बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -7
मेरी बहन मेरी चुदाईयों के बारे में पूछने लगी तो मैंने भी उसकी चूत चुदाईयों के बारे में पूछा. मैं उसके एक यार की बहन को चोदना चाहता था, वो एक शर्त पर राजी हुई कि मैं अपने दोस्त से उसे चुदवाऊँ !
मेरी बहन मेरी चुदाईयों के बारे में पूछने लगी तो मैंने भी उसकी चूत चुदाईयों के बारे में पूछा. मैं उसके एक यार की बहन को चोदना चाहता था, वो एक शर्त पर राजी हुई कि मैं अपने दोस्त से उसे चुदवाऊँ !
मेरे मामा की लड़की हमारे घर आई तो हम आपस में दोस्त बन गए। उसका बदन, चूचे मेरे से छू जाते थे तो मुझे मजा आता था। एक रात वो मेरे ही बिस्तर पर सोई तो क्या हुआ…
दूर के रिश्ते में मेरी बहन सर्दियों में तीन दिन मेरे साथ अकेली रही तो हम दोनों के बीच सेक्स सम्बन्ध हो गए. रात को उसने मेरी रजाई में घुस कर चूत चुदाई करवाई.
अब उर्मि नंगी ही हम तीनों के सामने थी, मैं तो उसके मम्मों और काले बालों से ढकी चूत को देख कर मुग्ध हो गया, फिर उर्मि के गोल चूतड़ देखे तो मन एकदम पगला गया और मैंने आगे बढ़ कर उर्मि को फिर से गले लगा लिया।
मैंने उसे कहा- आज के दिन प्यार से कर रहा हूँ, बाद में तुम्हें बहुत दर्द दूँगा मैं! उसने कहा- तुम्हारा दिया हुआ दर्द भी मुझे मीठा लगता है। और आज से मैं तुम्हारी हूँ, तुम्हें मेरे साथ जो करना है, वो तुम कर सकते हो।
उसने कहा- मुझे नहीं लगता कि कोई लड़का किसी लड़की की पूर्ण रूप से प्यास बुझा सकता है.. तो मैंने जरा शब्दों को खोलते हुए कहा- ऐसा नहीं है.. आज तक मुझे कोई ऐसी लड़की नहीं मिली.. जो मेरे लण्ड से तृप्त ना हुई हो..
रॉनी ने चादर से मुनिया की चूत को अपने बड़े लंड से चोद दिया। उधर गर्ल हॉस्टल का चौकीदार बबलू अपने साथी को बता रहा है कि कैसे उसने पायल का बदन और चूत देखी।
हम दोनों टॉयलेट में आ गये, वो बैठने लगी, मैंने उसे उठाते हुए कहा- अगर तुम बैठ कर मूतोगी तो मैं कैसे देखूँगा। 'लो देखो…' कहकर वो खड़े खड़े ही मूतने लगी और उसके बाद मैं मूतने लगा।
कहानी के इस भाग में कि कैसे भाभी से रिश्ता आगे बढ़ा, कैसे भाभी ने अपनी कुंवारी गांड मुझे चोदने दी, पहले मैंने उंगली घुसा कर गांड के छेद को खुला किया और फ़िर…
अचानक देवर का लंड देखने को मिला, बहुत बड़ा था. काफी दिन से मेरी चूत में लंड नहीं घुसा था क्योंकि मेरे पति फौज में हैं तो मैंने देवर का लंड चूत में लिया.
थोड़ी देर शांत रहने के बाद मैंने अपने होठों से उसके होंठों को आजाद छोड़ कर उसे कहा- स्नेहल, रो मत, जो दर्द होना था हो गया अब और दर्द नहीं होगा अब तो तुम्हें सिर्फ जन्नत की सैर करनी है।
मेरी सुहागरात की बात, लेकिन कहानी में कुछ मिर्च मसाला और कल्पना भी है कि रोचकता बनी रहे और आपको पढ़ने का भी मजा मिले! इस दूसरे भाग में मेरी बीवी का शील भंग!
कॉलेज में मुझे दो लड़कियों ने रोक लिया जिन्हें मैंने नैनीताल में चोदा था, वे फिर मुझसे चुदना चाहती थी साथ ही अपनी एक चुदासी सहेली को भी मिलवाया. मैं मान गया.
जैसे ही मैंने अपने लंड अपनी छोटी बहन की अनचुदी चूत की तरफ बढ़ाया.. वो बोली- इसे तुम इतने छोटे छेद में डालोगे.. तो ये तो फट नहीं जाएगी.. मैं मर जाऊँगी।
मेरी किरायेदार भाभी बहुत मस्त है, मुझे रोज भाभी का सेक्सी फिगर देख कर मुठ मारनी पड़ती थी। उसे भी पटा था कि मैं उसकी चूचियों को घूरता हूँ. तो वो कैसे चुदी... इस कहानी में पढ़ें !
मैं पलंग पर लेट कर सोचने लगी कि भाभी कितनी ख़राब है.. जो अपने देवर से ही ये सब करवाती हैं। राहुल अपनी गर्लफ़्रेण्ड की बात करने लगा और मेरे बॉयफ़्रेन्ड की भी !
उसके तन-बदन में तो पहले से ही इतनी आग लगी हुई थी तो वो भला कैसे मना कर पाती, उसने अपनी स्वीकृति सिर्फ गर्दन हिलाकर दी और अपने हाथ फैलाकर मुझे आलिंगन देना चाह रही थी।
मुझे पहली बार पता चला कि अंजलि तो चूत पीने में पूरी खिलाड़ी है। पांच मिनट के अंदर हम दोनों पसीने में नहा गईं थी। हम दोनों की चूत से पिचकारी निकल रही थी...
मासूम मुनिया के बदन को दोनों भाइयों ने मस्ल कर उसे इतना उत्तेजित कर दिया कि वो भी अब चाह रही थी कि उसकी पानी छोड़ती फ़ुद्दी में कुछ हो जाये ! और एक धक्का आया!
भाभी जल्दी ही चुदाई में पूरी तरह से रंग गई और खूब ज़ोर ज़ोर से मेरे धक्कों का जवाब देने लगी। कोई 10-12 मिन्ट बाद मैंने महसूस किया कि भाभी के गर्भाशय का मुंह खुल रहा है।