चाची की भोसड़ी का भोसड़ा बनाया
जैसे ही मेरा लौड़ा खड़ा हुआ तो मैंने फिर उसके साथ खेलने की कोशिश की, बाहर निकाला उतने में फिर चाची हमारे कमरे में आई। मैंने अपना लौड़ा एकदम पैन्ट में वापिस अंदर डाल लिया।
जैसे ही मेरा लौड़ा खड़ा हुआ तो मैंने फिर उसके साथ खेलने की कोशिश की, बाहर निकाला उतने में फिर चाची हमारे कमरे में आई। मैंने अपना लौड़ा एकदम पैन्ट में वापिस अंदर डाल लिया।
भइया ने मेरे होठों से होंठ मिलाकर चूमना शुरू कर दिया। पांच मिनट के उस किस ने मेरे सेक्स को चरम पर पंहुचा दिया और मेरी चूत लंड खाने के लिए बेकरार होने लगी।
प्रेषक : विजय पण्डित मैं अपनी फ़र्स्ट इयर की पढ़ाई कर रहा था। मुझे याद है उस समय बरसात का मौसम था…. पापा ने मुझे बताया कि दीदी के साथ उदयपुर जाना है। दीदी की उम्र करीब 27 वर्ष की थी। जयपुर में भी एक दिन रुकना है। मुझे घूमने का वैसे ही बहुत शौक […]
मेरा नाम पल्लवी है, मेरी शादी हुए २ साल हो गए हैं, शादी भी २१ साल में हुई थी. लेकिन मेरी शादी में कभी भी शारिरिख सुख का आनन्द नहीं रहा है। शादी के बाद से ही मेरे पति पता नहीं क्यों मुझसे दूर-२ रहा करते थे। पूछने पर कहते कि काम बहुत ज्यादा होता […]
उस समय मेरे मन का शैतान जाग उठता था और कम्प्यूटर पर मैं अन्तर्वासना और अन्य सेक्सी चेनल देखती रहती थी। मुझे रोहन और साहिल के कमरे में से टीवी में से कुछ सेक्सी आवाजें आ रही थी। मैं ऐसी आवाजें खूब पहचानती थी। ये ब्ल्यू फ़िल्म की चुदाई की आवाजें, सिसकारियाँ और इंगलिश डायलोग की आवाजें थी।
प्रतीक जैन सभी पाठकों को फिर से मेरा प्रणाम… दोस्तो सेक्स का अनुभव ऐसा होता है जो इंसान को पूरी जिंदगी याद रहता है और ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ था जो कि मैं आपको बता रहा हूँ। बात तब की है जब मैं 18 साल का था, कक्षा 12 में पढ़ता था […]
प्रेषक – आकाश भट्ट हैलो दोस्तों, मेरा नाम आकाश है, मैं देहरादून का रहनेवाला हूँ, ये बात तब की है जब मैं १२वीं में पढ़ता था। सेक्स के बारे में मेरी जानकारी बहुत थोड़ी थी, और मैं ख्वाबों की दुनिया में ज़्यादा रहता था। मैं पढ़ने में तेज़ था इस वज़ह से काफी लड़कियाँ मुझे […]
मैं 35 साल का मस्त जवान हूँ और मेरा लण्ड चोदने के लिए तड़पता रहता है। बीवी को चोद-चोद कर ये अब कुछ नया चाहता है। हमारे घर में पार्ट-टाईम नौकरानियाँ काम करतीं हैं। लेकिन कोई भी सुन्दर नहीं थी। बीवी बड़ी होशियार थी। सब काली-कलूटी और भद्दी-भद्दी चुन-चुनकर रखती थी। जानती थी ना कि […]