वीर्यदान महादान-3
विक्की कुमार जैसे ही कामना मेरी बाहों में आई तब मुझे आभास हुआ कि हम दोनों के मध्य दो विशाल पहाड़ टकरा रहे हों, अहा ! तो ये कामना के वक्ष थे जो शोले से दहक रहे थे, ऐसा लग रहा था जैसे उनमें से आग की लपटें निकल रही थी, जो मेरे बदन को […]