शीला का शील-11
दोनों बहनें साथ ही चाचा के कमरे में पहुंची थीं जहां चाचा अपना स्थूलकाय लिंग पाजामे से बाहर निकाले दरवाज़े की तरफ देख रहा था। 'आज करें क्या चाचा के साथ?'
दोनों बहनें साथ ही चाचा के कमरे में पहुंची थीं जहां चाचा अपना स्थूलकाय लिंग पाजामे से बाहर निकाले दरवाज़े की तरफ देख रहा था। 'आज करें क्या चाचा के साथ?'
इस कहानी में वो है समाज में जिसका मज़ाक उड़ाया जाता है, जिसके यार-दोस्त उस पर हंसते हैं.. क्योंकि वो आम लड़कों जैसा नहीं है.. उसके हाव-भाव लड़कियों जैसे हैं।
मेरी पत्नी को जब भी चुदना होता था तो कैसे न कैसे मुझे चुदाई के लिए मना ही लेती थी, और जब मूड नहीं होता था तब भी मेरे लिये बहुत खुश होकर उछल उछल कर बिल्कुल छिनाल की तरह चुदती थी।
दीदी की विदाई के बाद मुझे नींद आने लगी। मैं सोने के लिये अन्दर गया तो एक लडकी भी सोने की जगह तलाश रही थी। हम दोनों जैसे कैसे लेट गये पर ठण्ड लग रही थी और लड़की साथ में थी।
नाना जी नानी की टांगों के बीच हाथ डालकर सहला रहे थे। करीब दस मिनट के बाद नाना बा के ऊपर चढ़ गए और अपने लंड को बा की चूत में घुसाने लगे।
सविता भाभी एक शाम अपने पति अशोक के साथ आराम से बैठ कर टीवी देख रही थीं कि उसके चचेरे भाई का फोन आया, वो आ रहा था. भाभी को याद आया कि कैसे उस भी ने सविता की कुंवारी चूत चोदी थी.
दिमाग में भरे हुए इस कचरे को निकाल फेंको कि हम कोई सामाजिक मर्यादा या वर्जना तोड़ रहे हैं। हम वे विकल्पहीन औरतें हैं जिनके पास चुनने के लिये कुछ है ही नहीं।
मुझे एक पल भी नहीं लगा कि तूने मुझे सेक्स के इंटेन्शन से किया हो मुझे यूज किया हो.. बस ऐसा फील हुआ कि तू मुझे प्यार कर रहा है और मैं भी तेरा साथ देती गई।
मन में यह डर भी है कि जब मेरी शादी होगी तो उसके बाद क्या होगा? और कैसे मैं अपनी पत्नी को खुश रख पाऊँगा? मैं अपनी बीवी के साथ सम्भोग कर भी पाऊंगा या नहीं?
पूजा की मस्त चुदाई के बाद उसकी गांड मारने का मूड बन गया था। मैंने कामोत्तेजक गोली खा कर उसकी आज रात को गांड कैसे मारी, पढ़िए इस भाग में!
मैं यह अनुभव से कह सकती हूँ कि अगर पति पत्नी दोनों की स्वीकृति हो तो ग्रुप सेक्स या पार्टनर्स बीवियाँ और पति बदल कर सेक्स दुनिया की सबसे आनन्ददायक चीज़ है।
सविता भाभी अपने पति के साथ उसके दफ्तर की एक साथी लता के घर खाने पर गए. सविता वहाँ बोर हो रही थी कि सविता की नजर लता के पति पर पड़ी. उसे मौक़ा मिल गया.
जब एक बार गाड़ी ठीक रफ़्तार में दौड़ पड़ी तो उसे उस सुख की अनुभूति हुई जिसके लिये वह तड़प रही थी, जिसके लिये उसने वर्जनाओं को ठोकर मारी थी।
मैं मुम्बई में मॉडलिंग करता हूँ। मेरे पड़ोस में एक शादीशुदा जोड़ा रहता था। भाभी कमाल की खूबसूरत थी। कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी दोस्ती भाभी से हुई और मौज की।
मेरे बुआ जी के लड़के की सुहागरात की थी, भैया काफ़ी खुश थे और हो भी क्यों ना.. आज उनको चूत जो मिलने वाली थी और वो एक कुंवारी लड़की को सुहागिन बनाने वाले थे।
कावेरी जब से नीता के पास से आई थी, उसकी चुदास बहुत बढ़ गई थी... उसे ग्रुप सेक्स का चस्का लग चुका था, वो अपनी सहेली के सेक्स क्लब में शामिल होना चाहती थी.
सविता भाभी वीकएंड में खुद को काफी बोर महसूस कर रही थीं, उनका किसी काम में मन नहीं लग रहा था। कि खिड़की के शीशे को तोड़ते हुए एक गेंद कमरे में अन्दर आई।
वह भी खुद को उसी मनःस्थिति में पा रही थी कि जल्दी से सब हो जाये, सोनू एकदम योनि में अपना लिंग घुसा दे और इतने धक्के लगाये कि उसकी बरसों की चाह पूरी हो जाये।
हिन्दी सेक्स स्टोरी की शौकीन एक पाठिका के आग्रह पर मैं पहली बार की गांड चुदाई की कहानी लिख रही हूँ। शादी की दूसरी सालगिरह की रात मेरे पति ने मेरी गांड मारी।
मम्मी-पापा कुछ दिनों के लिए गाँव गए हुए थे, आंटी ने मुझे गर्लफ़्रेंड से बात करते सुन लिया। आंटी मुझसे पूछने लगी कि मैंने कभी गर्लफ़्रेंड के साथ सेक्स किया है।