गर्लफ्रेंड के बिना उसकी सहेलियों संग थ्री-सम –4
प्रियंका मजे से उसको उकसाने लगी- क्यों.. जीजू की साली.. बहुत चुदने का मन था न... ले अब मजे ले जीजू के लौड़े के झटके खा.. आज पूरी रात तेरी चूत और गाण्ड की बैंड बजेगी..
प्रियंका मजे से उसको उकसाने लगी- क्यों.. जीजू की साली.. बहुत चुदने का मन था न... ले अब मजे ले जीजू के लौड़े के झटके खा.. आज पूरी रात तेरी चूत और गाण्ड की बैंड बजेगी..
कोमल मुस्कुराती हुई पुनीत के पास गई और उसके लौड़े को सहलाने लगी। इस बार वो सोया हुआ था.. कोमल ने उसका लण्ड बाहर निकाल दिया और बड़े प्यार से उसको चूसने लग गई..
नीता बोली- भाभी, इसमें तो ऐसा लग रहा है जैसे उनके सामने हम लोग बिना कपड़ों के ही हैं। मधु बोली- यही तो रिझाने की कला है, थोड़ा दिखाओ थोड़ा छुपाओ, थोड़ा दिखा के छुपाओ थोड़ा छुपा के दिखाओ।
मेरे एक प्रशंसक से मुझे प्यार सा हो गया, मैंने कई बार इसे सेक्स के लिए उकसाया मगर वो यह जानते हुए भी कि मैं शादीशुदा हूँ, कहता कि तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊँगा शादी के बाद...
हमारी मुलाकात एक इंस्टिट्यूट में हुई थी और पहली नज़र में ही शाज़िया मुझे पसंद आ गई थी। बस मैंने देर ना करते हुए उसे प्रपोज कर ही दिया.. मगर उसकी तरफ से पहला जबाव नहीं आया।
नौकरी की तलाश से हताश सड़क किनारे बैठा मैं अपने गले में रूमाल डाल कर सोचने लगा कि अब आगे क्या करना है। तभी एक डस्टर कार मेरे सामने आ कर रुकी और देखा कि कोई 31-32 साल की शादी-शुदा युवती थी।
जिस रात मेरे भैया नहीं रहते.. मैं सारी रात भाभी के साथ होता हूँ और उन्हें चोदता हूँ। मेरा और मेरी भाभी का कमरा एकदम अगल-बगल में है। मेरे पापा-मम्मी का कमरा थोड़ा हट कर है..
अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी के बारे में मेरे दोस्त मुझे बताते थे.. वो मेरे कमरे में मैं दिव्या को बताता था। मैं अपना काम पूरा करता.. तब तक वो इन्तजार करती थी.. मतलब सोती नहीं थी।
पायल बड़े प्यार से लौड़े को चाटने लगी.. सुपारे को धीरे-धीरे मुँह में लेने लगी। बस 5 मिनट में ही पायल पूरा लौड़ा ‘गपागप’ मुँह में लेकर चूसने लगी। साथ ही साथ आंडों को भी हाथ से सहला रही थी।
उसका सर मेरे सीने पर था और बालों से उसका चेहरा ढका हुआ था। मैंने जैसे ही उसके बाल उसके चेहरे से हटाये तो उसने अपना चेहरा उठा कर मेरी तरफ किया, मेरे और उसके होंठ आमने सामने थे।
अभी मैं खड़ा था और वो घुटनों के बल बैठ कर मेरा लण्ड चूस रही थीं। तभी मैंने देखा कि दरवाजा खुला है और मम्मी हम दोनों को देख कर हँस रही थीं। मैंने भी मम्मी को देख कर इशारा किया कि आपको भी चूसना हो तो आ जाओ।
मैंने सुश्री को नीचे बिछे को गद्दे पर लिटाया और झट से उसकी चौड़ी जांघों में बैठ कर अपने लंड को उसकी बुरी तरह से पनियाई चूत के द्वार पर रख कर पहला धक्का मारा.
आज की यह कहानी प्रकृति द्वारा बनाई गई उस खूबसूरत प्रजाति की है जिसे हम पुरुष कहते हैं.. इसकी मैं जितनी भी तारीफ करूँ, हमेशा कम लगती है। मैं तो अपनी मर्द जाति का दीवाना हूँ..
नीता के कपड़े भी थोड़े से गीले हो गए पर बेचारी कुछ एक महीने से प्यासी थी इसलिए उसे उस समय कुछ समझ नहीं आ रहा था और वो इस आज़ादी और अपने चुम्बन का रस ले रही थी।
ले भाई दूल्हा आ गया.. अब होगी असली सुहागरात तेरी बहन की.. हा हा हा हा.. भाई अर्जुन ये टीवी पर हमें चुदाई देखनी है.. ज़रा स्टाइल से करना ताकि हमारा मज़ा दुगुना हो जाए..
उसने मेरे पैंट का बटन खोल दिया। उसकी साँसें तेज हो रही थीं और उसकी चूचियाँ फूलने लगी थीं। उसने जैसे ही अन्दर हाथ डाला और मेरा साढ़े आठ इंच का लौड़ा.. उसके हाथ में आया.. तो उसके चेहरे पर एक चमक और एक अजीब सी ख़ुशी थी।
हाँ जीजू.. उस दिन आपके लण्ड को देखकर मेरा हाल बेहाल हो गया था.. और जब आपका चुदाई वाला वीडियो देखा.. तो मेरे अन्दर की अन्तर्वासना ने जवाब ही दे दिया.. और देखो अब आपके लण्ड की सैर कर रही हूँ।
सन्नी- तू कौन सी कुँवारी है... तेरी चूत तो खुली हुई है.. अब यह नाटक बन्द कर और पनी चूत चुदाई का मज़ा ले। पायल समझ गई कि सन्नी को पता लग गया है..
उसने बताया कि खासकर जब लड़के मुझे देखते हैं तो उनकी नज़रों में मुझे मेरे लिए वासना दिखती है लेकिन जब मैंने तुम्हें देखा तो मुझे ऐसा बिलकुल भी नहीं लगा, मुझे लगा, हो सकता है यह मेरा वहम हो!
अब तक आपने पढ़ा.. प्रियंका ने सुरभि को बताया- जब मुझसे उन दोनों की गरम चुदाई देख कर कंट्रोल नहीं हुआ.. तो इसी वीडियो को दिखाकर उनको ब्लैकमेल करके थ्री-सम कर लिया। सुरभि- क्या सच में.. तूने मजे ले लिए.. कमीनी.. एक बार भी बताना नहीं हुआ तुझसे? मैं उस दिन से वो नजारा याद […]