पर पुरुष समर्पण-2
मधुरेखा लेकिन उसने बिना कुछ बोले फ़िर से मेरे लबों को अपने लबों की गिरफ़्त में ले लिया। काफ़ी देर वो मुझे चूमता रहा। हम दोनों उत्तेजित हो चुके थे। मैंने अपना ब्लाऊज और ब्रा पूरी तरह से अपने बदन से अलग करते हुए कहा- इन्हें जोर जोर से चूसो शचित ! और मैं शचित […]