मसक कली मौसी-2
मैं : ना मौसी ना ! मेरी फ़ट जा गी ! तू मन्ने बख्श दे ! मन्नै नी लेणे मज़े ! डण्डे के चूत पर रगड़ने से मुझे मज़ा तो बहुत आ रहा था, मेरे चूतड़ बार बार अपने आप ही उछल उछल कर उसे अपने अन्दर समा लेने का यत्न कर रहे थे, मौसी […]
मैं : ना मौसी ना ! मेरी फ़ट जा गी ! तू मन्ने बख्श दे ! मन्नै नी लेणे मज़े ! डण्डे के चूत पर रगड़ने से मुझे मज़ा तो बहुत आ रहा था, मेरे चूतड़ बार बार अपने आप ही उछल उछल कर उसे अपने अन्दर समा लेने का यत्न कर रहे थे, मौसी […]
प्रेषिका : कामिनी सक्सेना सहयोगी : रीता शर्मा मेरी सहेली-1 रीता के पति राहुल अभी तक घर नहीं आए थे। रीता ने अपना सामान रसोई में रखा और खाना बनाने की तैयारी करने लगी। उसे रह रह कर साहिल से चुदाई की याद आ रही थी। लगभग ७ बजे राहुल आया। काम भी पूरा हो […]
नेहा वर्मा मैं स्कूल में बायलोजी विषय की टीचर थी. १२ वीं क्लास को पढाती थी. मेरी क्लास में लड़के और लड़कियां दोनों ही पढ़ते थे. स्कूल में साड़ी पहनना जरूरी था. मैं दूसरी टीचर्स की तरह खूब मेक-अप करती और खूबसूरत साडियाँ पहन कर स्कूल आती थी, जैसे कोई स्पर्धा चल रही हो. क्लास […]
प्रेषक : राज मेहता हाय दोस्तो, मुझे यकीन नहीं होता कि आठ महीने बाद मेरी कहानी को गुरूजी का आशीर्वाद मिलेगा। आप अब आगे की कहानी का मजा लीजिये ….पर जो नए हैं वो आंटी का मीठा मीठा दर्द-1 पढ़ लें ! इसके बाद आगे की कहानी पढ़ें। तो दोस्तो, उसके बाद आंटी मुझसे अलग […]
वो अभी भी पूरा तना हुआ था और अपनी रूबी दीदी की बुर में जाने को बेताब था... .. इतने में मेरा बॉस खड़ा होकर अपने कपड़े पहनने लगा... मैं बेड पे ही लेटी थी...
उसका तना हुआ लंड देख कर मैं भी थोडी गरम हो गई थी .. वैसे तो उसका लण्ड मेरे बॉस के लण्ड से कम लंबा और मोटा था... उसने मुझसे कहा जल्दी से चूसना शुरू करो ना...
उस दिन शाम को हम बाहर घूमने गए थे, घूमते घूमते हम बाज़ार में पहुँच गए। फ़िर शीला को पता नहीं क्या हुआ, मुझसे बोली- तुम कॉफ़ी शॉप में रुको ! मैं आधे घंटे में आती हूँ ! मैं जाकर कॉफ़ी शॉप में बैठ गया। शायद चालीस मिनट बाद शीला आई। उसके हाथ में तीन […]
मेरे सभी दोस्तों को मेरा प्रणाम ! मेरी पहली कहानी आपने पढ़ी और जो प्यार भरे मेल किए उनके लिए धन्यवाद ! पर वह कहानी वहीं ख़त्म नहीं हुई थी। अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो में अकेला ही बिस्तर में था, शीला मेरी बगल में नहीं थी। मैंने शीला को पुकारा तो उसने […]
संपादक : मारवाड़ी लड़का मेरा नाम विक्की, राजकोट (गुजरात) में रहता हूँ। यह मेरी तीसरी कहानी है अन्तर्वासना पर। यह कहानी है मेरे दोस्त विशाल की प्रेमिका अवनी और मेरी ! विशाल मेरा बहुत ही करीबी दोस्त था। हम दोनों रोज एक ही साथ घूमते थे और साथ साथ ही मस्ती करते थे। उसकी एक […]
मैं सारिका इक्कीस वर्षीया महाराष्ट्रियन सुन्दरी नागपुर से ! लोग कहते हैं कि मैं बहुत सुंदर हूँ और शायद मैं हूँ भी ! क्योंकि मेरे पास वो सब कुछ है जो एक लड़की में एक पुरूष देखना चाहता है : 34 इन्च की चूचियाँ, 26 इन्च की पतली कमर, 36 इन्च के मस्त कूल्हे ! […]
आप सबको मेरा नमस्कार एवं धन्यवाद कि आप सबने मेरी कहानियाँ पसंद की और ढेरों पत्र लिखे ! आज आपके सामने अपनी नई कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ ! मैं अपने काम से बॉस के घर के ऑफिस में ही था। काफी दिनों से कोई काम आया नहीं था और उधर की तरफ कोई ध्यान […]
प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू करेन और मैं चुपचाप देखते रहे। मैं अपने लिंग को दबाना और सहलाना चाह रहा था लेकिन साहस नहीं कर पा रहा था। करेन ने पेड़ की लटकती डाली को पकड़ लिया और आगे की ओर झुक गई। उसी पल उस आदमी की नज़रें हम दोनों पर पड़ी। पर […]
प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू नग्नता एक अलग बात थी, लेकिन क्या मेरी बहन ने मुझे हस्तमैथुन करते देख लिया है? मैं सोचने लगा कि सुबह को मैं अपनी बहन करेन का सामना कैसे करूंगा अगर उसने मुझे हस्तमैथुन करते देखा होगा तो ! गर्म धूप और खिड़की से आती हुई चिड़ियों के चहचहाने […]
प्रेषक : राहुल गुप्ता हेलो दोस्तो ! मेरा नाम सुमित है और मैं दिल्ली में एक जगह घोन्डा में रहता हूं मैं २० साल का हूं मेरा लन्ड भी लोहे की राड की तरह खड़ा होता है तो दोस्तों मैं सुनाता हूं आपको अपनी सच्ची कहानी। बात उन दिनों की है जब मैं १२ क्लास […]
बहुत से लोग शाम को स्पा में बैठते हैं और एक शोर सा होता रहता है।” मैंने कहा। “हम भी चलें?” करेन ने पूछा। “ज़रूर, क्यों नहीं !” रेलिंग से उसने बिकिनी को उठाया और कहा,”अभी भी चिपचिपा और गीली है, मैं यह नहीं पहन सकती !” “तो मत पहनो !” मैं मुस्कुराया। उसने एक […]
हिमेश का लण्ड देख कर ही मेरी तो बांछें खिल गई। मैंने भी पहली बार इतने विशाल लण्ड के दर्शन किए थे। मेरी एक दीर्घकालीन मनोकामना आज पूर्ण होती दिख रही थी।
प्रेषिका : गुड़िया संपादक : मारवाड़ी लड़का सभी पाठकों को और गुरूजी को मेरा सप्रेम प्रणाम ! मुझसे तो आप सब अब भली भांति परिचित हो ही गए होंगे! मैं हूँ मस्त पंजाबन ! आप सबके प्यार ने ही मुझे अपने फूफाजी और मेरे बीच के रिश्ते को उजागर करने को मजबूर किया है ! […]
प्रेषिका : गुड़िया संपादक : मारवाड़ी लड़का सभी पाठकों और गुरूजी को मेरा प्यार भरा प्रणाम। आप सभी के ख़त मिले और मुझे यह जान कर बड़ा अच्छा लगा कि आप सबको मेरी कहानी पसंद आई। धन्यवाद आप सभी का। पहले की कहानी में आपने पढ़ा के कैसे मैं एक कच्ची कलि से फ़ूल बनी […]
प्रेषिका :गुड़िया संपादक : मारवाड़ी लड़का सबसे पहले मेरी अन्तर्वासना के मेरे सारे पाठकों को मेरा यानि गुड़िया का प्रेम भरा प्रणाम। मुझे अपनी कहानी “गुड़िया से बन गई चुदक्कड़ मुनिया” के पहले दो भागों के पाठको से बहुत सारी प्रतिक्रियाएँ मिली। इसके लिए मैं आपकी आभारी हूँ। जिन पाठकों ने मेरी इस कहानी के […]
प्रेषिका : गुड़िया संपादक : मारवाड़ी लड़का आप सभी ने मेरी इस कहानी का पहला भाग तो पढ़ लिया होगा न ! अब मैं कहानी का दूसरा भाग आपके सामने ला रही हूँ। मैं उसके बालों में हाथ फेर रही थी और वो मेरे चुचूक चूस रहा था। मेरे लिए यह एक नया अनुभव था। […]