गाँव की कुसुम और उसकी आपबीती-2
मेरे अंदर की कामनाएँ, अन्तर्वासना जग गई, बदन में चीटियाँ से दौड़ने लगी, होश में मैं नहीं थी, दिल कह रहा था कि उनका लंड मेरी चूत में समा जाये!
मेरे अंदर की कामनाएँ, अन्तर्वासना जग गई, बदन में चीटियाँ से दौड़ने लगी, होश में मैं नहीं थी, दिल कह रहा था कि उनका लंड मेरी चूत में समा जाये!
घर के सामने वाली सेक्स पटाखा लड़की जवानी में कहर ढा रही थी। उसने मुझे अपने घर बुलाया लेकिन कहती कि कपड़ों के ऊपर से कर लो। लेकिन मैंने क्या किया, कहानी में पढ़िए।
खेत में काम कर रहे चिकने पहाड़ी लड़के की गांड देख कर उसके मालिक का लंड खड़ा हो जाता था। एक दिन वो लड़का ट्यूबवेल पर नहा रहा था तो मालिक से रुका ना गया।
जब मेरे दोस्त ने अपनी भाभी से मुझे मिलवाया तब मेरे होश उड़ गए... क़यामत… आइटम… टोटा… पीस… या आप कह सकते हैं कि साक्षात् कामदेवी का रूप हैं भाभी...
मेरी माशूका मेरे घर में आई हुई थी, हम पहली बार सेक्स करने जा रहे थे तो वह इसे सुहागरात की तरह से कर रही थी। हम दोनों पूरे नंगे थे और वो मेरे नंगे बदन से खेल रही थी।
गाँव की रहने वाली एक लड़की के जीवन में ऐसा क्या घटित हुआ जो वो अमरीका पहुँच गई और उसकी घटना एक हिन्दी सेक्स कहानी के रूप में अन्तर्वासना के पाठकों को पढ़ने को मिली.
घर के सामने वाले घर में एक लड़की मुझे पसन्द थी। वो लड़की तो मानो सेक्स पटाखा थी। उसकी उम्र 18 साल की थी और वो अपनी उठती जवानी में कहर ढा रही थी।
मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में से निकाला और कंडोम हटाकर अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसेड़ दिया और जोर-जोर से झटके लगा कर अपना सारा माल उसकी चूत में भर दिया।
जब मैं हॉस्टल से घर जाता था तो सभी मुझे बहुत प्यार करते थे, खास कर मेरी दीदी! घर में दीदी मेरे साथ साथ रहती थी। दीदी संग मेरी सेक्स कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए।
मेरी प्रेमिका प्यारी, सुलझी हुई देसी भारतीय लड़की है जो अपने ब्वॉयफ्रेंड से बेइन्तिहा प्यार करती है। मेरी ज़िंदगी के दो साल उसके साथ कैसे निकले.. मैं इस हिन्दी सेक्स कहानी में बता रहा हूँ।
अंकिता ने मुझसे बोला कि उसके अन्दर हवस की प्यास थी.. वो सिर्फ चुदाई का भूखा है.. वो मुझको चोदना चाहता था.. मुझे चोद लिया तो अब वो तुम्हें निशाना बना रहा था।
मैंने रूचि की फ्रॉक को उतार दिया, देखा तो रूचि ने सब पिंक ही पहना था ब्रा और पैंटी दोनों ही पिंक पहनी हुई थी। उसकी नाभि छोटी और गोल थी, मैं नीचे बैठ कर उसकी नाभि को चूमने लगा।
पड़ोस में लड़की घर में अकेली रह गई, उसने मुझसे दोस्ती की। एक दिन मैं उसके घर गया.. दरवाजा खुला था, आवाज़ लगाई तो बाथरूम में से आवाज़ आई- मैं नहा रही हूँ।
मैं अपनी मामी के साथ घर में अकेला था। रात को हम साथ साथ सो रहे थे कि बीच रात में मुझे उनकी नंगी टांगें दिखी। मैं रुक नहीं पाया और मैंने उनकी साड़ी सरका कर मामी की चूत सूंघी।
मैंने साबुन उसके बदन पर लगाना शुरू किया, अपने हाथों से साबुन उसकी चूचियों पर देर तक रगड़ता रहा, फिर उसकी जाँघों को सहलाया.. उसकी पैन्टी के ऊपर से चूत पर..
चुदाई किए काफ़ी दिन हो गए तो मेरी गर्लफ़्रेंड ने अपनी सहेली के घर में चूत चुदाई का जुगाड़ बनाया। हम उसके घर गए तो सहेली को देख कर उसकी चूत चोदने का मन करने लगा
मैं हॉस्टल के पास रहने वाली भाभी को नज़र में रख रहा था, मैं भाभी को चोदना चाह रहा था और लग भी रहा था कि भाभी पट जाएगी। कहानी में पढ़ें कि भाभी को कैसे चोदा।
मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड से मिलाने उसके घर ले गया. वहां उसकी छोटी बहन को देख मैं मचल गया और दोस्त से कह कर उसके साथ सेटिंग की और अगले ही दिन...
मैं दिखने में बहुत खूबसूरत हूँ, मैं जॉब की वजह से अलग शहर में रहती थी। मेरे दो यार थे, मुझे खूब चोदते थे। मैं तरक्की पाने के लिए अपने बॉस से भी चुदती थी।
मेरे दोस्त की भाभी बहुत खूबसूरत हैं, मैं भाभी के घर का एक सदस्य जैसे बन गया था। हम दोनों के बीच पहले दोस्ती फ़िर प्यार और वासना कैसे पनपी, इस कहानी में पढ़िए।