नीलम चाची की चुदाई के लिए कभी ना कभी हाँ -1
मैं नीलम चाची को घूरता रहता था, मेरी नज़र कभी उनके चूचों की घाटी.. साड़ी के पल्लू के बीच में से उनकी नाभि.. या फिर उनके उठे हुए चूतड़ों पर टिकी ही रहती थी। मैं उनके हुस्न के ख़यालों में खो जाता..
मैं नीलम चाची को घूरता रहता था, मेरी नज़र कभी उनके चूचों की घाटी.. साड़ी के पल्लू के बीच में से उनकी नाभि.. या फिर उनके उठे हुए चूतड़ों पर टिकी ही रहती थी। मैं उनके हुस्न के ख़यालों में खो जाता..
अम्मी के साथ-साथ मेरी चूत को भी लण्ड की ज़रूरत सताने लगी थी, मैंने बेअदबी के साथ अम्मी से कह दिया- मुझे भी वही चाहिए.. जो तुम रात को अपनी चूत में डलवाती हो।
वो तड़प रही थी, बोल रही थी- बहुत दिनों की प्यासी हूँ, आज मेरी प्यास बुझा दो, इनको तो काम से ही फ़ुर्सत नहीं, रात को लेट आते हैं और सबेरे जल्दी चले जाते हैं।
जुबैदा मेरी भाभी लगती हैं दूर के रिश्ते में, भाईजान यानि उनके शौहर कई बार टूअर पर बाहर जाते हैं तो भाभी अक्सर मुझे मौज-मस्ती के लिये बुला लेती हैं, उनके घर में और कोई नहीं है तो कोई दिक्कत नहीं होती।
'हाँ है तो.. और ये तुम्हें लण्ड जैसे शब्द क्यों बोल रहे हो.. तुम्हें शर्म नहीं आती.. मैडम के सामने ऐसे शब्द बोल रहे हो?' अवि- सॉरी मैडम.. गलती हो गई..
नीता बाहर गेट पे खड़ी हो गई मधु पूरी नंगी दौड़ती हुई पहले बाथरूम की तरफ गई जो सेकंड AC के डिब्बे की तरफ था और भागकर दूसरी और आई जिस तरफ से बोगी बन्द होती है।
अपनी मामी, मासी, चाची, बुआ और उनकी लड़कियों के चूचे तो मैंने दबा कर देखे ही थे। एक दो रिश्तेदारों की चूत भी देखी थी। मगर किसी सोई हुई लड़की या औरत की चूत को छूना खतरे से खाली नहीं होता।
अम्मी ने एक बार नीचे उनके लण्ड को देखा और अपनी चड्डी से ढकी चूत उनके लण्ड से टकरा दी। अब वो अपनी चूत वाला भाग लण्ड पर दबा रही थीं।
यह कहानी मेरे और मेरी एक कम्प्यूटर ठीक कराने वाली ग्राहक के बारे में है, कैसे हमारी पहली मुलाकात ने हमारे बीच अन्तर्वासना जगाई और हम एक दूसरे में समाहित हो गए।
किताब न्यूज पेपर से कवर की हुई थी पर पंखे की स्पीड ज्यादा होने से कुछ पन्ने पलट गए। जब मेरी नजर उस किताब पर पड़ी.. तो उसमें लड़कियों की नंगी फोटो बनी थीं।
मैंने शादी से पहले अनगिनत लण्डों को देखा है। उसमें मेरे भाई, पापा, चाचा और भी कई लोग आते हैं। मैंने बाथरूम के रोशनदान में एक छेद ढूंढ लिया था जिसमें से मैं इन सभी को देख लेती थी।
मामा के घर में मौसेरी बहन की कुंवारी रसीली चूत को चोदने का मज़ा मैंने लिया, उसे कैसे पटाया मैंने, फिर कैसे चोदा, इस कहानी में पढ़ कर बहन की चूत चुदाई का मज़ा लीजिए !
मैं मामा के घर गया, वहाँ मामी व उनकी बेटी थी। मैं अपनी बहन से बात करने लगा। मेरे मन को बहन की जवानी विचलित कर रही थी। हिम्मत करके मैंने उसे चुम्बन के लिए कह दिया।
मेरी नंगी चूत भीगी हुई थी, चूत पर एक भी बाल नहीं था.. हल्का सा रोंया ही आया था। मेरी चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी। अंकल ने मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
कण्ट्रोल तो मुझ से भी नहीं हो रहा था, मैं उठा और उसकी टाँगें चौड़ी करके बीच में बैठ कर जब मैंने मेरे लंड का लाल लाल सुपाड़ा उसकी चूत पर टिकाया तो उसने मुझे रोका।
डीजे ने नीता को गोद में उठाया जैसे दो साल की बच्ची को उठाता है और उसे सोफे पर बैठा दिया। फिर कालू जैसे स्ट्रिप टीज़र करते है वैसे अपने जीन्स का बटन खोलने लगा
मैंने मैडम के घर पहुँच कर का गेट खटखटाया.. थोड़ी देर बाद मैडम ने दरवाजा खोल दिया। इस वक्त मैडम एक नाइटी में थीं। मैडम के आम लटक रहे थे..
मुझे लड़कियों से ज्यादा 35+ के मर्द ज्यादा भाते हैं। उनका शरीर, डील-डौल, मरदाना आवाज मुझे बहुत अच्छी लगती है। ऐसा नहीं है कि मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है, मेरी दो गर्ल फ्रेंड हैं!
अंकल ने मुझे मुँह के बल बिस्तर पर लिटा लिया और मेरे ऊपर लेट मेरी जालीदार कुर्ती की ज़िप खोल कर मेरी पीठ पर चुम्बन करने लगे। मैं चुपचाप सिसकारियाँ भर रही थी।
अपनी चूत पर मेरे मोटे लंड का एहसास करके मीनाक्षी घबरा रही थी, उसकी घबराहट को दूर करने के लिए मैं मीनाक्षी के ऊपर लेट गया और कभी उसके होंठ तो कभी उसकी चूची को चूसने लगा।