चूत की आग के लिए मैं क्या करती-6
घंटी बजी, दरवाजा खोला तो दूध वाला था। दूध लिया, बाहर देखा तो सुशील मेरी तरफ़ ही देख रहा था, मैंने उसको कहा- सुशील, चाय पीनी हो तो आ जाओ! वो आ गया, उसने सारी औपचारिकताएँ की- नमस्ते भाभी! भैया क्या सो रहे हैं? मैंने कहा- नहीं, मुंबई गए हैं 10 दिनों के लिए! इतना […]