भाई ने मेरी गांड का उदघाटन किया-1
यह कहानी मेरे और मेरे भाई के बीच की है। भाई अक्सर मेरी चूत चोदता था. एक बार हम दोनों अकेले थे तो उसने मुझे गर्म कर दिया और गांड मारने की बात करने लगा.
यह कहानी मेरे और मेरे भाई के बीच की है। भाई अक्सर मेरी चूत चोदता था. एक बार हम दोनों अकेले थे तो उसने मुझे गर्म कर दिया और गांड मारने की बात करने लगा.
पोर्न स्टोरी का पहला भाग : लेस्बो मकान-मालकिन की चूत की प्यास-1 पोर्न स्टोरी का दूसरा भाग : लेस्बो मकान-मालकिन की चूत की प्यास-2 किरण बोली- बहुत दिनों से मेरी चूत लण्ड के लिए तड़प रही है.. इसलिए मैं पूजा के साथ लेस्बियन करती हूँ.. और अपनी चूत की गर्मी शान्त करती हूँ। मैं बोला- […]
मुझे लड़कों में रुचि है, मेरी मौसी के लड़के की शादी में उसके एक दोस्त, जो बांका जवान था, पर मेरी नजर टिक गई, मेरा मन उसका लण्ड लेने को करने लगा.
दोस्तो.. ये मेरी डायरी के कुछ पन्ने थे जो मैंने अपनी कामवासना के चलते आज फिर खोल लिए थे.. इसमें मेरी बीवी और मेरे दोस्त के साथ हम तीनों की चुदास का वर्णन लिखा है.. उसे पढ़ कर आप सब को सुना रहा हूँ.. आनन्द लीजिए।
यह कहानी मुम्बई में मिली एक भाभी की है जब मैं वहाँ अपने मामा मामी के घर गया था। वो मामी की सहेली थी, हमारी दोस्ती हो गई, उसके बाद तो वो खुद ही मेरे नीचे आ गई…
मामा के घर ममेरे भाई की बीवी मस्त माल थी। भाई अक्सर बाहर रहते हैं तो भाभी घर में अकेली रहती हैं। मैंने भाभी को पटाने की सोची और उनसे बातें करने लगा तो भाभी ने ही पहल कर दी।
वो बोली- पूजा ने भी तुम्हारा लण्ड देखा.. तो मैं बोला- देखने दो.. कुछ दिन बाद वो मेरे लण्ड को अपने हाथ में भी लेगी और मुँह में भी लेगी और चूत में भी लेगी।
गाँव की पड़ोसन भाभी एकदम मक्खन जैसी गोरी और वो अपने मोटे चूतड़ मटका कर चलती थी.. भाभी की निगाहें नशीली थीं शायद वो मुझे अपनी हवस मिटाने के लिए लाइन देती थी.. पर मैं समझ ना पाता था।
अपनी एक दोस्त के साथ सेक्स करने उसके कमरे पर जाता था तो उसकी सहेली भी वहाँ होती थी, उसकी आँखों में अजीब सी कशिश और शरारत होती थी, सेक्स की तलब दिखाई देती थी।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको, मार्च महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
एक रात मैंने अपनी टीचर मकान मालकिन को उसकी छात्रा के साथ लेस्बियन सेक्स करते देखा तो उनकी वीडियो बना ली और फिर मैंने मकान मालिकन को कैसे चोदा.. इस कहानी में!
अन्दर उसने पैंटी पहनी हुई थी.. जिसकी वजह से मैं उसकी चूत को खुलकर नहीं सहला पा रहा था.. और इधर मेरा लंड अपने पूरे शवाब पर था। मैंने एक हाथ से उसकी सलवार को खोला, दूसरे हाथ से लंड बाहर निकाला.
मैं अपने चाचा के घर रहता था तो वहां मैंने उनकी बेटी यानि अपनी चचेरी बहन की अनछुई कुंवारी चूत को कैसे चोदा... इस कहानी में पढ़ कर मज़ा लीजिये!
पड़ोस की चाची के साथ होली खेलते हुए मेरा हाथ उनके ब्लाउज में घुस गया और फट भी गया. मैं गर्म हो गया लेकिन कुछ नहीं कर सका. फिर मुझे मौक़ा मिला उन्ही चाची के बदन से खेलने का!
फोन पर गलत नम्बर से एक लड़की से दोस्ती हुई, बात होने लगी तो पता चला कि वो शादीशुदा इन्डियन भाभी है. उससे मिलाने की बात हुई तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया.
मैं थोड़ी देर तो दोनों हाथ दिवार पर टिकाये, झुका हुआ, कूंकता हुआ चुदवाता रहा, लेकिन फिर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने फिर एक हाथ से अपनी गांड थाम ली।
रचना ने भाभी की गांड के अन्दर क्रीम लगा दी और मेरे लंड में भी क्रीम लगा दी। भाभी की मस्ती बढ़ती ही जा रही थी, वो अपनी उँगली को अपने चूत के अन्दर बाहर कर रही थी।
उसके होंठ काँपने लगे, धड़कनें और तेज हो गई। मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, साथ ही उसको किस भी करने लगा। हम नंगे होकर एक दूसरे के बदन से खेलने लगे।
और उसने खुद ही अपने मम्मे मेरे आगे कर दिए। मैं भी उसके मम्मों को हल्के हल्के सहलाने लगा और फिर उसके गोल और छोटे कुंवारे चूतड़ों पर भी हाथ फेरने लगा।
मैं थोड़ा झिझका लेकिन फिर घुटनों के बल बैठ कर उसका लण्ड चूसने लगा, उसके लण्ड की खुशबू मेरे नथुनो में भर गई। मैं उसका और उसके लण्ड का दीवाना था।