बहन की सहेली संग दोस्ती और चुदाई
मेरे पड़ोस में रहने वाली अवनी मेरी बहन की सहेली थी। वो मुझे चाहती थी। इस कहानी में पढ़ें कि कैसे उसने पहल करके मुझसे दोस्ती की फ़िर अपनी चूत और गांड चुदवाई!
मेरे पड़ोस में रहने वाली अवनी मेरी बहन की सहेली थी। वो मुझे चाहती थी। इस कहानी में पढ़ें कि कैसे उसने पहल करके मुझसे दोस्ती की फ़िर अपनी चूत और गांड चुदवाई!
आपी आज भी सिर्फ़ गाउन में थीं और हालात कल शाम वाले ही थे। मैंने आपी के मम्मों पर एक भरपूर नज़र डाली और ठंडी आह भरते हुए टेबल से उठ खड़ा हुआ।
मैंने शादी से पहले कभी सेक्स नहीं किया था और मेरी पत्नी भी सेक्स के मामले में बिल्कुल अनाड़ी थी। सुहागरात को मैं अपने कमरे में गया.. मेरी नई-नवेली दुल्हन शादी के जोड़े में बहुत खूबसूरत लग रही थी।
सामने देखा तो एक लड़की खड़ी थी, वो भी मुझे देखने लग गई.. मैंने सोचा हो सकता है शायद आज चोदने को माल मिल जाए, मैं उसको आशा भरी निगाहों से देखता रहा.. शायद उसको भी पता चल गया था कि मैं उसको देख रहा हूँ।
मौसा के आने के पहले मौसी नहाने चली गईं.. क्योंकि आज रात को चूत लंड की लड़ाई होने वाली थी। उसके बाद वो पूरी शिद्दत से चुदने के हिसाब से तैयार हुईं और नेट की हल्की और पारदर्शी साड़ी पहनकर मौसा का लंड लेने के लिए तैयार हो गईं।
वो आंटी थीं बड़ी सेक्सी.. गोरा रंग.. चूचे एकदम कड़क और गोल उठा हुआ पिछवाड़ा था। उसका नाम शामली था.. वो कोई रंडी नहीं थी.. पर उसे नए-नए मर्दों की चाहत रहती थी.. वो पैसे भी नहीं लेती थी।
चाची सो गई पर मेरी आँखों से नींद गायब थी। मैं तो उनको चोदने का मौका खोज रहा था। फिर मुझे एक शरारत सूझी, मैंने चाची के बायें हाथ को सहलाना शुरू कर दिया कि अगर बुरा लगेगा तो डांटेंगी।
मैंने अपने हाथ से अपने लण्ड को पकड़ा और आहिस्तगी से सहलाते हुए उठ बैठा और आपी को कहा- मैं आपके दूध बगैर कपड़ों के नंगे देखना चाहता हूँ..
एक दिन मैंने उससे बोला- मैं आपको किस करना चाहता हूँ। वो मना करने लगी.. पर मेरी रिक्वेस्ट करने पर उसने मुझे किस कर दिया और मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिए।
फिर उसकी साड़ी उतार दी और ज्यों ही साया खोलने के लिए हाथ बढ़ाया.. उन्होंने मना कर दिया और बोलीं- ये मत खोलो.. अगर मेरी सास आ जाएगी.. तो गड़बड़ हो जाएगी।
मैं अपनी मौसी के भरे जवान और प्यासे जिस्म से बहुत आकर्षित हो गया था और उनके साथ कुछ शारीरिक सम्बन्ध बनाने का प्रयास करने लगा
मैंने अपनी बहन को लंड पकड़ने को कहा तो वो मना करने लगी लेकिन फ़िर पकड़ लिया, कहने लगी कि अब तुम क्या करना चाहते हो। वो भी चाह रही थी पर डर रही थी।
पति देव नर्म पड़ गए थे, काम में व्यस्त… मैं घर में बैठी, यही सोचती कि वो पहले वाला दमखम दिखायें लेकिन नहीं… चूत की चुदास के चक्कर में मैं पास के मॉल में गई।
आपी का अबया उनके घुटनों तक उठा.. तो मुझे हैरत का एक शदीद झटका लगा। आपी ने अबाए के अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था.. मतलब आपी अबाए के अन्दर बिल्कुल नंगी थीं।
उस वक्त रात के दस बज चुके थे, उसने कहा- चलो घर चलकर बात करते हैं। मैं समझ गया कि आज इसका शिकार करने का मूड है.. सो मैं उसके साथ हो लिया।
मैं ट्यूशन पढ़ने जाता था तो मैडम के मम्मों को घूरता था। उसे भी पता था कि मैं उसके मम्मे देखता हूँ एक दिन वो अकेली थी घर में तोक्या हुआ… इस कहानी में पढ़िये!
मेरी बहन की अन्तर्वासना मेरी चूमा चाटी से जागृत होने लगी तो मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसकी ब्रा के कप उसके स्तनों से ऐसे उठाए जैसे ढक्कन खोला हो!
असल बात तो यह थी कि रीना तो खेली खाई लड़की थी और सब कुछ जानती थी। रीना को पता था कि उसकी चूत की सील नहीं बल्कि प्रवीण के लंड का टांका टूटा है।
मैंने उसको अपनी टांगों के बीच में बैठने के लिए कहा और उसके लण्ड को हाथ से पकड़ कर अपनी चूत के मुंह पर रख कर ज़ोर का धक्का मारने को कहा और उसने वैसे ही किया।
मेरी बड़ी बहन.. मेरी आपी.. अपने राईट हैण्ड से की बोर्ड को कंट्रोल कर रही थीं और लेफ्ट हैण्ड की 2 उंगलियों से उन्होंने अपने लेफ्ट मम्मे के निप्पल को पकड़ रखा था और उसे चुटकी में मसल रही थीं।