ऑफिस ट्रेनर की चूत और गान्ड चोद दी
ऑफिस ट्रेनिंग के लिए मेरी ट्रेनर अफ़रोज़ बहुत सेक्सी थी. हमारी बातचीत बढ़ गई, मैं बाइक पर उसे रूम पर छोड़ने जाने लगा, उसकी चूचियाँ मेरी पीठ में गड़ती थी. हम फोन पर बात करने लगे.
ऑफिस ट्रेनिंग के लिए मेरी ट्रेनर अफ़रोज़ बहुत सेक्सी थी. हमारी बातचीत बढ़ गई, मैं बाइक पर उसे रूम पर छोड़ने जाने लगा, उसकी चूचियाँ मेरी पीठ में गड़ती थी. हम फोन पर बात करने लगे.
मैं वॉल्वो बस में पीछे की सीट पर सो रहा था कि मेरी पैन्ट पर एक हाथ महसूस हुआ. मैंने आँख खोल कर देखा तो वो एक हसीं लड़की का हाथ था. मैंने उससे पूछा तो सॉरी बोलने लगी.
मैंने उसकी गरम चूत पर लण्ड फिक्स किया और पहला धक्का मारा.. जिससे मेरा थोड़ा सा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। मैंने ऐसा सुना था चूत में लण्ड जाता है तो ब्लड निकालता है.. पर वैसा कुछ न हुआ।
एक लड़की मेरे पास आई और बोली- ये टॉप निकाल दो.. यहाँ पर सिर्फ़ ब्रा में ही घूमना पड़ता है.. जब तक कस्टमर को कुछ दिखाओगी नहीं.. तो कैसे कस्टमर को फंसाओगी।
मैंने उसकी पैंट और कच्छी उतार दी। उसकी पैन्ट उतारते ही उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा। उसकी चिकनी चूत जो अभी एक दिन पहले ही शेव हुई थी.. मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगा।
मैं उनके ऊपर अपनी टाँगें फैला कर बैठ गई। मैंने एक हाथ से योनि को फ़ैलाने की कोशिश की.. और दूसरे हाथ से लिंग को पकड़ सीधा कर योनि के छेद पर रास्ता दिखाते हुए कमर नीचे दबाने लगी।
यह कहानी है एक युवक और उसके पिता की दूसरी पत्नी के बीच यौन सम्बन्धों की… युवा पत्नी को वो कामसुख नहीं मिल पाया जिसकी कामना किसी भी युवती को होती है तो वो अपने पति के युवा पुत्र से अपनी अन्तर्वासना की तृप्ति करती है।
यह कहानी मेरी बुआ और मेरे बीच सेक्स की है, जब किसी कारण से सभी रिश्तेदार गाँव वाले घर में इकट्ठे हुए तो रात को मुझे और बुआ को एक बिस्तर पर सोना पड़ा. आगे कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ!
मैं आलिंगन से छूटा तो बोला- उफ़ लोनी, तुम तो कमाल की चीज़ हो… क्या हॉट और सेक्सी शरीर है तुम्हारा! यह कहते हुए मैंने उसके गोल गुदाज़ मम्मों पर हाथ फेरा और फिर दोनों हाथों से उसके उभरे हुए चूतड़ों को सहलाया।
मैंने सबसे पहले अपनी साड़ी निकाली और बोली- ये नीचे टाँगों और मेरी चूचियों को ढकने में काम आती है। अब बारी थी मेरे ब्लाउज की.. तो मैं उसके हुक एक-एक करके खोलने लगी।
गर्मी की छुट्टियों में डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर सुन्दर व मासूम चेहरे वाली रजनी के साथ सेक्स की कहानी। यह उसका पहला सेक्स था, बहुत उतावली थी वो चूत चुदाई के लिए... पढ़ कर मज़ा लीजिये।
मिलन की जोरदार चुदाई के बाद मै दोबारा उसे चोदने का मौक़ा ढूंढ रहा था कि एक दिन मै.न अकेला था और वो गुस्से में मेरे घर आई और मुझे थप्पड़ मारा. उसके बाद क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए!
वह कोशिश कर रहा था कि मेरी मुनिया दिखे.. मैंने भी संतोष की यह कोशिश जरा आसान कर दी। मैंने पूरी तरह सोफे पर लेटकर पैरों को चौड़ा कर दिया। मेरा ऐसा करने से मानो संतोष के लिए किसी जन्नत का दरवाजा खुल गया हो.. वह आँखें फाड़े मेरी मुनिया को देखने लगा।
उन्होंने मुस्कुराते हुए मेरी योनि के दोनों होंठों को दोनों हाथों की उंगलियों से फैला कर छेद को चूम लिया.. ऐसा लगा जैसे एक बिजली का झटका मेरी योनि से होता हुआ मेरे दिमाग में चला गया।
मैंने उतनी ही बेशर्मी से कहा- ...मुझसे मत छुपाइये... क्या आपने राज का लंड नहीं पिया... क्या आपने राज की गांड नहीं मारी... और क्या राज ने आपका लंड नहीं पिया। अगर आप लोग कर सकते हैं तो मैं और लीना एक दूसरे की चूत क्यों नहीं पी सकते?
मेरी पड़ोसन भाभी ग़ज़ब की सेक्सी हैं.. एक दिन भाभी ने मुझे बाइक से उज्जैन छोड़ कर आने को कहा। रास्ते में भाभी को पेशाब लगी तो वो झाड़ी में मूतने बैठी। मुझे उनकी चूत दिख गई।
ठीक है.. मेरी रानी.. मैं देखती हूँ.. अब तू तैयार हो जा अच्छे से.. तेरे जिस्म पर एक भी बाल नहीं होना चाहिए.. ना नीचे.. ना बगलों में.. और ये वाले ब्रा-पैन्टी पहनना नए वाले.. क्योंकि इसमें तेरी चूचियों का साइज़ अच्छा उभर कर आएगा।
बेडरूम में जाकर वोु मेरे कंधे पकड़ कर नीचे लेट गईं.. फिर मेरे गले में हाथ डालकर मुझे अपने ऊपर खींच कर किस करने लगीं। मैंने उनकी चूत की फाँक पर अपना लण्ड रगड़ा। 'अन्दर डालो न..' कहते हुए उन्होंने मेरे होंठों को हल्के से काट लिया।
मैं पति से जानबूझ कर थोड़ा गुस्सा होकर बोली- मैं यहाँ चुदने आई थी.. पर यहाँ तो परिन्दा भी नहीं है, जो मेरी चुदाई कर सके.. शायद मेरी किस्मत में आज चुदाई लिखी ही नहीं है।
इतनी मुलायम चूत शायद ही मैंने कभी जिंदगी में चखी थी। मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। वो पूरा ज़ोर लगाकर अपनी गरम चूत मेरे मुँह पर दबाए जा रही थी। मैंने भी जीभ बाहर निकाली और उसकी चूत में घुसेड़ दी।