महाकुम्भ में महालंड-3
हम लोग गाड़ी मैं ही बैठे हुए सोच रहे थे कि अब जगह का जुगाड़ कैसे किया जाये.. हम लोग पेड़ों के झुरमुट में गए। वहां पर क्या हुआ, इस हिंदी सेक्स कहानी में पढ़िए।
हम लोग गाड़ी मैं ही बैठे हुए सोच रहे थे कि अब जगह का जुगाड़ कैसे किया जाये.. हम लोग पेड़ों के झुरमुट में गए। वहां पर क्या हुआ, इस हिंदी सेक्स कहानी में पढ़िए।
'बड़ी नखरे करती है? कल तक तो तूने मेरी जवानी में खूब आग भड़काई! यह बता कि कभी चूत चुदाई है किसी से?' उसने मेरी आँखों में आँखें डाल कर पूछा।
एक बार मैं अपनी गर्लफ्रेंड को चोद रहा था तो पड़ोस की भाभी ने देख लिया था, मैं भाभी से डरने लगा लेकिन एक दिन वो भाभी खुद मेरे लंड के नीचे आ गई. मेरी सेक्स कहानी में पढ़ें!
हॉस्टल के एक कमरे में दो लड़कियाँ मोनिका और रीता रहती हैं। दोनों का फ़िगर ही कयामत है। रात में हॉस्टल गैलरी में कुछ आवाजें सुनाई दीं। मोनिका अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी।
मेरी मौसेरी बहन मेरे पास सो रही थी। बीच रात में उसने मुझे छेड़ा तो मैं समझ गया। कहानी पढ़ कर देखिये कि उसने मुझे अपने घर बुला कर कैसे अपनी चूत की सील तुड़वाई।
मर्द बिना कपड़ों के, वो भी हज़ारों और एक से बढ़कर एक, वो भी चड्डी में नहाते हुए, हज़ारो लंड और मैं फिर भी प्यासा! लंड को मैं अपने होंटों से भी छू चुका था लेकिन अभी तक मुझे लंड मिला नहीं था।
मैं एक देसी लड़की जवानी में कदम रखते ही अपनी चूचियों और चूत में अजीब सा खिंचाव महसूस करने लगी थी क्योंकि मैं अपने मम्मी पापा की चुदाई देख देख कर बड़ी हुई थी।
कॉलेज में अपनी क्लास की एक लड़की से मुझे प्यार हो गया लेकिन उससे इजहार नहीं कर पाया। कहानी पढ़ कर देखें कि कैसे उसने मेरे मन की बात जानी और मेरे प्रेम को स्वीकार किया।
मेरी जान निकल रही थी और मेरे पति भी पसीना पसीना हो गये। मैं बोल पड़ी अपने पति देव से- बहन के लंड… तूने ही डाला था… अब तू ही निकाल इसे! वरना मैं मर जाऊँगी।
मैं घर पर अकेला था, ब्लू-फिल्म देख रहा था। हमारी किरायेदार आन्टी को पता चल गया और वो मुझे ब्लैकमेल करने लगी, कहने लगी कि मेरी बात मान, नहीं तो!
दिल्ली मेट्रो में सफ़र करते वक्त एक सुन्दर लड़की मेरी दोस्त बन गई। एक शाम हम दोनों मेट्रो में थे, तेज बारिश के कारण मेट्रो में कुछ खराबी आ गई थी। वो मुझे अपने घर ले गई।
पानी में काफी भीड़ होती थी और किसी को ज्यादा ध्यान नहीं होता था, सब लोग चड्डी में ही होते थे, मैं उनके लंड के उभार को देखता जिसमें गीली हो चुकी चड्डी में लंड का शेप साफ दिखाई देता था।
पड़ोस की एक लड़की को पटा तो लिया लेकिन वो सेक्स के लिए नहीं मान रही थी। तो मैंने उसकी एक सहेली से दोस्ती की और उसे उसकी सहेली को सेक्स के लिए राजी करने को कहा।
यह बात अजीब है.. पर सच है कि मेरा पहला अनुभव मेरे भाई के साथ ही हुआ जब हमारे मॉम-डैड घर से बाहर किसी शादी में गए थे। उसने मुझे मेरे बॉयफ़्रेंड के साथ देख लिया था।
बरसात के मौसम में मेरा दोस्त बोला कि बाग में जामुन खाने चलते हैं। हम चले गए। तभी बारिश हो गई। कहानी पढ़ कर देखिए कि हमने कौन से जामुन खाए!
वो बिल्कुल परी सी लग रही थी, एकदम बढ़िया फिगर में थी और उसके बाल पीठ तक खुले थे। दिखने में गोरे रंग की थी। उस लड़की को देखकर मेरे बदन में कुछ कुछ हो रहा था।
पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मेरी हवस फिर जाग उठी और उन्हें मैंने कहा- प्लीज और चोदो ना… चाहे मुझे कितना भी दर्द हो, कितनी भी जलन हो, कितना भी रोकूँ, मत रुकना, आज तुम पूरे वहशी बन जाओ।
बिजनेस में व्यस्त पुरुष जो अपने घर में सिवाये पैसे के कुछ नहीं दे पाता, उसकी पत्नी होने का दर्द मैंने देखा एक ऐसी की महिला के दिल में जिसने कुछ पल सुख के पाने के लिए खुद को मुझे अर्पित कर दिया।
मेरे पति एक नई बात कहते हैं ग्रुप सेक्स करेंगे। हालाँकि मैंने सुना है विदेशों में तो आम बात है, पर कहाँ तो ऐसा कपल मिलेगा और अनजान मर्द से कैसे मैं सेक्स कर सकती हूँ।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको, सितम्बर महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…