मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-16
मुझे तो सलोनी की पहली चुदाई की गाथा सुनने में रुचि थी कि कैसे उस के अंकल ने कमसिन सलोनी को गर्म किया होगा और फ़िर कैसे चुदाई शुरू की होगी।
मुझे तो सलोनी की पहली चुदाई की गाथा सुनने में रुचि थी कि कैसे उस के अंकल ने कमसिन सलोनी को गर्म किया होगा और फ़िर कैसे चुदाई शुरू की होगी।
मैंने आपी के कूल्हों में अपने लण्ड को ज़रा और दबाया.. तो उन्होंने मेरे लण्ड के दबाव से बचने के लिए अपने कूल्हों को दायें बायें हरकत दी तो उसका असर उलटा ही हुआ और मेरा लण्ड आपी के कूल्हों की दरार में मुकम्मल फिट हो गया।
ऐशुरानी बहुत कसमसा रही थी, उसका सुन्दर मुखड़ा तीव्र कामावेग में लाल हो गया था, माथे पे पसीने की बूंदें छलक आई थीं, उसके नाखून मेरी पीठ पे गड़े जा रहे थे और वह बार बार सी सी कर रही थी।
रेनू की चूत तो शायद तभी गीली होना शुरू हो गई थी जब वो शावर लेने जा रही थी। उसके गीले बदन पर चिपक कर फिसलने का लुफ्त एक अनोखा अनुभव था।
मैंने उसकी दोनों टांगों को अलग किया, उसकी जाँघों के बीच आकर बैठ गया और चूत की दोनों फांकों को अलग किया और देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, बिल्कुल क्लीन की हुई जवान चूत थी उसकी।
मैं कमर तक पूरी नंगी अंकल के सामने लेटी थी, उन्होंने मेरी दोनों चूचियों को देखा और मुस्कुराए- इतनी सुन्दर चूची हैं… इन पर निशान पड़ गए ना…
मैं खाना खाते-खाते नज़र उठा कर आपी के सीने के उभारों और पूरे जिस्म को भी देख लेता था। आपी ने मेरी नजरों को महसूस कर लिया था, लड़कियों की सिक्स सेंस्थ इस मामले में बहुत तेज होती है।
मैंने सोचा कि सबसे पहले एक बार इस अनचुदी कुंवारी कमसिन बुर को चूसने का आनन्द तो उठा लूँ, थोड़ी देर चूस लेता हूँ। थोड़ा स्वाद चख लेता हूँ फिर इसको फाडूंगा।
हमने एक-दूजे को बाँहों में लेकर लिप किस किया, कि तभी हमने बाहर किसी की आहट सुनी। मैंने देखा तो उसकी पड़ोस की भाभी हमें देख रही थीं और सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत को रगड़ रही थीं।
बसंती धीरे धीरे अपने कपड़े उतार रही थी, पहले अपनी धोती और ब्लाउज उतार दिया और फिर पेटीकोट का नाड़ा खींच कर खोल दिया। बसंती कच्ची कली का शरीर एकदम साँचे में ढला हुआ था।
पहले तो मुझे शर्म आई यह पहली बार कोई मर्द मेरी पैंटी उतार रहा था तो मैंने हल्का सा विरोध किया पर अंकल को जैसे कोई फर्क नहीं पड़ा, उन्होंने मेरी पैन्टी पूरी नीचे को सरका कर मेरे पाँव से बाहर निकाल दी।
अपनी बहन के सीने के दोनों उभारों को अपने दोनों हाथों में दबोचा और आपी की चूत पर अपना मुँह रखते हुए उनकी चूत के दाने को पूरी ताक़त से अपने होंठों में दबा लिया और चूस लिया।
ऐशु रानी एक टक ये सब नज़ारा देखे जा रही थी। चुदाई होते देख और रीना रानी की आनन्द से पुलकित आवाज़ें सुन कर वो भी बहुत ज़्यादा गरमा चुकी थी, उसके माथे पर पसीने की बूँदें चमकने लगी थीं।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको, जून महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
मीना बोली- हाँ एक बार मेरे घर पर ही पार्टी हुई थी। तब तीन दोस्तों ने राकेश की गांड मारी थी। इसके बाद से राकेश उसकी गांड ही मारते हैं। रवि ने हल्के से मीना को सहारा दिया और अपनी गोदी में खींच लिया।
अंकल जब भी आते थे मेरे बदन के अंगों के साथ छेड़छाड़ करते थे और उनकी कोई भी छेड़छाड़ मुझे अच्छी ही लगती थी। धीरे धीरे उनकी हरकतें बढ़ने लगी।
आपी का जिस्म… कमर से थोड़ा नीचे से साइड्स से उनकी कूल्हे बाहर की तरफ निकलना शुरू हो जाते थे और एक खूबसूरत गोलाई बनाते हुए रानों की शुरुआत पर वो गोलाई खत्म हो जाती थी।
नंगी वो हो तो गई मगर बहुत ज़्यादा डरी हुई थी कि ना जाने क्या हो जायेगा और शर्म से लाल लाल हुई पड़ी थी। मैंने उसकी चूचियाँ चूसना शुरू किया तो वो भी मज़ा लेने लगी।
यह कहानी मेरी भाभी और मेरी है. भाई की व्यस्तता ने भाभी को मेरे करीब ला दिया. मैं भी उनके साथ कुछ मस्ती के ख़्वाब लेने लगा. मुझे पता नहीं था कि मेरी भाभी भी कुछ ऐसा ही सोच रही थी।
सर्दी मे सुबह सुबह जयपुर जाते समय बस में मेरे बगल में एक सुन्दर लड़की बैठी। मैंने चादर निकाली तो उसने भी मुझसे पूछ कर मेरे साथ चादर औढ़ ली। मैंने ट्राई मारने की सोची।