जाता था, उसे मैंने पैन्टी पर मुठ मारते रंगे हाथ पकड़ा। उसका लंड दिखा तो सुपारे पर चमड़ी थी जो तकलीफ़ देह थी। इसका इलाज़ जरूरी था।
भाभी ने मुझे अपने बेड पर सुलाने का इन्तजाम कर लिया। दो दिन मैं उनके साथ सोया, उनके बदन को छुआ, स्खलित भी हुआ। लेकिन तीसरे दिन मु्झे भाभी की नंगी चूचियाँ मिली।
मैंने अपनी प्यारी दीदी को अपने दोस्तों से चुदवाया। उसके बाद दीदी उन्हें अपनी एक और चुदाई की कहानी सुनाने लगी कि कैसे बस स्टैंड पर उसे चार लफंगे मिले...
अस्पताल की नाइट शिफ़्ट में मेरे साथ 42 साल की महिला नर्स थी। एक बार कोई मरीज नहीं था तो मैं लेटा था, वो मेरे पास आकर लेट गई और मेरी छाती पर पैर रख दिए।
रात के तीन बजे आते ही आपी ने मुझे जगा कर नंगा किया, खुद नंगी हुई और मेरा लंड चूसने लगी। फ़िर मैंने आपी को 69 पोजिशन में करके उनकी चूत चाटी, चूत में उंगली की।
मेरी बहन नंगी होकर मुझसे मालिश करवाने लगी और हम लेस्बीयन सेक्स करने लगे। अब मैं उसे अपने पति के लिये पटाना चाह रही थी। कहानी पढ़ कर देखिये।
एक प्यारी खूबसूरत सी भाभी मुझे बस में मिली. हम बातें करने लगे तो दोनों के बीच एक अनजाना सा लगाव पैदा हो गया. बस में हमारे बीच में क्या क्या हो गया!
यह कहानी है मेरी भाभी की जब वो दुल्हन बन कर हमारे घर आई थी, मुझे बहुत अच्छी लगती थी पर मेरे मन में कोई बुरा विचार नहीं था लेकिन कैसे मेरी अन्तर्वासना उनके प्रति जागृत हुई, इस कहानी में!
चण्डीगढ़ में पूनम की चुदाई करके हम निकल पड़े और पानीपत से सोनिया को लेते हुए सुखदेव के ढाबे पर खाना खाकर चल पड़े और जयपुर में रात बिताई दोनों लड़कियों के साथ।
कॉलेज के रास्ते में मुझे रोज एक लड़की मिलती थी, बात भी होती थी। एक दिन प्यार का इजहार हो गया और वो दिन भी आया जब उसने मुझे अपने घर बुलाया। घर में क्या हुआ?
आपी ने जो किया, उससे दिखा कि आपी हमें कितना प्यार करती हैं. लेकिन रात को भी मैं इंतजार करता रहा लेकिन आपी नहीं आई तो मैं सो गया. जब मेरी गहरी नींद टूटी तो..
कावेरी बोली- जीजू आप घबराइए नहीं, मैं आपको खा नहीं जाऊँगी, हाँ चख सकती हूँ। और अब तो आप मुझे पिक्चर ले जा रहे हैं तो लाइए आपको चख कर थैंक्स बोल दूँ।
वो मूतने जाने लगी तो मैंने मैंने अपने होंठ उसकी चूत पर लगा दिए। फ़िर बाथटब में उसकी गांड में उंगली करते हुए चूत चाटी। उसके बाद उसकी गांड मारी।
नौकरानी शब्बो जब ड्राईवर से चुदवाते पकड़ी गई तो मैंने उस शुरु से आखिर तक की कहानी सुनाने को कहा। शब्बो शरमाते हुए अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाने लगी।