जेम्स की कल्पना -4
कल्पना ने जेम्स के बार-बार इसरार पर एक बार ठहरकर अच्छे से लिंग को अंदर-बाहर होते देखा, फिर आँखें बंद कर लीं। उसने योनि को मथते लिंग को कमर उचकाकर और नजदीकी दी!
कल्पना ने जेम्स के बार-बार इसरार पर एक बार ठहरकर अच्छे से लिंग को अंदर-बाहर होते देखा, फिर आँखें बंद कर लीं। उसने योनि को मथते लिंग को कमर उचकाकर और नजदीकी दी!
नहाने गई तो बाथरूम में जब वो अपनी चूत धोने लगी तो एक बार फिर से उसे रोहन का लंड याद आया। उसने अपनी उँगलियों से अपनी चूत चौड़ी करके देखी और मन ही मन बोली- नहीं, रोहन का लंड बहुत मोटा है, वो मेरी चूत में नहीं घुस सकता।
गांव की एक रिश्तेदार कमसिन लड़की मेरे घर रहने आई, शहर आते ही उसका रंग निखर गया और जिस्म भी भर गया, वो एकदम पटाखा बन गई थी, वो अब बहुत हसीन दिखने लगी थी।
उसकी इस हरकत से में और उत्तेजित होने लगा, मैंने अपना हाथ उसके टॉप के अंदर डाल दिया और अब उसके नंगे बदन पर मेरे हाथ रेंग रहे थे, उसके मस्त उभारों को में सहला रहा था।
मैं भाभी से पढ़ता था और भाई के सुडौल बदन को देख, सोच कर मुठ मारा करता था, मैं भैया का लंड लेना चाहता था। एक बार भाभी मायके गई तो मुझे लगा कि मेरा काम बन सकता है।
पति में कमी के कारण लेखिका ने गर्भधारण के लिए अपनी परम सखी से उसके पति की मदद मांगी जिसे उसकी सखी ने अपने पति से बात करके स्वीकार कर लिया और सारी बात हो गई।
बदल सिंग ने पायल को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके गाउन के अन्दर हाथ डालकर उसके मम्मों को दबाने लगा। उसका खड़ा लौड़ा पायल अपनी गाण्ड पर साफ महसूस कर रही थी।
लड़की ही लगती है, उम्र में बड़ी होने के बावजूद… कसे बदन की… ताजगी और सुंदरता से भरी! उसके अपने शब्दों में एकदम 'हॉट' 'सेक्स' और 'फकिंग' के लिए ही बनी हुई।
छोटी बहन की चूत चुदाई मजेदार चल रही थी कि भाई बहन को लगा कि दीदी को उन पर शक है तो दोनों ने अपनी बड़ी बहन को अपने चूत चुदाई के खेल में शामिल करने की योजना बनाई।
दीपक ने मुझे पकड़ लिया और वहीं घास पर पटक दिया और पागलों की तरह चूमने लगा। मैं भी गरम हो गई थी और उसका पूरा साथ दे रही थी। उसने मुझे औंधा किया और मेरी गाण्ड में उंगली करने लगा।
काफ़ी देर तक चूत को चूसने के बाद अपने मुँह में लेकर मेरे मम्मों को पीने लगा। अब मुझे भी मस्ती सी आ रही थी, वो मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था।
पति में कमी के कारण लेखिका गर्भधारण नहीं कर पा रही थी तो उसने अपनी परम सखी से ऐसी मदद मांगी जिसे उसकी सखी के लिये स्वीकार करने का निर्णय लेना अति दुष्कर था।
बदल सिंग को ऐसी हुस्न परी के जिस्म को छूने का जो मौका मिल रहा था, वो पायल के करीब आया और गले से हाथ को ले जाता हुआ उसके मम्मों पर जाकर रुक गया और धीरे-धीरे उनको दबाने लगा।
कल्पना बुरी तरह ठगी गई थी बेचारी… दूसरा पुरुष उसे भोगकर चला गया था और जाकर अंगूठा दिखा दिया था। भला कौन सा ऐसा मर्द होगा जो अपनी बीवी को चुदवाकर यूँ अपना-सा मुँह लिए लौट जाए?
मेरी मस्त पटाका आइटम क्लासमेट मेरे साथ ही कोचिंग में थी। हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई। कहानी में प।धें कि कैसे हमारे बीच चूत चुदाई की शुरुआत हुई।
मैं अपनी बीवी को चर्मोत्कर्ष तक ले गया, हम दोनों पर पागलपन सवार था, खूब आवाजें निकल रही थी आनन्द से चीखने चिल्लाने की कि भाई ने दरवाजा खटका दिया।
ट्रेन में भीड़ के कारण मुझे अपनी सहेली के साथ ए सी कोच में बिना टिकट चढ़ना पड़ा. टीटी आया तो उसे पैसे देकर टालने की कोशिश की लेकिन उसकी कामुक नज़र तो हम दोनों की जवानी पर थी.
चाची के बदन की अगन नहीं बुझती थी क्योंकि चाचा अकसर काम से बाहर रहते थे. मैं उनके घर रहने गया तो चाची ने मुझे अपनी अन्तर्वासना का शिकार बनाया! मज़ा मुझे भी बहुत आया..
वाह बॉस.. आज तो मज़ा आ गया.. साली क्या मस्त माल है.. कसम से उसको तो बस एक घंटे तक सिर्फ़ चूसता ही रहूँगा.. उसके बाद साली को घोड़ी बना कर ऐसा चोदूँगा कि वो मेरे को क्या याद करेगी।
ऐसे पाठकों के दिमाग़ी दीवालिएपन पर तरस आता है क़ि अगर वो जगह जगह मुँह मारने वाली होती तो उसने पति के विदेश जाने के बाद 6 साल तक खुद पर काबू नहीं रखा होता।