मेरा गुप्त जीवन- 77
ग्रुप सेक्स की लीडर हिना मुझे अपने घर ले गई और वहाँ उसने हमारे ही कॉलेज की एक महिला प्रोफ़ेसर को भी बुला रखा था. प्रोफ़ेसर की अन्तर्वासना भड़की हुई थी.. वो मुझसे कैसे चूड़ी, इस कहानी में...
ग्रुप सेक्स की लीडर हिना मुझे अपने घर ले गई और वहाँ उसने हमारे ही कॉलेज की एक महिला प्रोफ़ेसर को भी बुला रखा था. प्रोफ़ेसर की अन्तर्वासना भड़की हुई थी.. वो मुझसे कैसे चूड़ी, इस कहानी में...
एक मेरा एक दोस्त मेरे घर आया और उसने आंटी को देखा और मेरे से बोला- यह यहाँ कब आई? मैंने बोला- एक साल हो गया है। बोला- यह पहले जहाँ रहती थी.. वहाँ पर इसको एक दुकानदार चोदता था और ये उससे सामान फ्री में ले जाती थी।
मेरी बहन ने मेरे दोस्त को अपना नंगा बदन दिखा कर फांस लिया और दोनों 69 में होकर लंड चूत चूसने चाटने लगे. इतने में मैं ऊपर से आ गया और ब्लैकमेल करके दोस्त को उसकी बहन को पटाने में मदद का वादा लिया..
नहीं रॉनी.. मैं इतना पागल नहीं हूँ.. जो बहन को यहाँ लाऊँगा.. मैं बस उसके साथ गेम खेलूँगा और जीत भी मेरी होगी.. उसके बाद उसकी बहन को उसके सामने चोदूँगा.. तब जाकर मेरा गुस्सा ठंडा होगा।
हम तीन लड़कों ने तीन लड़कियों की चूत की चुदाई शुरू की। दो लड़के तो जल्दी ही दोनों लड़कियों को प्यासी छोड़ कए झड़ गए तो उन दोनों लड़कियों की चूत चुदास भी मुझे बुझानी पड़ी।
मेरे दोस्त की बहन नीलू मुझे पसंद थी लेकिन दोस्ती के कारण मैंने कुछ नही किया. एक दिन उसके घर गया तो दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड को मिलने गया और नीलू मेरे पास आ गई. उसने बताया कि वो मुझे पसंद करती है.
स्नेहल की कुंवारी चूत की पहली चुदाई के बाद अब मेरा मन उसकी कुंवारी गांड मारने का कर रहा था। मेरे मन मे ख्याल आया और मैंने परीक्षा की तैयारी के बहाने उसे अपने घर में बुला लिया।
मैं ऑफिस में अन्तर्वासना कहानी पढ़ कर लौड़ा मसल रहा था कि एक साथी पूजा ने देख लिया. वह काम के बहाने मेरे कम्प्यूटर पर बैठ गई, मैं बाहर चला गया. वापिस आया तो..
मेरी बहन ने मेरे दोस्त को बुलवा लिया और उसे रिझाने लगी। मुझे बहाने से घर से बाहर भेज वो बाथरूम में चली गई और सूर्या को वहाँ बुला कर अपना गीला बदन दिखाया।
कॉलेज में उर्मि ने एक अमीरजादी से मिलवाया जो मेरे लंड की परीक्षा लेना चाहती थी और ग्रुप सेक्स का खेल खेलना चाहती थी.. कार्यक्रम बनाने के लिए हम सब घर आ गए.
मैं तो सोच रही हूँ कि अपनी और तुम्हारी माँ को यहाँ बुला लूँ और सारे डिलडो उनकी गाण्ड और चूत में डाल कर देख कर अपनी प्यास बुझा लूँ या फिर अपने ससुर से कहूँ कि आकर मुझे चोद दे बुड्ढे!
दोस्तो, आज आपके लिए एक नई कहानी पेश है। यह एक ऐसी कथा है जो बताती है कि जब काम दिमाग में चढ़ जाता है तो फिर और कुछ नहीं सूझता। यह कहानी है इलाहाबाद के रहने वाली एक बहुत ही संभ्रांत घर की महिला जिसका नाम है सरोजिनी। अब इलाहबाद में सरोजिनी को ढूंढने […]
रेल में भीड़ थी। मैं बैठा हुआ था.. एक लड़की मेरे पास खड़ी हो गई, मैंने थोड़ी जगह बना कर उसे बैठा लिया, मेरी बाजू उसके चूचों से टच होती तो वो मेरे से सट गई! मैंने बात करना शुरू कर दिया..
धीरे धीरे सारे दोस्त गेम के इकट्ठे होने लगे कि एक दोस्त अपनी बहन को साथ ले आय, वो उसे कहीं और छोड़ने गया तो पीछे से सब मिल कर उसकी बहन की ही बात करने लगे।
अब भाभी मेरे लंड को अपनी गांड में डाल चुकी थी, चेहरा उनका बिल्कुल लाल हो गया था, क्या लग रही थी! मैं भाभी की कमर पकड़ के नीचे से हल्का धक्का देने लगा, ऊपर से भाभी अपने चूतड़ ऊपर नीचे कर के मुझे चोदने लगी।
कुछ दिन बाद उर्मि मुझको कॉलेज में फिर मिली। शरमाते हुए उसने बताया कि इसकी इच्छा हो रही है मेरे लंड से चूत चुदवाने की.. मैं उसको साथ लाकर घर आया और उसकी प्यासी चूत को पूरा मज़ा दिया.
प्रिय अन्तर्वासना पाठको सितम्बर महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
मैंने भी उसकी गांड के छेद को फैलाया और चाटने लगा, गांड चाटते-चाटते मैं सुहाना से बोला- जानू यार तुम्हारी गांड तो बड़ी मस्त है, और स्वाद भी बड़ा ही मजेदार है। यार मेरा लंड नहीं मान रहा है।
मेरी बहन मेरी चुदाईयों के बारे में पूछने लगी तो मैंने भी उसकी चूत चुदाईयों के बारे में पूछा. मैं उसके एक यार की बहन को चोदना चाहता था, वो एक शर्त पर राजी हुई कि मैं अपने दोस्त से उसे चुदवाऊँ !
मेरे मामा की लड़की हमारे घर आई तो हम आपस में दोस्त बन गए। उसका बदन, चूचे मेरे से छू जाते थे तो मुझे मजा आता था। एक रात वो मेरे ही बिस्तर पर सोई तो क्या हुआ…