ममेरी बहन के संग
प्रेषक : शिमत सबसे पहले तो मैं गुरूजी को धन्यवाद कहना चाहूँगा कि उन्होंने हमें अपने उदास और वीरान जीवन में अन्तर्वासना की रंगीनियाँ भरने का मौका दिया। मैं पिछले दो सालों से अन्तर्वासना को रोज़ ही देखता हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैंने कई कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं उनसे प्रेरणा […]